सीएम मनोहर की सुरक्षा में चूक, कई मंत्री साथ रहे फिर भी ब्लेड और जहर लेकर पहुंच गया युवक
भाजपा प्रदेश कार्यालय में अधेड़ की आत्महत्या के प्रयास का मामला। चीख-चीखकर बोला सीएम साहब न्याय दिलाओ या फिर मुझे मरने दो। कई जगह तलाशी के बाद भी अंदर ब्लेड और जहर लेकर पहुंच गया
रोहतक, जेएनएन। भाजपा के प्रदेश कार्यालय में नवनियुक्त प्रदेशाध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ के पदग्रहण समारोह में एक व्यक्ति के आत्महत्या के प्रयास की घटना के बाद सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े हो गए हैं। कार्यक्रम में सीएम मनोहरलाल के अलावा केंद्रीय मंत्री, मंत्री, सांसद, विधायक व पदाधिकारी मौजूद थे। फिर भी कैलाश कालोनी का रहने वाला राजबीर ब्लेड और जहर की पुडिया लेकर ना केवल कार्यक्रम स्थल में घुसा, बल्कि मंच के सामने ब्लेड से पैर की नस भी काट ली। लापरवाही का यह हाल तो तब रहा जब विवादों में रहने के बाद भी पुलिसकर्मी राजबीर को नहीं पहचान सके।
जबकि कार्यक्रम में जाने वालों की गहनता से तलाशी भी ली जा रही थी। दरअसल, राजबीर ने पिछले साल 26 जुलाई को लघु सचिवालय में एसपी ऑफिस के सामने शीशे से दोनों पैरों की नस काटकर आत्महत्या का प्रयास किया था। वहां पर भी राजबीर पेट्रोल और जहर की शीशी लेकर पहुंचा था। पैरों की नस काटते ही पुलिसकर्मियों ने उसे पकड़ लिया था। जिसे पीजीआइ में भर्ती कराया गया था। इतना मामला होने के बाद भी वह वीरवार को सत्ताधारी पार्टी के कार्यक्रम में बड़ी आसानी से घुसा और आत्महत्या का प्रयास कर सभी में खलबली मचा दी। पुलिसकर्मियों ने उसे पीजीआइ में भर्ती कराया। कुछ देर के लिए कार्यक्रम बाधित रहा, लेकिन उसके पीजीआइ जाने के बाद फिर से कार्यक्रम सुचारू रूप से चला।
गिरफ्तारी से बचने के लिए मांग ली थी माफी
पिछले साल जब राजबीर ने एसपी ऑफिस के सामने आत्महत्या का प्रयास किया था उस समय ईएचसी महेंद्र ङ्क्षसह की शिकायत पर आर्य नगर थाने में राजबीर के खिलाफ आत्महत्या का प्रयास समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज हुआ था। हालांकि बाद में राजबीर ने पुलिस से माफी मांग ली थी। उसकी मानसिक स्थिति को देखते हुए पुलिस ने उसे गिरफ्तार नहीं किया था। लेकिन वीरवार को उसने दोबारा से आत्महत्या का प्रयास किया।
दो डीएसपी और एसडीएम समेत कई अधिकारियों पर संगीन आरोप
पीजीआइ में मीडिया से बात करते हुए राजबीर ने बताया कि करीब छह साल पहले वह कंसाला गांव में नशा मुक्ति केंद्र चलाता था। वहां पर एक युवक को भर्ती किया गया था। उसके घरवालों ने मारपीट का आरोप लगाते हुए राजबीर के खिलाफ केस दर्ज करा दिया था। उस केस से निकाले के लिए कंसाला चौकी इंचार्ज और जांच अधिकारी ने 60 हजार रुपये की रिश्वत ली थी। नशा मुक्ति केंद्र भी बंद करा दिया था। जिससे उसकी आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर हो गई। उसके रुपये वापस दिलाए जाए। उसका बेटा अमित किसी मामले में यूपी की बदायू जेल में बंद है। जिस पर जेल से बंदियों को भगाने का भी आरोप है। उसकी जमानत के लिए 15 तारीख में वेरीफिकेशन के लिए दस्तावेज आए थे, लेकिन उन दस्तावेजों को पुलिस-प्रशासनिक अधिकारी वेरिफाई नहीं कर रहे हैं। वहीं उसके भाई की पत्नी सांपला स्थित एक सरकारी स्कूल में शिक्षिका के पद पर है। स्कूल की ङ्क्षप्रसीपल उसे प्रताडि़त कर रही है। इन मांगों को लेकर जब कहीं पर भी उसकी सुनवाई नहीं हुई तब सीएम के सामने पहुंचा था। राजबीर ने दो डीएसपी समेत चार पुलिसकर्मी, एसडीएम और शिक्षा विभाग की दो महिला अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है। सुसाइड नोट में भी उसने अपनी इन्हीं बातों का जिक्र किया है।
यह है रिश्वतखोर पुलिस-प्रशासन
पैर की नस काटने के बाद उसने मंच की तरफ जाने का प्रयास किया, लेकिन भाजपा पदाधिकारियों और पुलिस ने उसे पकड़ लिया। इस दौरान वह बार-बार कहता रहा कि उसे न्याय नहीं मिल रहा है। पुलिस-प्रशासनिक अधिकारी उसकी सुनवाई नहीं कर रहे हैं। हर जगह रिश्वत मांगी जा रही है। वह इस ङ्क्षजदगी से तंग आ चुका है। अब मरना चाहता है।