फर्राटेदार अंग्रेजी बोल रही प्रतिभागियों को हिंदी बोल दी मात, मिला था मिसेज हरियाणा का ताज

Hindi Day special जो लोग सोचते हैं कि हिंदी के दम पर सफल होना मुश्किल है उन्हें मिसेज हरियाणा पूजा अलाहन से सीख लेनी चाहिए। जिन्होंने हिंदी के बलबूते ही ताज हासिल किया।

By Manoj KumarEdited By: Publish:Mon, 14 Sep 2020 10:30 AM (IST) Updated:Mon, 14 Sep 2020 10:30 AM (IST)
फर्राटेदार अंग्रेजी बोल रही प्रतिभागियों को हिंदी बोल दी मात, मिला था मिसेज हरियाणा का ताज
फर्राटेदार अंग्रेजी बोल रही प्रतिभागियों को हिंदी बोल दी मात, मिला था मिसेज हरियाणा का ताज

हांसी (हिसार) [मनप्रीत सिंह] Hindi Day special जो लोग सोचते हैं कि हिंदी के दम पर सफल होना मुश्किल है, उन्हें मिसेज हरियाणा पूजा अलाहन से सीख लेनी चाहिए। जिन्होंने हिंदी के बलबूते ही सौंदर्य प्रतियोगिता मिसेज हरियाणा का ताज अपने नाम किया। प्रतियोगिता में जहां अन्य प्रतिभागी फर्राटेदार अंग्रेजी बोल रहीं थी, वहीं पूजा ने पूरे आत्मविश्वास भरे लहजे के साथ अपनी मातृभाषा हिंदी में संवाद किया। पूजा के आत्मविश्वास से लबरेज हिंदी संवाद से जूरी इतनी प्रभावित हुई कि मिसेज हरियाणा प्लेटिनम 2019 का ताज पूजा के सिर सजा दिया। मूल रूप से हांसी से ताल्लुक रखने वाली पूजा अलाहन वर्तमान में आदमपुर के गवर्नमेंट कालेज में हिंदी विभाग में प्रोफेसर हैं। बीते वर्ष उन्होंने मिसेज हरियाणा प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था।

पूजा कहती हैं कि उनकी टक्कर फर्राटेदार इंग्लिश बोलने वाली प्रतिभागियों से थी, लेकिन मुझे अपनी हिंदी पर पूरा भरोसा था। पूजा ने बताया कि प्रतियोगिता के प्रत्येक राउंड में मैंने जज के अंग्रेजी में पूछे गए सवालों का हिंदी में ही जवाब दिया। आखिर में मेरा शुद्ध हिंदी में आत्मविश्वास के साथ बोलना ही मेरे पक्ष में गया। पूजा अलाहन का कहना है कि भाषा तो मात्र अभिव्यक्ति का माध्यम है। इससे किसी इंसान की प्रतिभा का मूल्यांकन नहीं किया जा सकता। कुछ लोग हिंदी बोलते वक्त शंका से घिरे रहते हैं कि सामने वाले पर क्या प्रभाव पड़ेगा, लेकिन मेरा मानना है कि पूरे आत्मविश्वास के साथ शुद्ध हिंदी में अपना पक्ष रखना एक मजबूत पहलू साबित होता है।

---------------

सोशल मीडिया व इंटरनेट ने हिंदी को दिया विस्तार

मैं डिजिटल मार्केटिंग के फील्ड में काम करती हूं। हिंदी भाषा से स्कूल टाइम से ही अलग ही रिश्ता है। हिंदी में ब्लॉग भी चलाती हूं, जहां कविताएं लिखती रहती हूं। इंटरनेट व सोशल मीडिया ने हिंदी को विस्तार दिया है। मुझे लगता है कि युवा पीढ़ी भी स्वयं को हिंदी से अपने कनेक्ट कर रही है। हिंदी में रुचि रखने वालों के लिए इंटरनेट पर सामग्री बिखरी पड़ी है। मैं महादेवी वर्मा, अमृता प्रितम, अमीर खुसरो का साहित्य सबसे अधिक पसंद करती हूं। युवा पीढ़ी का हिंदी साहित्य के प्रति क्रेज देखें तो स्पष्ट है कि हिंदी का भविष्य उज्ज्वल है। एक हिंदी साहित्य प्रेमी के रूप में मुझे लगता है कि अपनी मातृभाषा में जब हम लिखते हैं तो ज्यादा गहराई से लिख पाते हैं।

- चंचल खुराना, ब्लॉगर, हांसी

chat bot
आपका साथी