रणजीत सिंह बोले- परिवार के पांच सदस्य सरकार में आ गये, सबका है इम्तिहान

रणजीत सिंह परिवार की राजनीति पर बोले कहा- वे बड़े भाई की मदद करते रहे और वे मुझे हराने में पीछे नहीं रहे। वहीं कहा कि अधिकारी सुन लें आदित्य का काम रुकना नहीं चाहिए

By Manoj KumarEdited By: Publish:Thu, 21 Nov 2019 11:03 AM (IST) Updated:Thu, 21 Nov 2019 11:03 AM (IST)
रणजीत सिंह बोले- परिवार के पांच सदस्य सरकार में आ गये, सबका है इम्तिहान
रणजीत सिंह बोले- परिवार के पांच सदस्य सरकार में आ गये, सबका है इम्तिहान

डबवाली (सिरसा) जेएनएन। बिजली मंत्री बनने के बाद रणजीत सिंह पहली बार पैतृक गांव चौटाला पहुंचे। एतिहासिक चबूतरे पर वर्तमान हालत और पुरानी राजनीति एवं परिवार के राजनीतिक रिश्तों पर भी खूब बोले। कहा-मैं तो रोड़ी में बड़े भाई की मदद करता रहा, वे मुझे हराने में पीछे नहीं रहे। आज भी चौ. देवीलाल की फोटो पर वोट मिलते हैं। मुझे या बिल्लू को , हमें जननायक के नाम पर वोट मिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि मैं किसी पार्टी में नहीं हूं। निर्दलीय तौर पर जीतकर गया हूं।

रणजीत सिंह ने कहा कि देवीलाल का नाम इस्तेमाल करके सरकार में परिवार के चार-पांच सदस्य आ गए हैं, अब हमारा सभी का इम्तिहान हैं। उन्होंने कहा कि आज बच्चे कॉरपोरेट हाउस वाले हैं। चौटाला गांव में आ जाए तो यह पता नहीं कि अगुणिया वास, कांकरिया वास कौन सा है। चिढ़ावा वास किसो है। चौटाला की नहीं जानते तो अगले गांवों के बारे में क्या जानते होंगे। मैंने संघर्ष करते हुए थाने में रात काटी है, जो रोटी मिली, खाई है। आपको कांग्रेस ने क्या दिया? मैंने बहुत रैलियां की, 40 साल कांग्रेस में बिताए।

देवीलाल ने बगावत करके कांग्रेस छोड़ी थी। ओमप्रकाश, प्रताप, फिर मैंने कांग्रेस छोड़ दी। जनसभा के बाद वे तेजाखेड़ा गांव में ताऊ देवीलाल की जन्म स्थली पर गए। वहां अपने पिता को माथा टेका। बाद में तेजाखेड़ा गांव तथा ढाणी सिक्खांवाली में शादी समारोह में शिरकत की। वे आदित्य देवीलाल के घर भी गए।

डबवाली का मंत्री है आदित्य

बिजली एवं जेल मंत्री ने कहा कि आदित्य देवीलाल का पौत्र है। चौटाला में यही रहता है, हम तो रहते नहीं। ओमप्रकाश चले गए, मैं भी चला गया, प्रताप सिंह की आधी गिरदावरी डबवाली में है, आधा यहां रहते हैं। साहब राम का कोई यहां नहीं रहता। चौधरी साहब की वह हवेली, यहां मैं पैदा हुआ, वो इसके पास है। डबवाली हलके तथा चौटाला गांव का मंत्री आदित्य है। मेरा तथा मुख्यमंत्री का हाथ इनके साथ है। जितने अधिकारी खड़े हैं सुन लो, आदित्य का कोई काम नहीं रुकना चाहिए। इनका कोई काम रुक गया तो मैं सुनूंगा नहीं।

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