सिरसा में स्कूल के गेट पर अभिभावकों ने जड़ा ताला, अध्यापक के खिलाफ कार्रवाई की मांग

सिरसा में अभिभावकों ने स्कूल के गेट पर ताला जड़ विरोध प्रदर्शन किया। अभिभावक अध्यापक के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। अध्यापक के व्यवहार से खफा अध्यापकों ने स्कूल खुलने से पहले ही स्कूल के गेट पर ताला जड़ा।

By Rajesh KumarEdited By: Publish:Tue, 05 Jul 2022 11:22 AM (IST) Updated:Tue, 05 Jul 2022 11:22 AM (IST)
सिरसा में स्कूल के गेट पर अभिभावकों ने जड़ा ताला, अध्यापक के खिलाफ कार्रवाई की मांग
सिरसा के सरकारी स्कूल में प्रदर्शन करते अभिभावक।

सिरसा, जागरण संवाददाता। सिरसा के गांव अरनियांवाली स्थित राजकीय हाई स्कूल के गेट को अभिभावकों ने अध्यापक पर बच्चों के साथ दुर्व्‍यववहार के आरोप लगाते हुए स्कूल में ताला लगा दिया। इसके बाद ग्रामीण धरना देकर स्कूल गेट के आगे बैठ गये। स्कूल के ताला लगाने की सूचना मिलने पर चौपटा खंड के खंड शिक्षा अधिकारी अधिकारी जसपाल सिंह ने समझाने का प्रयास किया। मगर ग्रामीणों ने अध्यापक का तबादला किए जाने की मांग पर अड़े रहे।

स्कूल खुलने से पहले ही लगा दिया ताला

गांव में सुबह साढ़े सात बजे ही ग्रामीण चौपाल में एकत्रित हुए। इसके बाद स्कूल खुलने के बाद सुबह आठ बजे ताला लगा दिया। ग्रामीणों ने स्कूल गेट पर धरना शुरू कर दिया। ग्रामीणों ने कहा कि गणित अध्यापक प्रदीप कुमार का रवैया सही नहीं है। अध्यापक का उपचार भी चल रहा है। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग के अधिकारियों की अध्यापक प्रदीप कुमार की शिकायत की गई। इसके बाद खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा गठित कमेटी द्वारा अध्यापक की जांच भी की गई। अध्यापक की जांच रिपोर्ट आ चुकी है। फिर भी अध्यापक पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। वहीं अध्यापक का तबादला नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि अध्यापक का जब तक तबादला नहीं होगा। अध्यापक गेट के ताला नहीं खोलेंगे।

प्रधानाचार्य ने भी माना सही नहीं व्यवहार

स्कूल के प्रधानाचार्य ने जांच कमेटी को बताया कि ग्राम वासियों की शिकायत की अपने स्तर पर स्टाफ सदस्यों व बच्चों से पूछताछ की गई तो पाया कि अध्यापक प्रदीप का व्यवहार अच्छा नहीं है। जिससे प्रतीत होता है कि अध्यापक मानसिक रूप से परेशान है। अध्यापक विद्यालय प्रागंण में थूकता रहता है इसी के साथ मोबाइल पर जोर जोर से बातचीत करता रहता है। उन्होंने कहा कि जांच में बच्चों के अनुसार बिना किसी कारण के कक्षाओं में चला जाता है। इससे बच्चों की पढ़ाई भी बाधित होती है।

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