ढींगरी मशरूम की खेती करें किसान : डा. राकेश

ढींगरी मशरूम की खाद बनाना व रखरखाव करना सफेद बटन मशरूम की तुलना में कम है। साथ ही यह बटन मशरूम की तुलना में ज्यादा समय तक ताजा रहती है। संस्थान के सह निदेशक(प्रशिक्षण)डा. अशोक गोदारा ने प्रशिक्षणार्थियों से इस प्रशिक्षण का अधिक से अधिक लाभ उठाने का आह्वान किया।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 11 Nov 2020 07:46 AM (IST) Updated:Wed, 11 Nov 2020 07:46 AM (IST)
ढींगरी मशरूम की खेती करें किसान : डा. राकेश
ढींगरी मशरूम की खेती करें किसान : डा. राकेश

जागरण संवाददाता, हिसार : बागवानी में विविधीकरण के रूप में मशरूम एक ऐसा व्यवसाय है जो कम पैसे से शुरू किया जा सकता है। सफल होने पर मशरूम उत्पादन को किसी भी स्तर पर बढ़ाया जा सकता हैं। इसके अलावा ढींगरी मशरूम की खेती को किसान केवल 2 से 3 महीने छोड़कर पूरा साल कर सकते हैं। यह बातें विचार चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के डा. राकेश चुघ ने कही। वे विश्वविद्यालय के सायना नेहवाल कृषि प्रौद्योगिकी प्रशिक्षण एवं शिक्षण संस्थान में तीन दिवसीय खुंब (मशरूम) उत्पादन तकनीक विषय पर ऑनलाइन प्रशिक्षण शिविर के समापन अवसर पर प्रतिभागियों को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि ढींगरी मशरूम की खाद बनाना व रखरखाव करना सफेद बटन मशरूम की तुलना में कम है। साथ ही यह बटन मशरूम की तुलना में ज्यादा समय तक ताजा रहती है। संस्थान के सह निदेशक(प्रशिक्षण)डा. अशोक गोदारा ने प्रशिक्षणार्थियों से इस प्रशिक्षण का अधिक से अधिक लाभ उठाने का आह्वान किया। उन्होंने बताया कि किसान यहां से तकनीकी ज्ञान लेकर खुंब उत्पादन का व्यवसाय शुरू कर अधिक लाभ अर्जित कर सकते हैं।

खुंब गृह की सफाई का रखें विशेष ध्यान

डा. भूपेंद्र सिंह ने मशरूम में आने वाले मुख्य कीट, उनसे होने वाले नुकसान, लक्षणों व प्रबंधन के बारे में किसानों को विस्तृत जानकारी दी। साथ ही उन्होंने किसानों को खुंब गृह में सफाई रखने की विशेष सलाह दी। उन्होंने बताया कि इसकी साफ-सफाई का ध्यान रखने से इस प्रकार के कीड़े-मकोड़ों का कम प्रकोप होता है। प्रशिक्षण के दौरान फसल अवशेषों से खाद बनाना, बीज बनाना, बिजाई करने व इसके मुख्य कीटों व बीमारियों के लक्षणों और उनके प्रबंधन के बारे में भी विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई।

प्रशिक्षण कार्यक्रम की संयोजिका डा. पवित्रा कुमारी ने किसानों को इस व्यवसाय को अपनाने की सलाह दी। उन्होंने बताया कि इस प्रशिक्षण में प्रदेश के विभिन्न स्थानों के 32 प्रतिभागी शामिल हुए। इस दौरान मशरूम से जुड़े विभिन्न विषयों पर अपने व्याख्यानों से प्रतिभागियों को अवगत करवाया। प्रशिक्षण में विज्ञानियों ने प्रतिभागियों के साथ प्रशिक्षण संबंधी उनके अनुभवों को लेकर विचार-विमर्श भी किया गया।

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