घर में घुसकर दुश्मन को सबक सिखाने का अनुपम उदाहरण है सर्जिकल स्ट्राइक : विधायक डॉ. गुप्ता

विधायक डा. कमल गुप्ता गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय के सभागार में आयोजित सर्जिकल स्ट्राइक डे पर आयोजित कार्यक्रम को बतौर मुख्यातिथि संबोधित कर रहे थे।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 30 Sep 2018 11:32 AM (IST) Updated:Sun, 30 Sep 2018 11:32 AM (IST)
घर में घुसकर दुश्मन को सबक सिखाने का अनुपम उदाहरण है सर्जिकल स्ट्राइक : विधायक डॉ. गुप्ता
घर में घुसकर दुश्मन को सबक सिखाने का अनुपम उदाहरण है सर्जिकल स्ट्राइक : विधायक डॉ. गुप्ता

जेएनएन, हिसार : हरियाणा ब्यूरो ऑफ पब्लिक इंटरप्राइजेज के चेयरमैन व विधायक डा. कमल गुप्ता ने कहा कि भारत के वीर व जाबांज सैनिकों द्वारा पाकिस्तान में जाकर की गई सर्जिकल स्ट्राइक दुश्मन को उसके घर में घुसकर सबक सिखाने का अनुपम उदाहरण है। यह कोई छोटी घटना नहीं थी जिसमें बिना किसी नुकसान, हमारे सैनिकों ने दूसरे देश की धरती पर ऐसा ऑपरेशन अंजाम दिया था। इस घटना के बाद पूरी दुनिया ने भारत की सैन्य शक्ति का लोहा माना था।

विधायक डा. कमल गुप्ता गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय के सभागार में आयोजित सर्जिकल स्ट्राइक डे पर आयोजित कार्यक्रम को बतौर मुख्यातिथि संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक शिवचरण, अतिरिक्त उपायुक्त अमरजीत ¨सह मान सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

इस दौरान सर्जिकल स्ट्राइक पर बनी डॉक्युमेंट्री फिल्म भी दिखाई गई। साथ ही प्रदर्शनी भी लगाई गई। इससे पूर्व लघु सचिवालय स्थित शहीद स्मारक पर शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित किए।

डा. कमल गुप्ता ने कहा कि जो सैनिक देश की रक्षा करते हुए अपना बलिदान देते हैं, वे निश्चित रूप से स्वर्ग जाते हैं। देश की रक्षा के लिए हंसते-हंसते अपने प्राण न्यौछावर करने वाले सैनिकों के बलिदान और वीरता की कहानियां देश के बच्चे-बच्चे को बतानी जरूरी हैं। इससे हम आने वाली पीढि़यों में बहादुरी का गुण पैदा कर सकते हैं। यही कार्य वर्तमान सरकार कर रही है। सर्जिकल स्ट्राइक के माध्यम से देश की सैन्य शक्ति और दुश्मन के खिलाफ किसी भी हद तक जाने के हमारे जज्बे का स्पष्ट संकेत दुश्मनों के साथ-साथ दुनिया को दिया गया था। उन्होंने बताया कि हरियाणा सरकार द्वारा सैनिक के शहीद होने पर उसके परिजनों को 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है।

उपायुक्त अशोक कुमार मीणा ने कहा कि देश के भीतर कानून-व्यवस्था और सीमाओं पर देश की रक्षा बहुत जरूरी है। इनके बिना देश के विकास का कोई अर्थ नहीं रह जाता है। उन्होंने बताया कि आईएएस के प्रशिक्षण के दौरान मुझे एक बार लेह जाने का अवसर मिला था। वहां मैंने देखा कि हमारे सैनिक कितनी विकट परिस्थितियों में रहकर देश की सीमाओं की रक्षा करते हैं। सियाचिन की पहाड़ियों जैसे इलाकों में जीवन बिताना आसान नहीं है।

सेना मेडल से सम्मानित मेजर करतार ¨सह ने सेना में सेवा के दौरान के अनुभव और संस्मरण साझा किए। उन्होंने बताया कि मुझे 1962, 1965 और 1971 के युद्धों में इन्फेंट्री ऑफिसर के रूप में अग्रिम मोर्चे पर भाग लेने का अवसर मिला। उन्होंने तीनों युद्धों में सेना की रणनीति और तत्कालीन राजनीतिक नेतृत्व के फैसलों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस अवसर पर जिला सैनिक एवं अर्ध सैनिक विभाग के कल्याण अधिकारी सचिव कैप्टन संदीप बाली, सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के उपनिदेशक डा. साहिब राम गोदारा, नगर निगम आयुक्त अशोक बंसल, सिटीएम शालिनी चेतल, एसडीएम परमजीत ¨सह, संयुक्त आयुक्त जयबीर यादव, भाजपा जिला महामंत्री सुजीत कुमार, सोनाली फोगाट आदि मौजूद थे।

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