ओड-इवन सिस्‍टम : रोहतक जिले में कितने बाहरी आटोरिक्‍शा, अब पुलिस करेगी पहचान

एनजीटी नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के नियमानुसार एनसीआर में आने वाले जिलों में दस साल से पुराने डीजल और 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहन बंद होने हैं। ऐसे वाहनों पर शिकंजा कसने के लिए पुलिस की तरफ से हर रोज नए योजना तैयार की जा रही है।

By Manoj KumarEdited By: Publish:Fri, 07 Jan 2022 11:54 AM (IST) Updated:Fri, 07 Jan 2022 11:54 AM (IST)
ओड-इवन सिस्‍टम : रोहतक जिले में कितने बाहरी आटोरिक्‍शा, अब पुलिस करेगी पहचान
रोहतक में एनजीटी की गाइडलाइन पर खरा नहीं उतर रहे काफी आटोरिक्‍शा

जागरण संवाददाता, रोहतक : रोहतक जिले की यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए पुलिस हर संभव प्रयास कर रही है। नए सिस्टम के तहत अब उन आटो की पहचान की जाएगी जो रोहतक में रजिस्ट्रड नहीं है। यानी कि ऐसे आटो जो बाहरी जिलों में रजिस्ट्रड है और यहां पर चल रहे है। इनका रिकार्ड अलग से तैयार किया जाएगा।

दरअसल, एनजीटी नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के नियमानुसार एनसीआर में आने वाले जिलों में दस साल से पुराने डीजल और 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहन बंद होने हैं। ऐसे वाहनों पर शिकंजा कसने के लिए पुलिस की तरफ से हर रोज नए योजना तैयार की जा रही है। अब ऐसे आटो की पहचान के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा। गुरुग्राम और फरीदाबाद समेत आदि जिलों में सख्ती के बाद रोहतक में आटो की संख्या काफी बढ़ गया है, जो जाम का कारण बनते हैं।

पिछले दिनों कई ऐसी वारदात भी हुई जिसमें आटो में सवारियों को बैठाकर उनके साथ लूटपाट की गई। ऐसे में अब इन पर शिकंजा कसने के लिए ट्रैफिक पुलिस की तरफ से विशेष अभियान चलाया जाएगा। रोहतक नंबर के कितने आटो है और बाहरी जिलों के कितने आटो चल रहे हैं इसका पूरा रिकार्ड तैयार किया जाएगा। जो आटो एनजीटी की गाइडलाइन पर खरा नहीं उतरते उन्हें यहां से बंद कराया जाएगा। जबकि अन्य आटो के चालकों का भी पूरा ब्योरा पुलिस अपने पास रखेगी। जिससे कोई भी घटना होने पर तुरंत इनका रिकार्ड खंगाला जा सके।

करीब चार हजार आटो चल रहे बाहरी

आंकड़ों के अनुसार, जिले में करीब साढ़े सात हजार आटो रजिस्ट्रड है, जबकि ट्रैफिक पुलिस के अनुसार फिलहाल जिले में दस हजार से अधिक आटो चल रहे हैं। जिनका पुलिस के पास भी कोई रिकार्ड नहीं है। इसमें अधिकतर आटो वही है जो दूसरे जिलों में सख्ती होने के बाद यहां पर आकर चलाए जा रहे हैं।

----

जिले में कितने आटो रजिस्ट्रड है और कितने बाहरी आटो चल रहे हैं इसका पूरा रिकार्ड तैयार किया जाएगा। आटो यूनियन के पदाधिकारियों से भी इस बारे में पूरी जानकारी जुटाई जाएगी।

- इंस्पेक्टर कुलबीर सिंह, एसएचओ ट्रैफिक रोहतक

chat bot
आपका साथी