थानों में फरियादी को कहना था आइये 'श्रीमान', हां बोल... क्यूकर आया! कह रहे पुलिसकर्मी
पुलिस कर्मी अपने व्यवहार में नहीं ला रहे बदलाव, अभियान के बाद भी रौब में बोल रहे पुलिसकर्मी। पड़ताल करने पर सच आया सामने। पुलिसकर्मी बोला एक महीने का फंडा था खत्म हुआ
फतेहाबाद [मुकेश खुराना] पुलिस और जनता के बीच समन्वय बनाने के लिए सरकार ने भले ही थाने में आने वाले फरियादियों को आइए श्रीमान जी कहने की एक नई पहल शुरू की हो। मगर वर्दी का रौब कहें या सालों से चली आ रही परंपरा। पुलिसकर्मी अभी भी थाने में आने वाले फरियादियों को हां बोल क्यूकर आया कहकर संबोधित कर रहे हैं। आलम ये है कि अभियान शुरुआती चरण में ही दम तोड़ गया है।
बता दें कि पुलिस कर्मचारियों व जनता के बीच आपसी समन्वय स्थापित करने के लिए विभाग की तरफ से आप्रेशन आइये श्रीमान जी की शुरूआत की गई। एक महीने तक इसे अभियान के रूप में चलाया गया। लेकिन ये ना अभियान के दौरान सफल हो पाया और न ही अब पुलिस कर्मी पब्लिक के बीच अपना अच्छा समन्वय स्थापित कर पा रहे हैं।
रविवार को फतेहाबाद में फरियादी को कई थानों व चौकियों में भेजकर पड़ताल की गई तो सच सामने आया। कई जगह तो पुलिस कर्मी फरियाद सुनना तो दूर बैठने के लिए भी जगह नहीं दे रहे हैं। खास बात यह है कि शहर थाना में तो एक पुलिस कर्मी यहां तक बोला कि ये फंडा तो एक महीना का था वो खत्म हो गया। एक और अहम बात यह भी है कि तीन दिन पहले टोहाना में स्वास्थ्य विभाग की टीम दो घंटे एसएचओ के कार्यालय के बाहर खड़ी रही थी लेकिन किसी ने भी बयान दर्ज तक नहीं किए थे। मामला महिला आयोग के पास भी जा चुका है।
पड़ताल में ये आया सामने
स्थान शहर थाना
यहां पर फरियादी मोबाइल गुम होने की शिकायत लेकर गया। कार्यालय में मौजूद कर्मचारी के पास जाकर खड़ा हुआ तो, कर्मचारी ने सीधा बोला हां बोल कैसे खड़ा है। फरियादी ने जब मोबाइल गुम होने की शिकायत बारे कहा तो उसे ई-दिशा में देने के लिए कहा गया।
स्थान बस स्टैंड चौकी
रविवार दोपहर को फरियादी यहां पर मोटरसाइकिल चोरी होने की शिकायत लेकर गया। कर्मचारी यहां पर फरियादी से बोला हां कुकर आया। फरियादी ने जब मोटरसाइकिल चोरी बारे कहा तो उसे जवाब दिया गया कि दो दिन रूक जा, मिल जाएगा।
स्थान सदर थाना
दोपहर बाद फरियादी शिकायत लेकर सदर थाना में पहुंचा। यहां पर भी कर्मचारी ने आइये श्री मान की जगह सीधा बोला हां रै बोल कुकर आया बोला। फरियादी ने जब मारपीट बारे कहा तो उसे कहा लिखित में लेकर आ, फिर कार्रवाई करेंगे।
सीयूजी व थाना, चौकियों के नंबर पर भी नहीं बोल रहे कर्मचारी श्रीमान
पुलिस विभाग की तरफ से पुलिस कर्मचारियों को सीयूजी नंबर जारी कर रखे हैं लेकिन इन नंबरों पर भी फोन करने पर श्रीमान का प्रयोग नहीं हो रहा है। पुलिस कर्मचारी शिष्टाचार की जगह अपनी ही भाषा में बोल रहे हैं।