हिसार जिला परिषद चुनाव में ओम प्रकाश की एक वोट से जीत तो रेनु सबसे ज्यादा वोट से जीती

सरपंच चुनाव में बहुत कम वोट से जीत या एक समान वोट रहने के किस्से आते रहते हैं। हिसार में जिला परिषद के चुनाव में भी ऐसा देखने को मिला। ओम प्रकाश की एक वोट से जीत हुई। हारने वालो

By Manoj KumarEdited By: Publish:Mon, 28 Nov 2022 07:38 AM (IST) Updated:Mon, 28 Nov 2022 07:38 AM (IST)
हिसार जिला परिषद चुनाव में ओम प्रकाश की एक वोट से जीत तो रेनु सबसे ज्यादा वोट से जीती
हिसार जिला परिषद चुनाव में रोचक हार जीत देखने को मिली

जागरण संवाददाता, हिसार। जिला परिषद और पंचायत समिति के चुनाव के बाद विजेताओं की घोषणा कर दी गई। इसमें वार्ड नंबर 19 पर जमकर विवाद हुआ और एक वोट से बाद में ओम प्रकाश को विजेता घोषित कर दिया गया। इसी प्रकार वार्ड नंबर 28 से रेणु ने 7922 वोट से जीत हासिल की है। यह जिले में सबसे ज्यादा जीत है। विजेता घोषित होने के बाद शाम को एडीसी ने सभी को विजेता पत्र दिए।

जिला परिषद का 22 नवंबर को चुनाव हुआ था। उसके बाद रविवार को हिसार प्रथम और द्वितीय का महाबीर स्टेडियम और अग्रोहा खंड की एचएयू के गिरी सेंटर में गणना हुई। सुबह आठ बजे गिनती शुरू होने के साथ ही सभी प्रत्याशियों के कार्यकर्ता मधुबन पार्क के पास एकत्रित होने शुरू हो गए थे। वार्ड अनुसार विजेताओं की घोषणा के साथ ही कार्यकर्ताओं के जोश नहीं थमा।

वार्ड नंबर 19 पर जमकर हुआ बवाल

वार्ड नंबर 19 से धान्सू निवासी भाजपा से संबंधित भारतीय मजदूर संघ के प्रदेश उपप्रधान ओम प्रकाश चुनाव मैदान में खड़े थे। उनके सामने पूर्व पार्षद बीरमति के बेटे जगदीश खड़े थे। दोनों के बीच मतगणना के बाद जमकर बवाल हुआ। दोपहर को ओम प्रकाश एक बार अपने आप को 23 वोट से विजयी बता रहे थे, लेकिन बाद में जोड़ घटा करते हुए एक वोट से खुद को विजयी होने का दावा करने लगे। उसी दौरान जगदीश ने भी खुद को 84 वोट से विजयी होने का दावा करने लगे। उसके बाद एडीसी की तरफ से इस मामले में जांच करवाई गई। वोटों की गिनती हुई तो उसमें ओम प्रकाश एक वोट से विजयी घोषित कर दिया गया। जगदीश की तरफ से शिकायत देकर इस जीत पर सवाल उठाए गए है। उनकी तरफ से दोबारा गिनती की भी मांग की गई। बीरमति ने कहा कि यह गलत हुआ है। पहले जगदीश को विजयी घोषित कर दिया गया था बाद में दूसरे को विजयी बताया।

मधुबन पार्क के पास से निकले जुलूस

मधुबन पार्क के से सभी विजेताओं के जुलूस निकले। पुलिस की तरफ से कार्यकर्ताओं को स्टेडियम की तरफ नहीं आने दिया। वहीं पर बैरिकेटिंग करते हुए रोक दिया गया। कार्यकर्ताओं को जिला पार्षद के पार्षदों को देरी से जीत का पत्र मिलने के कारण काफी इंतजार करना पड़ा। काफी पार्षद जुलूस निकालने के बाद ही वापस पहुंचे और जीत का पत्र हासिल किया।

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