रोहतक में मकड़ोली टोल पर किसानों ने जलाई कृषि कानूनों की प्रतियां, जताया विरोध

किसान यूनियन अंबावता के प्रदेश अध्यक्ष अनिल नांदल उर्फ बल्लू प्रधान ने करते हुए कहा कि किसान आंदोलन शांतिपूर्वक किया जा रहा है। लेकिन सरकार अपनी हठधर्मिता पर अड़ी हुई है। किसानों का आंदोलन देश हित में चल रहा है। आंदोलन को सभी का सहयोग मिल रहा है।

By Manoj KumarEdited By: Publish:Wed, 13 Jan 2021 04:56 PM (IST) Updated:Wed, 13 Jan 2021 04:56 PM (IST)
रोहतक में मकड़ोली टोल पर किसानों ने जलाई कृषि कानूनों की प्रतियां, जताया विरोध
रोहतक के मकड़ोली टोल पर तीन कृषि कानूनों की प्रतियां जलाते हुए किसान

रोहतक, जेएनएन। रोहतक में मकड़ोली टोल पर धरना दे रहे किसानों ने बुधवार को तीन कृषि कानूनों की प्रतियां जलाई और रोष प्रकट किया। मकड़ोली टोल प्लाजा पर बुधवार को भी किसानों का धरना जारी रहा। धरने की अगुवाई भारतीय किसान यूनियन अंबावता के प्रदेश अध्यक्ष अनिल नांदल उर्फ बल्लू प्रधान ने करते हुए कहा कि किसान आंदोलन शांतिपूर्वक किया जा रहा है। लेकिन सरकार अपनी हठधर्मिता पर अड़ी हुई है।

किसानों का आंदोलन देश हित में चल रहा है। आंदोलन को सभी का सहयोग मिल रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से तीन कृषि कानून किसानों पर थोपे जा रहे हैं। जो किसी भी सूरत में किसान व देशहित में नहीं हैं। तीन कृषि कानून रद किए जाने की मांग किसान लंगे समय से कर रहे हैं और आंदोलन भी चलाया जा रहा है। लेकिन सरकार उदासीनता दिखा रही है। जिससे किसानों में रोष बढ़ता जा रहा है। इसी रोष को प्रकट करने के लिए बुधवार को टोल प्लाजा पर किसानों ने इन कानूनों की प्रतियां जलाई है जबकि 14 जनवरी को मकडोली टोल प्लाजा पर ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री मनोहर लाल व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के पुतले भी फूंके जाएंगे।

यहां आंदोलन को लेकर गठित कमेटी की अध्यक्षता भी बल्लू प्रधान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर सरकार नहीं मानी तो 26 जनवरी को दिल्ली कूच कर किसान परेड करेंगे। बल्लू इन दिनों अठगामा में गांव-गांव जाकर किसानों के साथ बैठकें कर उनको संबोधित कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि यहां पर आंदोलन शांतिपूवर्क किया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट के इन कानूनों के अमल पर रोक संबंधित फैसले को लेकर किसानों का कहना है कि हमारी लड़ाई सरकार से है न कि कोर्ट से।

कोर्ट इस आंदोलन को लेकर अपना फैसला दे रहा है। किसानों के एक ही प्रमुख मांग है इन तीनों कृषि कानूनों को रद किए जाने की, जो अब तक पूरी नहीं हुई है। इस दौरान जयपाल, राजू मकडोली, बिजेंद्र हुडा, वीजर, गगन, राजेश, रामफल, देवेंद्र, प्रमोद, पाले राम सहित तमाम गांवों के किसान शामिल रहे।

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