स्वरोजगार स्थापित करने के लिए किया प्रोत्साहित

प्रशिक्षण का आयोजन विश्वविद्यालय के सायना नेहवाल कृषि प्रौद्योगिकी प्रशिक्षण एवं शिक्षण संस्थान में सिरसा रोड स्थित केंद्रीय भैंस अनुसंधान संस्थान के सहयोग से किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 22 Dec 2020 06:31 AM (IST) Updated:Tue, 22 Dec 2020 06:31 AM (IST)
स्वरोजगार स्थापित करने के लिए किया प्रोत्साहित
स्वरोजगार स्थापित करने के लिए किया प्रोत्साहित

जागरण संवाददाता, हिसार : चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित किए जाने वाले विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण हासिल कर महिलाएं स्वरोजगार स्थापित कर सकती हैं। साथ ही अपने परिवार का पालन-पोषण करते हुए आमदनी भी बढ़ा सकती हैं। यह बातें विश्वविद्यालय के कुलसचिव डा. बीआर कंबोज ने कही। वे विश्वविद्यालय में प्रदेश की अनुसूचित जाति व जनजाति की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने व स्वरोजगार स्थापित करने के उद्देश्य से आयोजित पांच दिवसीय प्रशिक्षण शिविर के समापन अवसर पर बतौर मुख्यातिथि बोल रहे थे।

प्रशिक्षण का आयोजन विश्वविद्यालय के सायना नेहवाल कृषि प्रौद्योगिकी प्रशिक्षण एवं शिक्षण संस्थान में सिरसा रोड स्थित केंद्रीय भैंस अनुसंधान संस्थान के सहयोग से किया गया। इस प्रशिक्षण का आयोजन विस्तार शिक्षा निदेशक डा. आरएस हुड्डा की देखरेख में किया गया।

डा. कंबोज ने कहा कि ग्रामीण व शहरी क्षेत्र के युवक-युवतियां परीरक्षित उत्पादों की आपूर्ति करके अपने परिवार का पालन-पोषण सकते हैं। साथ ही लघु उद्योग स्थापित कर दूसरों को भी रोजगार मुहैया करवा सकते हैं। उन्होंने आह्वान किया कि यहां से प्रशिक्षण हासिल कर वे समूह बनाकर अपना व्यवसाय शुरू करें और उसे आगे बढ़ाएं।

विभिन्न उत्पादों का दिया प्रशिक्षण

संस्थान के सह-निदेशक (प्रशिक्षण) डा. अशोक गोदारा ने संस्थान में दिए जाने वाले विभिन्न प्रशिक्षणों के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी देते हुए संस्थान से जुड़कर अधिक से अधिक लाभ उठाने का आह्वान किया। संयोजक डा. डीके शर्मा व डा. सुरेंद्र सिंह ने प्रशिक्षण के दौरान आयोजित किए गए विभिन्न सत्रों के बारे में बताया।

खाद्य एवं पोषण विभाग की प्रोफेसर वर्षा रानी ने सभी तरह के अचार मुरब्बा, कैंडी, स्क्वैश, चटनी, जैम, टमाटर फल व सब्जियों को सुखाना जैसी हर प्रकार की जानकारी विस्तारपूर्वक दी जाएगी। केंद्रीय भैंस अनुसंधान संस्थान के निदेशक डा. एसएस दहिया ने अनाज के मूल्य संवर्धन करने वाली इकाई व सेल्फ हेल्प ग्रुप स्थापित करने की सलाह दी। डा. निर्मल सिंह ने आर्थिक पहलुओं की जानकारी दी, जबकि डा. देवेंद्र सिंह ने हरे पत्ते वाली सब्जियों व सागों द्वारा मूल्य संवंर्धन पर प्रकाश डाला।

डा. पवित्रा कुमारी ने मशरूम उत्पादन व उससे बनने वाले उत्पादों की विस्तृत जानकारी दी। कार्यक्रम का संचालन डा. सुरेंद्र सिंह ने किया व समापन अवसर पर सभी का धन्यवाद किया। कार्यक्रम के समापन अवसर पर सभी प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाणपत्र भी प्रदान किए गए।

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