सिरसा में बारिश के मौसम में लंबे समय से बनी हवेलियां के गिरने हो सकता है बड़ा हादसा

जर्जर हवेलियां कोई सड़क की तरफ तो कोई पड़ोस के मकान की तरफ झुक गई हैं जोकि कभी भी गिरकर बड़े हादसे का कारण बन सकती हैं। यहां से गुजरने वाले हर व्यक्ति को रात को क्या दिन में भी डर लगता है। दीवारों से ईंटे निकलकर बिखर रही हैं।

By Manoj KumarEdited By: Publish:Wed, 16 Jun 2021 02:41 PM (IST) Updated:Wed, 16 Jun 2021 02:41 PM (IST)
सिरसा में बारिश के मौसम में लंबे समय से बनी हवेलियां के गिरने हो सकता है बड़ा हादसा
बारिश के मौसम में पुराने मकानों के गिरने का खतरा बना हुआ है और हादसा हो सकता है

सिरसा, जेएनएन। सिरसा शहर में बनी पुरानी हवेलियों में आई दरार व मलबा गिरने से बने झरोखों में से हमेशा मौत झांकती हो। दरारों के अलावा ये जर्जर हवेलियां कोई सड़क की तरफ तो कोई पड़ोस में बने मकान की तरफ झुक गई हैं जोकि कभी भी गिरकर बड़े हादसे का कारण बन सकती हैं। यहां से गुजरने वाले हर व्यक्ति को रात को क्या दिन में भी डर लगता है। बारिश के मौसम में इनकी दरार खाई दीवारों से ईंटे निकलकर बिखर रही हैं। जिससे कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। यह भी नहीं है कि जिला प्रशासन को इन जर्जर हवेलियों का पता न हो लेकिन उसके बाद भी जिला प्रशासन मौन है।

बारिश के मौसम में अधिक खतरा

शहर में पहले अनेक हवेलियां बनी हुई थी। जिनको समय समय पर गिरा दिया गया। अब भी करीब 50 बड़ी पुरानी हवेलियां बाजारों में हैं। जिनमें भादरा बाजार, रोड़ी बाजार, रानियां बाजार, नोहरियां बाजार, हिसारियां बाजार, सूरतगढि़या बाजार व सदर बाजार के आसपास गलियों के अंदर हवेलियां पड़ी हुई है। शहर के बीचोंबीच बाजारों व घरों के आसपास खड़ी जर्जर हवेलियों का गिरने का खतरा सता रहा है। शहर का अंदरूनी हिस्सा ऐसा नहीं होगा जहां पर कोई न कोई पुरानी हवेली न हो और उस पर मोटा-सा ताला लटक न रहा हो।

इन हवेलियों के अधिकांश मालिक सिरसा छोड़कर बाहर दूसरे स्थानों पर कारोबार करने में व्यस्त हैं। उनको अपनी इस पुश्तैनी हवेली या जायदाद की कोई परवाह नहीं है। बिना देखभाल के यह हवेलियां खंडहरों में तबदील हो गई हैं। इन हवेलियों में जगह-जगह झरोखे बन गए हैं। उनमें से बारिश व हवा आरपार निकल रही है। मकड़ियों के जाल, कबूतरों के आशियाने बनने से हवेलियां और भी डरावनी बन रही हैं।

कभी शहर की शान थी हवेलियां

सिरसा नगरी कभी अपने भव्य एवं नक्काशी वाली हवेलियां के कारण भी जाना जाता था। यहां पर पुराने जमाने की एक दशक पहले सौ से अधिक हवेलियां थी। इस समय भादरा बाजार, रोड़ी बाजार, रानियां बाजार, नोहरियां बाजार, हिसारियां बाजार, सूरतगढि़या बाजार व सदर बाजार में सबसे अधिक थी।

----शहर में हवेलियां काफी जर्जर हो चुकी है। अभी इसके बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता है। जो आसपास के व्यक्ति हादसा होने के डर से शिकायत देकर जाता है। इसके बाद कार्रवाई की जाती है। पिछले महीने हमारे पास एक शिकायत आई थी। उसका हमने निपटान कर दिया है।

राजेश कुमार, कनिष्ठ अभियंता, नगर परिषद, सिरसा

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