एन्‍हांसमेंट इश्यू : तीन जजों की कमेटी की रिपोर्ट पर प्राधिकरण की बैठक में नहीं मिली स्वीकृति

मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में एचएसवीपी के 45 एजेंडा पर हुई चर्चा एन्‍हांसमेंट के मुद्दे पर कोई निर्णय नहीं लिये जाने पर सेक्टरवासियों में रोष

By manoj kumarEdited By: Publish:Sat, 13 Jul 2019 02:18 PM (IST) Updated:Sat, 13 Jul 2019 03:50 PM (IST)
एन्‍हांसमेंट इश्यू : तीन जजों की कमेटी की रिपोर्ट पर प्राधिकरण की बैठक में नहीं मिली स्वीकृति
एन्‍हांसमेंट इश्यू : तीन जजों की कमेटी की रिपोर्ट पर प्राधिकरण की बैठक में नहीं मिली स्वीकृति

जेएनएन, हिसार । मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में 10 जुलाई बुधवार को हुई प्राधिकरण बैठक हुई लगभग दो घंटे चली। बैठक में एचएसवीपी के 45 एजेंडा में से 24 पर स्वीकृति प्रदान की गई। बाकि एजेंडों को लेकर 12 जुलाई शुक्रवार को सीएम की अध्यक्षता में दोबारा बैठक हुई। जिसमें मुख्य सचिव सहित सरकार के आला अधिकारियों के साथ हुडा विभाग के चीफ एडमिनिस्ट्रेटर डी सुरेश विभाग के उच्च अधिकारी शामिल हुए। जिसमें एचएसवीपी की ओर से 45 एजेंडे लाए गए, सभी प्रस्ताव को विचार-विमर्श के बाद अंतिम रूप दिया गया है। एन्हासमेंट के संबंध में काफी चर्चा के बाद भी दोबारा हुई बैठक में कोई निर्णय नहीं लिया जा सका।

यह जानकारी देते हुए ऑल सेक्टर रेजिडेनटस वेलफेयर एसोसिएशन हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष कुलदीप वत्स ने बताया कि प्राधिकरण डेढ़ वर्ष से एन्हासमेंट के मुद्दे पर संघर्ष कर रहे हुडा सेक्टरों में रहने वाले हजारों परिवारों को उम्मीद थी कि दोबारा बुलाई गई बैठक में कोई निर्णय ले लिया जाएगा। काफी लंबी परिचर्चा के बाद विभिन्न जिलों के जिन पांच सेक्टरों की रिकेलकुलेशन चुकी है उनके अलॉटियों के खातों से राशि अपडेट करने और उनका फार्मूला लागू कर प्रदेश के अन्य सेक्टरों की रिकेलकुलेशन प्रकिया पूर्ण करने पर कोई निर्णय नहीं लिया गया। वत्स ने कहा कि प्राधिकरण की बैठक के एजेंडे में शामिल कामॅनलैंड पर गठित तीन रिटायर्ड जजों की कमेटी की रिपोर्ट को भी स्वीकृति प्रदान नहीं की गई, हालांकि सरकार 14 दिसंबर 2018 को जारी नोटिफिकेशन को प्राधिकरण की पिछली फरवरी में हुई 117 वीं बैठक में स्वीकृति प्रदान कर चुकी है। इससे इन्हासमेंट रिकेलकुलेशन के संबंध में सभी नियम हैं लेकिन नोटिफिकेशन में कामॅनलैंड के विषय पर यानि सेक्टरवासियों को अपने प्लाट के अलावा किन स्थानों की इनहासमेंट देनी है इसके लिए तीन रिटायर्ड जजों की राय के आधार पर निर्णय लेने की बात कही गयी है। यानि कमेटी की रिपोर्ट नोटिफिकेशन का ही हिस्सा है। लेकिन प्राधिकरण की बैठक में तीन जजों की कमेटी की रिपोर्ट को स्वीकृति नहीं मिलने से पुरी प्रक्रिया लटक गई,

वत्स ने कहा कि प्राधिकरण की बैठक में इनहासमेंट के मुद्दे पर पर किसी भी प्रस्ताव पर अंतिम निर्णय नहीं लेने से न केवल भारी रोष है बल्कि अविश्वास की भावना भी पैदा हो रही है। उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि पांच सेक्टरों का फार्मूला लागू कर निश्चित समय सीमा में सभी सेक्टरों की रिकेलकुलेशन की प्रकिया पूर्ण जाए और जिन सेक्टरों की रिकेलकुलेशन हो चुकी है उनके अलाटियों के खातों से राशि अपडेट की जाये तथा तीन जजों की राय को स्वीकृति प्रदान की जाए।

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