बंपर पैदावार की उम्मीद पर बारिश ने फेरा पानी

प्रदेश में हुई बेमौसमी बारिश ने किसानों के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है। बारिश के कारण गेहूं सरसों व सब्जियों में जलभराव की स्थिति पैदा हो गई है। जलभराव के कारण किसानों की बंपर पैदावार की उम्मीदों पर पानी फिरता हुआ नजर आ रहा है। धान और कपास के सीजन में किसानों को जलभराव के कारण भारी नुकसान हुआ था। किसानों को उम्मीद थी कि अब गेहूं और सरसों की बंपर पैदावार किसानों के जख्मों पर मरहम लगाने का काम करेगी। परंतु मौसम की मार ने एक बार फिर उनकी उम्मीदों पर पानी फेरने का काम किया है। बारिश के कारण जमीनी पानी का स्तर ऊपर आ गया है। किसानों ने सरकार से स्पेशल गिरदावरी करवाकर मुआवजा देने की मांग की है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 23 Jan 2022 11:12 PM (IST) Updated:Sun, 23 Jan 2022 11:12 PM (IST)
बंपर पैदावार की उम्मीद पर बारिश ने फेरा पानी
बंपर पैदावार की उम्मीद पर बारिश ने फेरा पानी

संवाद सहयोगी, हांसी : प्रदेश में हुई बेमौसमी बारिश ने किसानों के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है। बारिश के कारण गेहूं, सरसों व सब्जियों में जलभराव की स्थिति पैदा हो गई है। जलभराव के कारण किसानों की बंपर पैदावार की उम्मीदों पर पानी फिरता हुआ नजर आ रहा है। धान और कपास के सीजन में किसानों को जलभराव के कारण भारी नुकसान हुआ था। किसानों को उम्मीद थी कि अब गेहूं और सरसों की बंपर पैदावार किसानों के जख्मों पर मरहम लगाने का काम करेगी। परंतु मौसम की मार ने एक बार फिर उनकी उम्मीदों पर पानी फेरने का काम किया है। बारिश के कारण जमीनी पानी का स्तर ऊपर आ गया है। किसानों ने सरकार से स्पेशल गिरदावरी करवाकर मुआवजा देने की मांग की है। क्षेत्र के कई गांव में पानी भराव की स्थिति बनी हुई है। यहां पर प्रशासन की ओर से पानी निकासी के कोई प्रबंध नहीं किए गए है। जलभराव के कारण गेहूं की फसल नष्ट होने की कगार पर है। साथ ही तेज हवाओं व बारिश के कारण सरसों व सब्जियों की फसलों को भारी नुकसान हुआ है। तेज हवाओं के कारण सरसों की फसल गिर गई है। इससे सरसों की फसल में पैदावार में भारी कमी आएगी। चानौत गांव के ग्रामीण संदीप, महावीर, मंजीत, कुलबीर, रामबीर ने बताया कि प्रशासन को जल्द से जल्द पानी निकासी के प्रबंध करने चाहिए। ताकि इस स्थिति पर काबू पाया जा सके। बाक्स : महंगे दामों पर यूरिया खरीद रहे किसान जहां एक ओर किसान जलभराव के कारण परेशान है। वहीं बारिश के बाद किसानों को यूरिया की भी तंगी से गुजरना पड़ रहा है। यूरिया के कारण किसानों को अल-सुबह लाइनें लगाकर सेंटरों के बाहर खड़ा होना पड़ रहा है। दूसरी ओर कई जगह किसानों को ब्लेक में यूरिया लेना पड़ रहा है। साथ ही किसानों को यूरिया के साथ-साथ प्रति बैग के हिसाब से मंहगी-मंहगी दवाइयां भी मजबूरन लेनी पड़ रही है। ऐसे में किसानों पर दोहरी मार पड़ रही है। बाक्स : नैनो यूरिया के प्रयोग के लिए किसानों को किया जा रहा जागरूक एक तरफ तो प्रशासन की ओर से यूरिया की कमी न होने का दावा किया जा रहा है। लेकिन अब भी बाजारों में यूरिया का स्टॉक नहीं है। यदि किसी सेंटर पर यूरिया पहुंचता है तो कुछ ही घंटों में यूरिया का स्टॉक खत्म हो जाता है। विभाग की ओर से किसानों को नैनो यूरिया प्रयोग करने की सलाह दी जा रही है। विभाग की ओर से गांव-गांव जाकर नैनो यूरिया के फायदे बता रहें है। ताकि यूरिया बैग की कमी को पूरा किया जा सके। परंतु किसान नैना यूरिया के प्रयोग पर भरोसा नहीं दिखा पा रहे हैं।

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