Winter Season: ठंड में अगर आपको भी छाती, घुटने व कंधों में है दर्द, इन बातों का रखें ध्यान
सर्दी के मौसम में हिसार नागरिक अस्पताल में हड्डियों से संबंधित मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है। सामान्य दिनों में हड्डी रोग चिकित्सक के पास 150 के आसपास मरीज आते थे लेकिन अब 250 से अधिक मरीज आ रहे है। इसलिए ठंड में अपना ध्यान रखें...

जागरण संवाददाता, हिसार। ठंड का असर आम लोगों पर भी दिखना शुरू हो गया है। मरीजों में हड्डियों के जोड़ों में दर्द व जकड़न की शिकायत बढ़ने लगी है। इस वजह से जिला नागरिक अस्पताल में ओपीडी भी बढ़ गई है और हड्डी रोग की 60 फीसदी ओपीडी ऐसी ही हड्डी राेग विशेषज्ञ के पास आ रही है। ठंड के कारण छाती, घुटने व कंधों में दर्द की शिकायत अधिक मिल रही है। कुछ लोगों को पुरानी चोटें भी ठंड के कारण दर्द करने लगी है।
मरीजों की संख्या बढ़ी
अस्पताल में सामान्य दिनों में हड्डी रोग चिकित्सक के पास 150 के आसपास मरीज आते थे, लेकिन अब 250 से अधिक मरीज आ रहे है। ज्यादातर 40 साल से अधिक उम्र के लोगाें में यह शिकायत मिल रही है। चिकित्सकों के अनुसार खासतौर पर पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं में यह शिकायत मिलती है, क्योंकि महिलाओं में गठिया बा की बीमारी अधिक होने की आशंका रहती है। 40 साल की उम्र के बाद इन दिनों यह शिकायत आने लगती है। इसलिए सावधानी रखना बेहद जरूरी है। हर कोई लापरवाही बरतता है, जिससे ठंड में परेशानी उठानी पड़ती है। हालांकि, इस साल मरीज अधिक आ रहे है। पिछले साल भी ऐसी ओपीडी बढ़ी थी, पर इस बार से कम थी। अगर ठंड अधिक हुई तो ओपीडी बढ़ भी सकती है।
यह अपनाएं
- ठंड से बचाव के लिए गर्म कपड़े पहनें।
- नियमित व्यायाम करें।
- दूध, लस्सी व अच्छा खानपान करे।
- जोड़ों में दर्द हो तो समय पर चिकित्सक से जांच करवाएं न कि झोलाछाप या वैध से। वरना परेशानी बढ़ सकती है।
- धूप में बैठे।
यह परहेज बरतें
- चलना-फिरना कम करें।
- उकड़ू न बैठे व पालथी ना लगाएं।
- ज्यादा भारी या वजनी काम ना करे।
- ज्यादा झुके ना व लंबे समय तक खड़े ना रहे, जिससे रीड़ की हड्डी में दर्द होने लगता है।
परहेज रखने से जल्द मिलेगा छुटकारा
हिसार सिविल अस्पताल के हड्डी रोग विशेषज्ञ डा. विष्णु मित्तल बताते हैं कि अब ओपीडी भी काफी बढ़ गई है। 60 फीसदी मरीज हड्डियों व जोड़ों में दर्द व जकड़न की शिकायत के आ रहे है। ज्यादातर महिलाओं में यह शिकायत मिलती है। परहेज रखने से जल्द छुटकारा पाया जा सकता है। वरना परेशानी बढ़ जाती है। इसलिए चिकित्सक से समय पर जांच करवाएं।
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