Haryana Weather News: हरियाणा में बारिश के धूप और उमस ने किया परेशान, जानें आगे कैसा रहेगा मौसम
उत्तरपूर्व अरबसागर में बने एक कम दबाब का क्षेत्र व साथ में पंजाब के ऊपर एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन बनने से नमी वाली हवा राज्य की तरफ आने की संभावना से हरियाणा राज्य में मौसम पांच अक्टूबर तक परिवर्तनशील रहने की संभावना है।
जागरण संवाददाता, हिसार। साइक्लोनिक सर्कुलेशन के कारण आई बारिश ने गर्मी से अधिक राहत तो नहीं दी मगर एक बार मौसम सुहाना बना दिया। वहीं रविवार को दिन निकलने के साथ ही धूप निकली। जिसके कारण बारिश और धूप ने उमस बढ़ाने का काम किया। मौजूदा समय में हिसार में दिन का तापमान सामान्य से एक डिग्री अधिक बढ़कर 35.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं न्यूनतम तापमान सामान्य से तीन डिग्री अधिक रहकर 25.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। अभी हाल ही में अरब सागर से आ रही हवा के कारण हरियाणा के मौसम ने एक बार फिर से करवट ली है।
शनिवार को अचानक से बादलवाई आई और हिसार में कई स्थानों पर हल्की बारिश हुई। इसके साथ ही किसी स्थान पर तेज बारिश तो किसी पर हल्की बारिश भी दर्ज की गई। बारिश आने के बाद मौसम सुहाना हो गाय। दिन के समय ही काले बादल छाने से रात्रि जैसा मौसम हो गया। मौसम विज्ञानियों ने इसको लेकर पहले ही संभावना जता दी थी।
आगे ऐसा रहेगा मौसम
चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डा. मदन खिचड़ ने बताया कि उत्तरपूर्व अरबसागर में बने एक कम दबाब का क्षेत्र व साथ में पंजाब के ऊपर एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन बनने से नमी वाली हवा राज्य की तरफ आने की संभावना से हरियाणा राज्य में मौसम पांच अक्टूबर तक परिवर्तनशील रहने की संभावना है। इन मौसमी सिस्टमों से राज्य में चार अक्टूबर को बीच-बीच में बादलवाई व हवायों और गरज चमक के साथ कहीं -कहीं बूंदाबांदी या हल्की बारिश होने की संभावना है।
अब बारिश हुई तो किसानों का होगा भारी नुकसान
हरियाणा में अभी और बारिश हो सकती है। मौसम विज्ञानियों ने अभी से ही ऐसे हालात दर्शा दिए हैं। मौसम विज्ञानियों की मानें तो पांच अक्टूबर तक मौसम परिवर्तनशील है। इस दौरान बादल व कहीं-कहीं गरज चमक के साथ बारिश होने की संभावना है। अगर मानसून के कारण अब बारिश हुई तो किसानों को और भी नुकसान होने के आसार है। इससे पहले ही मानसून की बारिश ने किसानों को भारी नुकसान पहुंचाया है। कपास, मूंग, ग्वार, धान तक में किसानों को नुकसान हुआ है।