गुरु जी की 'कक्षा' में सब शिकवे-शिकायत भूल गए भाजपाई, हाथ खड़े करवाकर पूछेे सवाल

कभी शिक्षक रहे हरियाणा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ ने मंडल अध्यक्षों की बैठक भी कुछ इसी अंदाज में ली।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Thu, 13 Aug 2020 03:26 PM (IST) Updated:Thu, 13 Aug 2020 03:27 PM (IST)
गुरु जी की 'कक्षा' में सब शिकवे-शिकायत भूल गए भाजपाई, हाथ खड़े करवाकर पूछेे सवाल
गुरु जी की 'कक्षा' में सब शिकवे-शिकायत भूल गए भाजपाई, हाथ खड़े करवाकर पूछेे सवाल

हिसार [गौरव तंवर]। 90 का वो दशक। स्थान : हलवासिया विद्या विहार भिवानी। भूगोल की कक्षा में युवा शिक्षक का जो पढ़ाने का अंदाज होता था, वह हम विद्यार्थियों को खूब भाता था। डांट, लाड़, पुचकार, नसीहत, हंसी-ठिठोली सभी कुछ तो होता था उस कक्षा में।

ठीक तीन दशक बाद आज वैसे ही नजारा दिखा यहां हिसार में। मौका था हिसार रेंज के अधीन आने वाले जिलों सिरसा, फतेहाबाद, हिसार, भिवानी और जींद के भाजपा मंडल अध्यक्षों की बैठक का। शिक्षक वही थे, बस सामने थे तो विद्यार्थियों की जगह पार्टी कार्यकर्ता। करीब एक दशक तक शिक्षक का दायित्व निभा चुके भाजपा के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ बुधवार को ठीक गुरु वाले अंदाज में पार्टी कार्यकर्ताओं को राजनीतिक शास्त्र का भूगोल पढ़ाते दिखे।

करीब छह घंटे तक चली इस 'कक्षा' में सबसे पहले धनखड़ ने हाजिरी ली। विद्यार्थी की तरह एक-एक मंडल अध्यक्ष का नाम पूछा। शुरुआत जींद से हुई। जो नहीं आए, उनके प्रति नाराजगी जताई। उसके बाद लेक्चर का दौर शुरू हुआ। धनखड़ बोले- आपको गुस्सा आता है तो मंडल अध्यक्ष नहीं होना चाहिए। उन्होंने समझाया आप पार्टी में महत्वपूर्ण पद पर हैं, गुस्सा आपको शोभा नहीं देता। कार्यकर्ताओं की बात सुनें और उनकी अनदेखी न करें।

अगले ही पल बोले- आपका पेट बड़ा होना चाहिए यानी बात को पचाने का मादा होना चाहिए। सामने वाला भले ही गुस्से में हो, आपको मुस्कुराकर जवाब देना चाहिए। कई बार विरोध का सामना भी करना पड़ता है मगर धैर्य कतई न खोएं, यही आपको अच्छा नेता बनाएगा। धनखड़ ने साथ ही सलाह दी कि जो लोग क्षेत्र में प्रभाव रखते हैं, उन्हें अधिक से अधिक पार्टी से जोड़ें।

इसके बाद कुछ पल हंसी-मजाक चला तो अगले ही क्षण उन्होंने नसीहत दे डाली- हमेशा सकारात्मक रहें। पार्टी के बारे में नकारात्मक सोच है तो बदल डालें। यह आपके और पार्टी, दोनों के लिए ठीक नहीं। कोई ऐसा काम न करें जिससे पार्टी की छवि खराब हो। साथ ही संदेश भी दे डाला ही कि जो कार्यकर्ता-पदाधिकारी सार्वजनिक मंच पर अपनी ही पार्टी की किरकिरी करते हैं, उनसे सख्ती से निपटा जाएगा।

हाथ खड़े करवाकर पूछा-भाषण किस-किस को देना आता

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने उपस्थित मंडल अध्यक्षों से हाथ कहा- भाषण किस-किस को देना आता है, हाथ खड़े करो। इसके जवाब में बमुश्किल 12-15 मंडल अध्यक्षों ने हाथ खड़े किए। इस पर धनखड़ ने कहा कि एक अच्छा वक्ता बनने के लिए अच्छा श्रोता होना जरूरी है। एक अच्छा वक्ता एक अच्छा नेता होता है। इस तरह उन्होंने उन लोगों के भी अलग-अलग हाथ उठवाए जो पहली, दूसरी या तीसरी बार मंडल अध्यक्ष बने हैं।

और भूल गए शिकवे-शिकायत, सकारात्मकता लेकर लौटे

बैठक से पूर्व कई भाजपाई सोचकर आए थे कि पार्टी प्रदेश अध्यक्ष को ये-ये शिकायत करेंगे। मगर जब बैठक में नकारात्मकता छोड़ सकारात्मकता अपनाने का संचार धनखड़ ने किया तो सब शिकवे-शिकायत भूल गए। किसी ने कोई नकारात्मक बात नहीं उठाई। नई ऊर्जा के साथ मंडल अध्यक्ष बैठक से बाहर निकले।

फर्स्ट इंप्रेशन इज लास्ट इंप्रेशन

धनखड़ ने कहा कि जब भी आप बड़े नेताओं से मिलें, आपका इंप्रेशन सही होना चाहिए। 'फर्स्ट इम्प्रेशन इज लास्ट इंप्रेशन।' अपनी बात शिद्दत से रखें। ऐसा व्यवहार कतई न करें जिससे आपकी छवि नकारात्मक बने।

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