अब डॉ. मनोहर और डॉ. रामदेव कहें जनाब

मुख्यमंत्री मनोहर लाल और योग गुरु बाबा रामदेव को चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (एचएयू) ने डॉक्टर ऑफ साइंस की मानद उपाधि से अलंकृत किया है। समारोह में 460 छात्रों को डिग्रियां दी गईं।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Sun, 26 Jul 2015 10:30 PM (IST) Updated:Mon, 27 Jul 2015 11:05 AM (IST)
अब डॉ. मनोहर और डॉ. रामदेव कहें जनाब

हिसार। मुख्यमंत्री मनोहर लाल और योग गुरु बाबा रामदेव को चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (एचएयू) ने डॉक्टर ऑफ साइंस की मानद उपाधि से अलंकृत किया है। एचएयू के 24वें दीक्षांत समारोह के अवसर पर यह उपाधि प्राचीन वैदिक संस्कृति के संरक्षण, सामाजिक सौहार्द को बढ़ावा देने तथा नैतिक मूल्यों के संवर्धन द्वारा समाज को दिए गए अमूल्य योगदान के लिए प्रदान की गई। समारोह में 460 छात्रों को डिग्रियां दी गईं।

हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय ने दी डॉक्टर ऑफ साइंस की मानद उपाधि

एचएयू के इंदिरा गांधी आडिटोरियम में आयोजित समारोह में कुलपति डॉ. केएस खोखर ने विश्वविद्यालय की रिपोर्ट प्रस्तुत की। स्वामी रामदेव को योग, आयुर्वेद और कृषि में उनके योगदान पर उपाधि दी गई है। इस मौके पर रामदेव ने कहा कि ज्ञान आधारित विकास की तरह ज्ञान आधारित कृषि भी वर्तमान समय की सबसे बड़ी जरूरत है। उन्होंने आधुनिक तकनीकों के साथ लगभग एक हजार एकड़ भूमि पर विभिन्न प्रयोग किए हैं और प्रति एकड़ एक से पांच लाख रुपये की पैदावार हासिल की है।

एचएयू के दीक्षांत समारोह में 460 छात्रों को दी गईं डिग्रियां

इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि मौजूदा दौर में कृषि के वैज्ञानिक तरीकों तथा आधुनिक तकनीकों को अपनाते हुए हमें खेती को घाटे की बजाय फायदे की खेती बनाना होगा। कृषि वैज्ञानिक एवं नव-स्नातक एक एकड़ पर एक लाख रुपये के लाभ के लक्ष्य को लेकर चलें ताकि किसानों का खेती के प्रति मोह भंग न हो।

बेटियां यहां भी रहीं आगे
राज्यपाल एवं कुलाधिपति कप्तान सिंह सोलंकी कहा कि विभिन्न संकायों में बेटियां अव्वल रहती थीं, लेकिन यहां देखकर खुशी हुई कि कृषि विश्वविद्यालय में भी बेटियां ही अव्वल रही हैं।

कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ ने कहा कि वह यहां से डिग्री लेने के बाद सीखने का कार्य बंद न करें। सीखने की कोई सीमा नहीं होती। हरियाणा ने देश को अच्छे सैनिक और अच्छे किसान दिए है, लेकिन अब किसानों को अच्छा व्यापारी भी बनना होगा। उन्होंने कहा कि हमें अपने कृषि उत्पादों की मार्केटिंग मजबूत करना होगा ताकि हमारे द्वारा तैयार किया गया बीज अमेरिका और यूरोप में बेचा जा सके।


डिग्री प्राप्त करतीं छात्राएं।

chat bot
आपका साथी