अतीत के आइने से : जब दुष्यंत ने कुलदीप बिश्नोई से लिया पिता की हार का बदला

भजनलाल की मृत्यु के बाद वर्ष 2011 में हिसार सीट पर हुए उपचुनाव में कुलदीप बिश्नोई ने दुष्यंत के पिता अजय चौटाला को हरा दिया था। दुष्यंत ने कुलदीप को हराकर पिता की हार का बदला लिया

By manoj kumarEdited By: Publish:Thu, 18 Apr 2019 02:01 PM (IST) Updated:Fri, 19 Apr 2019 11:13 AM (IST)
अतीत के आइने से : जब दुष्यंत ने कुलदीप बिश्नोई से लिया पिता की हार का बदला
अतीत के आइने से : जब दुष्यंत ने कुलदीप बिश्नोई से लिया पिता की हार का बदला

हिसार [गौरव त्रिपाठी] वर्ष 2014 के 16वें लोकसभा चुनाव में भ्रष्टाचार बड़ा मुद्दा था। केंद्र और हरियाणा दोनों जगह कांग्रेस की सरकार थी और दोनों पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे थे। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी के प्रधानमंत्री पद के दावेदार और उस समय गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी बड़ा चुनावी चेहरा बनकर उभरे थे। पूरे देश में मोदी लहर चल रही थी। हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी और कुलदीप बिश्नोई की हरियाणा जनहित कांग्रेस (हजकां) के बीच गठबंधन था। भाजपा ने हिसार और सिरसा सीट हजकां को दी थी।

चुनाव के बाद भाजपा ने आठ में से सात सीटों पर जीत हासिल की। दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने रोहतक में अपना गढ़ बचाने के साथ कांग्रेस की झोली में प्रदेश से एकमात्र सीट डाली थी। हिसार और सिरसा में इनेलो उम्मीदवारों ने जीत हासिल की थी।

हिसार से इनेलो ने देवीलाल परिवार की चौथी पीढ़ी के दुष्यंत चौटाला को चुनाव मैदान में उतारा था। उनके सामने थे हजकां के मुखिया और भजनलाल के बेटे कुलदीप बिश्नोई। भजनलाल की मृत्यु के बाद वर्ष 2011 में हिसार सीट पर हुए उपचुनाव में कुलदीप बिश्नोई ने दुष्यंत के पिता अजय चौटाला को हरा दिया था। 2014 में दुष्यंत ने कुलदीप को हराकर पिता की हार का बदला ले लिया।

उस समय 26 के दुष्यंत चुनाव जीतकर सबसे युवा सांसद बने थे। दुष्यंत को 494478 वोट मिले थे। वहीं, कुलदीप को 462631 वोट मिले थे। कांग्रेस ने वरिष्ठ नेता संपत सिंह को टिकट दी थी। संपत सिंह को 102509 वोट मिले थे।

दीपेंद्र ने बचाया अपना किला

रोहतक लोकसभा सीट पर कांग्रेस ने लगातार जीत दर्ज कर रहे दीपेंद्र सिंह हुड्डा को इस बार भी टिकट दी थी। हुड्डा के गढ़ में सेंध लगाने के लिए भाजपा ने अपने वरिष्ठ नेता ओमप्रकाश धनखड़ को चुनाव मैदान में उतारा था। वहीं इनेलो ने शमशेर सिंह खरकड़ा को टिकट दिया था। मोदी लहर के बावजूद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने न सिर्फ अपना गढ़ बचाया बल्कि बड़े अंतर से जीत दर्ज की थी। दीपेंद्र को 490063 वोट मिले थे। वहीं ओमप्रकाश धनखड़ को 319436 वोट मिले थे। दीपेंद्र ने 170627 वोटों से जीत दर्ज की थी। शमशेर सिंह को 151120 वोट मिले थे।

बंसीलाल के गढ़ में धर्मबीर ने लहराया भगवा

भिवानी लोकसभा क्षेत्र में इस चुनाव में धर्मबीर और बंसीलाल परिवार आमने-सामने थे। कांग्रेस ने जहां बंसीलाल परिवार की तीसरी पीढ़ी से श्रुति चौधरी को टिकट दी थी, वहीं भाजपा ने कांग्रेस से भाजपा में आए धर्मबीर को चुनाव मैदान में उतारा था। इनेलो प्रत्याशी बहादुर सिंह ने भी धर्मबीर को कड़ी टक्कर दी थी और दूसरे नंबर पर रहे थे। धर्मबीर ने 404542 मत हासिल कर जीत हासिल की, वहीं बहादुर सिंह को 275148 वोट मिले थे। तीसरे नंबर पर रही श्रुति चौधरी को 268115 वोट मिले थे।

रोड़ी ने फहराया इनेलो का परचम

सिरसा सीट पर इनेलो प्रत्याशी चरणजीत सिंह रोड़ी ने जीत दर्ज की थी। रोड़ी के मुकाबले में कांग्रेस ने अशोक तंवर और हजकां ने डा. सुशील कुमार इंदौरा को उतारा था। इस चुनाव में रोड़ी को 506370 वोट मिले थे। वहीं, दूसरे नंबर पर रहे अशोक तंवर को 390634 वोट मिले थे। हजकां उम्मीदवार इस सीट पर तीसरे नंबर पर रहा और उन्हें 241067 वोट मिले थे।

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