घोड़ों से इंसानों में फैलने वाली बीमारी को लेकर हिसार ग्लैंडर्स नोटिफाई जिला घोषित

मिले रहे पॉजी‍टिव केस एनआरसीई की टीम ने सेक्टर एक-चार सैनियान मुहल्ले में पांच घोड़ों में खून के लिए सैंपल। पशुपालक व उसके परिवार के सदस्यों के खून के लिए सैंपल

By Manoj KumarEdited By: Publish:Sun, 26 Jan 2020 11:37 AM (IST) Updated:Sun, 26 Jan 2020 11:37 AM (IST)
घोड़ों से इंसानों में फैलने वाली बीमारी को लेकर हिसार ग्लैंडर्स नोटिफाई जिला घोषित
घोड़ों से इंसानों में फैलने वाली बीमारी को लेकर हिसार ग्लैंडर्स नोटिफाई जिला घोषित

हिसार, जेएनएन। घोड़ों से मनुष्‍यों में फैलने वाली जानलेवा बीमारी ग्‍लैंडर्स के कारण अधिकारी सकते में है। हिसार ग्लैंडर्स नोटिफाई जिला लगभग घोषित हो चुका है, अब प्रशासन द्वारा इसकी आधिकारिक घोषणा का इंतजार किया जा रहा है। इसको लेकर तीन महीने तक केस मिलने के स्थान यानि सैनियान मुहल्ला और सेक्टर एक-चार के पांच-पांच किलोमीटर क्षेत्र में लोगों और जानवरों की सर्विलांस का काम शुरू कर दिया जाएगा।

शनिवार को राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केन्द्र (एनआरसीई) के निदेशक डा. बीएन त्रिपाठी के नेतृत्व में प्रधान विज्ञानी डा. हरिशंकर सिंघा के साथ तीन विज्ञानियों की टीम ने सेक्टर एक-चार से चार घोड़ों के ब्लड से सैंपल भरे। विज्ञानियों को शक है कि यह घोड़े भी ग्लैंडर्स ग्रसित घोड़ी के साथ रहे हैं, ऐसे में इनमें भी इस रोग की संभावना बढ़ गई है। इन चारों सैंपलों की रिपोर्ट 28 जनवरी को आएगी। गौरतलब है कि इससे पहले एक घोड़ी ग्लैंडर्स से सैनियान मुहल्ले में मर गई और उसी के साथ रहने वाली दूसरी घोड़ी का एलाइजा टेस्ट पॉजिटिव आया था।

स्वास्थ्य विभाग की टीम ने भी लिए सैंपल

राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केन्द्र ने घोड़ी में ग्लैंडर्स की सूचना स्वास्थ्य विभाग को दी तो उनकी टीम भी शनिवार को सैनियान मुहल्ले में लोगों के ब्लड सैंपल लेने पहुंच गई। इसमें घोडिय़ों के मालिक व उसकी पत्नी के खून के सैंपल लिए हैं। जिनमें ग्लैंडर्स की जांच के लिए एनआरसीई में भिजवाया है। इसके साथ ही शरीर में दूसरी बीमारियों की जांच स्वास्थ्य विभाग करेगा।

ग्लैंडर्स नोटिफाई होने के बाद क्या होगा

ग्लैंडर्स नोटिफाई जिला घोषित होने के बाद पशुपालन विभाग पशु चिकित्सकों की टीम बनाकर वहां तीन महीने तक जानवरों के खून के सैंपल लेगा। तीनों महीने टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आई, तभी ग्लैंडर्स नोटिफाई जिला का टैग हटेगा और घोड़ों की आवाजाही तथा मेला लगाने पर लगी रोक हटेगी।

यह है ग्लैंडर्स बीमारी

ग्लैंडर्स घोड़ों की प्रजातियों में एक जानलेवा संक्रामक रोग है। घोड़े की नाक से खून बहना, सांस लेने में तकलीफ, शरीर का सूख जाना, पूरे शरीर पर फोड़े या गाठें आदि इसके लक्षण हैं। यह बीमारी दूसरे पालतू पशु में भी पहुंच सकती है। दरअसल यह बीमारी बरखोडेरिया मैलियाई नामक जीवाणु से फैलती है। यह बीमारी होने पर घोड़े को वैज्ञानिक तरीके से मारना ही पड़ता है।

मनुष्यों पर ग्लैंडर्स का प्रभाव

घोड़ों से मनुष्यों में यह बीमारी आसानी से पहुंच जाती है। जो लोग घोड़ों की देखभाल करते हैं या फिर उपचार करते हैं, उनको खाल, नाक, मुंह और सांस के द्वारा संक्रमण हो जाता है। मनुष्यों में इस बीमारी से मांसपेशियों में दर्द, छाती में दर्द, मांसपेशियों की अकडऩ, सिरदर्द और नाक से पानी निकलने लगता है।

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