पीसीबी के अधीन होंगे होटल, रेस्टोरेंट, ढाबा और मैरिज पैलेस, चलाने के लिए लेनी होगी अनुमति

अब कामर्शियल प्रतिष्ठानों का संचालन करने के लिए पीसीबी से कन्सन्ट टू आपरेट यानि सहमति पत्र लेना होगा। इसके बाद ही इन प्रतिष्ठानों के संचालन हो सकेंगे। साथ ही इन प्रतिष्ठानों को वेस्ट वाटर मैनेजमेंट सालिड वेस्ट मैनेजमेंट ध्वनि और वायु प्रदूषण इत्यादि का विशेष ध्यान रखना हाेगा।

By Rajesh KumarEdited By: Publish:Fri, 17 Dec 2021 02:43 PM (IST) Updated:Fri, 17 Dec 2021 02:43 PM (IST)
पीसीबी के अधीन होंगे होटल, रेस्टोरेंट, ढाबा और मैरिज पैलेस, चलाने के लिए लेनी होगी अनुमति
कामर्शियल प्रतिष्ठानों का संचालन करने के लिए पीसीबी से अनुमति लेना जरूरी।

हिसार, [पवन सिरोवा]। होटल, रेस्टोरेंट, ढाबा, मैरिज हाल, बैंक्वेट हाल और पार्टी लान संचालकों को अब नगर निगम के नियमों के साथ-साथ पाल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (पीसीबी) के नियमों का पालन अनिवार्य रूप से करना होगा। साथ ही कामर्शियल प्रतिष्ठानों का संचालन करने के लिए पीसीबी से कन्सन्ट टू आपरेट यानि सहमति पत्र लेना होगा। इसके बाद ही इन प्रतिष्ठानों के संचालन हो सकेंगे। साथ ही इन प्रतिष्ठानों को वेस्ट वाटर मैनेजमेंट, सालिड वेस्ट मैनेजमेंट, ध्वनि और वायु प्रदूषण इत्यादि का विशेष ध्यान रखना हाेगा।

इन प्रतिष्ठानों के संचालकों की शुक्रवार को पीसीबी के अर्बन एस्टेट-टू स्थित क्षेत्रीय कार्यालय में बैठक बुलाई गई है। जिसमें नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेश पर पीसीबी के नियमों के बारे में होटल, रेस्टोरेंट, ढाबा, मैरिज हाल, बैंक्वेट हाल और पार्टी लान संचालकों को पहले चरण में जागरूक किया जाएगा। पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में कार्य करने वाले वैज्ञानिक डा. सोमवीर बजाड़ ने कहा कि यह समय की मांग है। एनजीटी का यह सराहनीय कदम है।

निगम की नहीं की पालना तो प्रतिष्ठान होंगे सील (वैज्ञानिक सुनील श्योराण के अनुसार)

पहला चरण : पीसीबी अफसर मीटिंग में प्रतिष्ठानों के संचालकों को पीसीबी के नियमों के प्रति जागरूक करेंगे। उन्हें पानी (प्रदूषण निवारण और नियंत्रण) अधिनियम 1974, वायु (प्रदूषण निवारण और नियंत्रण) अधिनियम 1981 और सालिड वेस्ट मैनेजमेंट रूल 2016 के बारे में बताया जाएगा।

दूसरा चरण : प्रतिष्ठान संचालक नियमों की पालना नहीं करता पाया गया तो पीसीबी उन्हें 15 दिन का नोटिस भेजेगा।

तीसरा चरण : नियम की उल्लंघना करने पर प्रतिष्ठान सील किया जाएगा। पानी (प्रदूषण निवारण और नियंत्रण) अधिनियम 1974, वायु (प्रदूषण निवारण और नियंत्रण) अधिनियम 1981 और सालिड वेस्ट मैनेजमेंट रूल 2016 में से जिस भी रूल का उल्लंघन करने का दोषी पाया गया उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी।

पीसीबी ने 93 संस्थानों की तैयार की लिस्ट

निजी बैंक्वेट हाल : 30

निजी होटल : 23

सरकारी सामुदायिक केंद्र : 22

धर्मशालाएं : 18

दो कैटेगिरी में बांटे होटल

- 20 या इससे अधिक बेडरूम वालों के नियम सख्त है। उनमें वेस्ट पानी निकासी के अलग नियम है।

- 20 बेडरूम से कम व 36 लोगों के बैठने की व्यवस्था वाले संस्थान के लिए अलग नियम है।

संस्थानों में करनी होगी यह व्यवस्था

- सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) लगाना अनिवार्य

- ईटीपी ट्रीटमेंट प्लांट

ये भी कार्य करने होंगे

- सालिड वेस्ट मैंनेजमेंट रूल 2016 के तहत कचरे का सेग्रीगेशन करना होगा। 100 किलोग्राम प्रतिदिन कचरा उत्पन्न करने वाले संस्थान गीले कचरे का खाद तैयार करेंगे। वेस्ट खाने में से वैज्ञानिक तरीके से तेल व चिकनाई अलग करके फेंका जा सकेगा।

सेव एनर्जी : बिजली बचाने के लिए एलईडी लाइट उपयोग अनिवार्य होगा।

वायु प्रदूषण : खाना बनाने के लिए एलपीजी, पीएनजी, इत्यादि ईंधन का उपयोग अनिवार्य।

ध्वनि प्रदूषण : ध्वनि प्रदूषण विनियम एवं नियमन कानून 2020 के प्रविधान की पालना अनिवार्य है और रात 10 बजे के बाद डीजे नहीं बजा सकेंगे।

सहमति लेना अनिवार्य

शक्ति सिंह क्षेत्रीय अधिकारी पीसीबी शक्ति सिंह ने बताया कि एनजीटी के आदेशानुसार पर पीसीबी से सभी होटल, रेस्टोरेंट, ढाबा, मैरिज हाल, बैंक्वेट हाल और पार्टी लान संचालकों को संचालन के लिए कन्सन्ट टू आपरेट यानि सहमति लेना अनिवार्य है। सभी से अपील है कि वे प्रदूषण रोकथाम में सहयोग करें। सभी के प्रयास से शहर स्वच्छ व साफ होगा।

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