हरियाणा में बढ़ी गर्मी, तापमान में जबरदस्त उछाल, दिन में पारा 33 तो रात में 17 डिग्री तक पहुंचा

अभी तक 10 से 12 डिग्री रात्रि का तापमान चल रहा था जो शनिवार को बढ़कर 16.8 डिग्री सेल्सयस तक पहुंच चुका है। सामान्य से पांच डिग्री सेल्सियस अधिक तापमान दर्ज किया गया है। 27 -28 फरवरी व 1 मार्च को मौसम आमतौर पर परिवर्तनशील रहने की संभावना है।

By Umesh KdhyaniEdited By: Publish:Sat, 27 Feb 2021 01:46 PM (IST) Updated:Sat, 27 Feb 2021 01:46 PM (IST)
हरियाणा में बढ़ी गर्मी, तापमान में जबरदस्त उछाल, दिन में पारा 33 तो रात में 17 डिग्री तक पहुंचा
2 मार्च से 5 मार्च के बीच रात्रि तापमन में हल्की गिरावट होने की संभावना है।

हिसार, जेएनएन। इस बार अधिक गर्मी महसूस हो सकती है, जिसका प्रमाण अभी से ही मिल रहा है। हालात यह हैं कि दिन में 33 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान रहने के साथ ही रात्रि तापमान में जबरदस्त उछाल हुआ है। अभी तक 10 से 12 डिग्री रात्रि का तापमान चल रहा था जो शनिवार को बढ़कर 16.8 डिग्री सेल्सयस तक पहुंच चुका है। सामान्य से पांच डिग्री सेल्सियस अधिक तापमान दर्ज किया गया है।

चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डा. मदन खिचड़ ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के आंशिक प्रभाव के कारण हरियाणा राज्य में 27 -28 फरवरी व 1 मार्च को मौसम आमतौर पर परिवर्तनशील व आंशिक बादलवाई रहने व बीच -बीच में हवा चलने की संभावना है। इससे दिन के तापमान में हल्की गिरावट आने की संभावना है। 2 मार्च से 5 मार्च के बीच मौसम आमतौर पर खुश्क रहने, दिन के तापमान में हल्की बढ़ोतरी होने तथा उत्तर पश्चिमी हवा चलने से रात्रि तापमन में हल्की गिरावट होने की संभावना है।

बदलते मौसम को लेकर किसान इन बातों का रखें ध्यान मौसम परिवर्तनशील, बीच बीच में हवा चलने की संभावना को देखते हुए फसलों विशेषकर गेहूं में अगले दो- तीन दिन सिंचाई रोक लें। मगर 2 मार्च के बाद सभी फसलों, सब्जियों व फलदार पौधों में आवश्यकतानुसार सिंचाई करें। अनुकूल मौसम बने रहने की संभावना को को ध्यान में रखते हुए गेहूं ,चने व सरसों की फसलों व सब्जियों में कीटों व रोगों  की निगरानी करते रहें अगर फसल में एफिड या अन्य कीट व रोग का प्रकोप दिखाई दे तो नजदीक के कृषि अधिकारी से सलाह अनुसार स्प्रे मौसम साफ हो जाने पर करें। मौसम में हो रहे बदलाव के कारण सरसों में सफेद रतुआ बीमारी बढ़ने की संभावना है इस रोग के उपचार के लिए मौसम साफ होने पर  600 ग्रा. मेन्कोजैब (डाइथेन या इन्डोफिल एम-45) को 250 से 300 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें।

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