HBSE Chairman Fraud: हरियाणा शिक्षा बोर्ड चेयरमैन पर हिसार में निजी आवास को कैंप आफिस बना सरकारी बजट हड़पने का आरोप
एचबीएसई चेयरमैन को मुख्यालय पर आवास के लिए कोठी मिली हुई है और खुद का कार्यालय भी है बावजूद उन्होंने हिसार में अपने आवास को कैंप आफिस बना डाला। इस आवास पर खर्च होने वाली बिजली और पानी के बिलों का भुगतान भी बोर्ड के बजट से हो रहा है।
जागरण संवाददाता, हिसार। हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के अधिकारी बच्चों की फीस से मिल रहे बजट को खूब खर्च करने में लगे हैं। ऐसा ही गड़बड़झाला हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड में सामने आया है। जिसमें हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन को मुख्यालय पर आवास के लिए कोठी मिली हुई है और खुद का कार्यालय भी हैं, मगर इसके बावजूद उन्होंने हिसार में अपने आवास को कैंप आफिस बना डाला। इस आवास पर खर्च होने वाली बिजली और पानी के बिलों का भुगतान भी बोर्ड के बजट से किया जा रहा है। जबकि यहां बने कैंप आफिस के नाम पर हर माह लाखों का चूना लग रहा है।
स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार ने हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड से जनसूचना अधिकार अधिनियम 2005 के तहत सूचना मांगी थी। जिसमें बोर्ड अधिकारियों ने सूचना के जवाब में काफी तथ्य दबाने के प्रयास किए और अहम जानकारी छीपाई, लेकिन फिर भी बोर्ड चेयरमैन की कारिस्तानी सामने आ गई। बृजपाल सिंह ने बताया कि आरटीआई के जवाब में सूचना दी गई कि हिसार के पुलिस लाइन एरिया के 188 में बोर्ड चेयरमैन का रेजीडेंस और कैंप आफिस बनाया गया है।
इस कैंप आफिस में हर माह बिजली व पानी के खर्च के नाम पर 15 हजार रुपये का भुगतान भी सरकारी बजट से हो रहा है। जबकि आरटीआई में इस कार्यालय के किराये और इसमें तैनात कर्मचारियों व उनके वेतन से संबंधित जानकारी भी मांगी गई थी, जिसे बोर्ड ने चुप्पी साध ली। बृजपाल सिंह परमार ने बताया कि किसी भी प्रशासनिक व सरकार के मनोनित अधिकारी को दो जगह आवास की सुविधा नहीं मिल सकती। कोई भी न तो कैंप आफिस व निवास के नाम पर दो जगह का सरकारी बजट हड़प सकता है।
बताया यह भी जा रहा है कि हिसार पुलिस लाइन एरिया का आवास भी खुद का है, यानी की खुद के घर को ही कैंप आफिस बनाकर सरकार व शिक्षा बोर्ड को मोटा चूना लगाया जा रहा है। बृजपाल सिंह ने आधी अधूरी सूचना देने पर इसकी बोर्ड में प्रथम अपील भी की है, जिसकी सुनवाई 13 सितंबर को होगी। इस मामले को लेकर जब हरियाण शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन से फोन पर सम्पर्क किया तो उन्होने फोन नहीं उठाया।