चरखी दादरी में कोरोना से जंग की अधूरी तैयारी, वैक्‍सीन बचा रही जान, जानें कैसे बने हैं हालात

दूसरी लहर के दौरान कई मरीजों की हालत बहुत गंभीर हो गई थी। लिहाजा उन्हें वेंटिलेटर पर लेना पड़ा था। दादरी जिला स्वास्थ्य विभाग के पास 30 से अधिक वेंटिलेटर का प्रबंध हो गया। लेकिन जनरल फिजिशियन नहीं थे। इस बार भी हालात ठीक नहीं है।

By Manoj KumarEdited By: Publish:Sun, 16 Jan 2022 03:30 PM (IST) Updated:Sun, 16 Jan 2022 03:30 PM (IST)
चरखी दादरी में कोरोना से जंग की अधूरी तैयारी, वैक्‍सीन बचा रही जान, जानें कैसे बने हैं हालात
दादरी में तीसरी लहर से निपटने के इंतजाम पूरी तरह से नहीं हो सके हैं

सचिन गुप्ता, चरखी दादरी। कोरोना वायरस की दूसरी लहर के दौरान कई मरीजों की हालत बहुत गंभीर हो गई थी। लिहाजा उन्हें वेंटिलेटर पर लेना पड़ा था। दूसरी लहर में वेंटिलेटर की जरूरत अधिक महसूस हुई तो दादरी जिला स्वास्थ्य विभाग के पास 30 से अधिक वेंटिलेटर का प्रबंध हो गया। लेकिन जनरल फिजिशियन न होने से वेंटिलेटर आपरेट करने में काफी परेशानियां हुई। आइएमए के सहयोग से या फिर दूसरे जिलों से प्रतिनियुक्ति पर चिकित्सक बुलाकर वेंटिलेटर का प्रयोग किया गया। अब एक बार फिर कोरोना वायरस काफी तेजी से लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है। लेकिन फिजिशियन सहित अन्य विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी जिले में अभी भी बनी हुई है। दूसरी लहर से सबक लेने के बाद भी यहां चिकित्सकों की नियुक्ति नहीं की गई। हालांकि अभी तक दूसरी लहर जितनी गंभीर स्थिति नहीं है। लेकिन ऐसा हुआ तो विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी लोगों के लिए काफी घातक साबित होगी।

2. नियमों की अनदेखी, वैक्सीन से बचाव

कोरोना संक्रमण के मामले एक बार फिर बढ़ने लगे हैं। सरकार, प्रशासन द्वारा लोगों से फेस मास्क लगाने, शारीरिक दूरी बनाने के साथ-साथ सार्वजनिक स्थानों पर नो वैक्सीन-नो एंट्री की बात कही जा रही है। लेकिन बाजारों, सार्वजनिक स्थानों पर हालात बिल्कुल विपरित हैं। बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन इत्यादि सार्वजनिक स्थानों पर वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट की जांच नहीं की जा रही। लघु सचिवालय परिसर में एक-दो दिन तो सर्टिफिकेट की जांच की गई, बाद में यहां भी स्थिति पहले जैसी हो गई। बाजारों में बिना फेस मास्क घूमने वाले लोगों के पुलिस द्वारा चालान किए जा रहे हैं। उसके बावजूद हालात ये हैं कि जिले में कोरोना से बचाव को लेकर नियमों की पालना नहीं हो रही है। हालांकि अधिकांश लोगों का वैक्सीनेशन होने के कारण काफी हद तक बचाव हो रहा है। वरना जिस प्रकार से संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है, उससे हालात बेहद विकट बनते।

3. नप चेयरमैन उम्मीदवारों की आंख-मिचौली

नगर परिषद के चेयरमैन का चुनाव इस बार सीधे जनता द्वारा किया जाना है। सरकार द्वारा सीधे चुनाव की घोषणा के बाद चेयरमैन पद के उम्मीदवारों की लंबी फहरिस्त भी तैयार हो रही है। चुनावों की सुगबुगाहट के साथ ही चेयरमैन पद के संभावित उम्मीदवारों द्वारा प्रचार-प्रसार, जनसंपर्क शुरू कर दिया जाता है। लेकिन तारिखों का ऐलान होने में वक्त लगता देख प्रचार भी बंद हो रहा हैं। पहले उम्मीद लगाई जा रही थी कि जनवरी में नगर परिषद के चुनाव होने संभव है। जिससे संभावित उम्मीदवारों ने नवंबर, दिसंबर में जनसंपर्क शुरू कर दिया था, लेकिन कोरोना के चलते चुनाव में और देरी की संभावना है। ऐसे में कई उम्मीदवार फिर से अपने काम में व्यस्त हो गए हैं। चुनाव होने की चर्चा शुरू होते ही ये फिर से जनसेवा का बैनर लेकर लोगों के बीच आ जाएंगे। हालांकि कुछ संभावित उम्मीदवार लगातार जनसेवा में लगे हुए हैं।

4. ड्राइविंग सीख बेटियां बनेंगी सशक्त

मौजूदा दौर में कार अधिकांश लोगों के जीवन का जरूरी हिस्सा बन गई है। दिल्ली, गुरूग्राम जैसे महानगरों में तो काफी संख्या में महिलाएं भी कार चलाती हैं। लेकिन दादरी जैसे क्षेत्र में अभी भी लड़कियां, महिलाएं कार चलाने में हिचकती हैं। वहीं, दादरी के उपायुक्त प्रदीप गोदारा का मानना है कि महिलाओं को यदि ड्राइविंग आएगी तो वे और अधिक आत्मनिर्भर बनेंगी। इसी सोच के साथ नारी सशक्तिकरण को और अधिक बल देने के लिए उपायुक्त ने दादरी में बेटियों को फ्री ड्राइविंग ट्रेनिंग योजना की शुरूआत की। विधायक नैना चौटाला व मेदांता अस्पताल की वरिष्ठ चिकित्सक डा. सुशीला कटारिया द्वारा भी इस मुहिम को महिलाओं को स्वावलंबी बनाने में काफी कारगर बताया जा चुका है। फिलहाल दादरी जिले में दो ड्राइविंग स्कूलों द्वारा प्रशासन के सहयोग से बेटियों को निशुल्क ट्रेनिंग दी जा रही है। बेटियों के द्वारा भी ड्राइविंग सीखने में काफी रूचि दिखाई जा रही है।

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