जाट आरक्षण आंदोलन में मिंटू गुर्जर हत्या मामले में तीनों दोषियों को आखिरी सांस तक उम्रकैद

2016 में हांसी एरिया में जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान भीड़ ने उपद्रव मचाया था। मिंटू की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। आरक्षण आंदोलन के किसी मामले में पहला फैसला है जिसमें सजा हुई है

By manoj kumarEdited By: Publish:Wed, 30 Jan 2019 04:38 PM (IST) Updated:Thu, 31 Jan 2019 11:22 AM (IST)
जाट आरक्षण आंदोलन में मिंटू गुर्जर हत्या मामले में तीनों दोषियों को आखिरी सांस तक उम्रकैद
जाट आरक्षण आंदोलन में मिंटू गुर्जर हत्या मामले में तीनों दोषियों को आखिरी सांस तक उम्रकैद

हिसार, जेएनएन। जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान हुए उपद्रव और फायरिंग में मिंटू गुर्जर की हत्या करने वाले तीन दोषियों को एडीजे डीआर चालिया की अदालत ने आखिरी सांस तक उम्रकैद की सजा सजा सुनाई है। इस मामले में सिसाय गांव के दलजीत, सोनीपत के पवन उर्फ पौना और दादरी के सुरेंद्र उर्फ झंडा को पिछले 27 जनवरी को दोषी करार दिया था। आरक्षण आंदोलन के किसी मामले में यह पहला फैसला है जिसमें सजा हुई है।
 

पुलिस के अनुसार साल 2016 में हांसी एरिया में जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान भीड़ ने जमकर उपद्रव मचाया था। उपद्रव के चलते लालपुरा के मिंटू की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उसका शव 23 फरवरी 2016 की सुबह मिला था। प्रशासन को एहतियात के तौर पर हांसी एरिया में सेना बुलानी पड़ी थी। सिसाय और सैनीपुरा-ढाणीपाल गांवों के ग्रामीणों के बीच टकराव हुआ था।

तत्कालीन डीसी चंद्रशेखर खरे पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे थे। वहां उपद्रवियों ने ढ़ाणियों में घुसकर तांडव मचाया था और आगजनी की थी। उपद्रवियों ने लोगों पर हमला करने के अलावा पशुओं पर भी अत्याचार किया था। हांसी सिटी थाना पुलिस ने इस संबंध में अलग-अलग केस दर्ज किए थे। पुलिस ने बाद में मिंटू की हत्या के मामले में सिसाय के दलजीत उर्फ जलजीत, सोनीपत के पवन उर्फ पौना और दादरी के सुरेंद्र उर्फ झंडा को गिरफ्तार किया था।

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