हिसार में बैरिकेडिंग, मिट्टी के ढेर से भी नहीं रुके किसान, 30 घंटे बाद प्रशासन ने खुद दिया रास्ता

आलम यह था कि वीरवार सुबह से लेकर शुक्रवार सायं 5 बजे तक कुल 30 घंटों तक पुलिस प्रशासन और किसानों के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग पर जोरआजमाइश चली। आखिरी में प्रशासन को किसानों के रास्ते से हटना पड़ा। अब किसान आगे निकल चुके हैं।

By Manoj KumarEdited By: Publish:Sat, 28 Nov 2020 09:36 AM (IST) Updated:Sat, 28 Nov 2020 09:36 AM (IST)
हिसार में बैरिकेडिंग, मिट्टी के ढेर से भी नहीं रुके किसान, 30 घंटे बाद प्रशासन ने खुद दिया रास्ता
हिसार में लगाए गए तीन बड़े नाकों को किसानों ने हौसले से पार कर लिया

हिसार/हांसी/अग्रोहा, जेएनएन। पंजाब से चला किसानों को हुजूम हिसार से होते हुए दिल्ली तरफ रवाना हुआ। किसानों को रोकने के लिए प्रशासन ने जगह-जगह बैरिकेडिंग का प्रयोग किया। भारी भरकम डिवाइड बीच रास्ते में रखे, यहां तक कि मिट्टियों के ढ़ेर लगाए, मगर यह सभी प्रयास किसानों को दिल्ली कूच करने से नहीं रोक सके। आलम यह था कि वीरवार सुबह से लेकर शुक्रवार सायं 5 बजे तक कुल 30 घंटों तक पुलिस प्रशासन और किसानों के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग पर जोरआजमाइश चली। आखिरी में प्रशासन को किसानों के रास्ते से हटना पड़ा।

हजारों किसान आ रहे हैं मिला था इनपुट

शुक्रवार दोपहर को प्रशासन को इनपुट मिला कि सिरसा की तरफ से हजारों की संख्या में किसान अपने वाहनों के साथ हिसार की ओ बढ़ रहे हैं। ऐसे में उन्हें रोकने के लिए मय्यड़ टोल नाके पर दर्जनों पुलिस कर्मी, फायर ब्रिगेड की गाडिय़ां, दंगा नियंत्रण वाहन से लैस पहुंच गए। इसके बाद शाम 4 बजे डीसी व एसपी भी मौके पर पहुंच कर तैयारियां देखने लगे। ट्रैफिक को डायवर्ट कर दिल्ली की तरफ जाने वाले मार्ग को पूरी तरह से बंद कर दिया। मगर सायं 5 बजे एकाएक आदेश आने के बाद राजमार्ग को सुचारू कर दिया गया।

------------------

अग्रोहा: सड़कों पर लगा जाम, किसान बोले रास्ता न रोकें

अग्रोहा के गांव भोडा के पास बैरिकेड्स लगाए गए,जिससे जाम की स्थिति बन गई और वाहनों की लाइन लग गई। वहीं फतेहाबाद सिरसा जाने वाले छोटे वाहन चालक अपने वाहनों को आसपास के ङ्क्षलक रोड से निकालते रहे। शुक्रवार दोपहर करीब दो बजे ट्रैक्टर-ट्रालियों, गाडिय़ों,ट्रकों,बसों द्वारा सिरसा-फतेहाबाद होकर पंजाब के किसान गांव भोडा के पास पहुंचे। यहां उन्होंने पुलिस से आगे जाने देने को कहा मगर पुलिस ने मना किया। फिर किसान नारेबाजी करते हुए खुद हाथों से मिट्टी के ढेर और बैरिकेड्स को हटा कर आगे बढऩे लगे तो पुलिस रास्ते से हट गई। पंजाब से आए किसानों मेें महिलाओं की संख्या भी रही।

-------------

हांसी: किसानों से संघर्ष हुआ तो डीसी ने हांसी में खुद संभाला मोर्चा

वीरवार को हांसी के दिल्ली हाइवे स्थित रामपुरा गांव के नाके पर किसानों व पुलिस के बीच देर रात संघर्ष हुआ। इसको देखते हुए शुक्रवार को यहां विशेष तैयारियां दिखीं। बैरिकेङ्क्षडग में कंटीले तारों का भी प्रयोग किया गया। सुबह डीसी प्रियंका सोनी खुद एसपी लोकेंद्र ङ्क्षसह के साथ मिलकर नाके को मजबूत बनाने की रणनीति तैयार कर रहीं थी।

---------------------

बार-बार बदली प्लाङ्क्षनग  

किसानों की संख्या इतनी अधिक थी कि काफिला थमने का नाम नहीं ले रहा था। पुलिस ने पहले मिट्टी व बजरी से रोकने का प्लान बनाया व उसके बाद नाके पर सीवरेज के बड़े पाइप मंगवाए गए। फिर कंटीले तारों से बैरिकेड्स को बांधा गया। इसके अलावा सीसी के बड़े पिल्लर भी रखे गए थे। शाम 3 बजे तक प्रशासन के समझ नहीं आ रहा था कि आखिर किसानों को कैसे नाके पर रोका जाए। सुबह 9 बजे दोपहर 3 बजे तक पुलिस रामपुरा गांव के नाके को अंतिम रूप से मजबूत नहीं कर पाई और किसानों के काफिले दिल्ली की तरफ बढ़ते रहे।

chat bot
आपका साथी