दस साल की सजा काट रहे काली को हत्‍या प्रयास में फिर मिली सात साल की कैद

अदालत ने हत्या प्रयास और शस्त्र अधिनियम के तहत सजा सुनाई है। स्‍वीटी हत्‍याकांड में काली बरी हो चुका था। एक अन्‍य मामले में 10 साल की सजा खत्‍म होने के बाद शुरू होगी 7 साल की सजा

By manoj kumarEdited By: Publish:Fri, 15 Feb 2019 12:35 PM (IST) Updated:Sat, 16 Feb 2019 02:56 PM (IST)
दस साल की सजा काट रहे काली को हत्‍या प्रयास में फिर मिली सात साल की कैद
दस साल की सजा काट रहे काली को हत्‍या प्रयास में फिर मिली सात साल की कैद

हिसार, जेएनएन।  एडीजे डीआर चालिया की अदालत ने हत्या प्रयास और शस्त्र अधिनियम के तहत 12 क्वार्टर एरिया के इंदिरा नगर के सुमित उर्फ काली को 7 साल की कैद और 6000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना न भरने पर उसे एक साल की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। एडीजे अजय पराशर की अदालत काली को पहले हत्या प्रयास के एक अन्‍य मामले में 10 साल की सजा सुना चुकी है। अदालत ने फैसले में कहा है कि पहले वाली 10 साल की कैद काटने के बाद यह सजा शुरू होगी। अदालत ने दूसरे आरोपित ढ़ाणी श्यामलाल निवासी कमल को बरी कर दिया।

सिटी थाना पुलिस ने इस संबंध में 17 अप्रैल 2016 को हत्या प्रयास का केस दर्ज किया था। कुंजलाल गार्डन निवासी प्रॉपर्टी डीलर विजय उर्फ चोटी को गोली लगने के कारण एक निजी अस्पताल में दाखिल कराया गया था। उसने पुलिस को बयान देेकर कहा था कि वह पड़ाव से बाइक पर कुंजलाल गार्डन स्थित अपने घर के लिए चला था। मेरे पीछे योगनगर निवासी मेरा दोस्त कृष्ण बाइक पर आ रहा था। वह योगनगर में पहुंचा तो पीछे से बाइक पर इंदिरा नगर का सुमित उर्फ काली, ढाणी श्यामलाल का कमल और एक अन्य युवक आए। सुमित और कमल के हाथ में पिस्तौल थी। काली ने सीधे में मेरे कंधे पर गोली मारी, जिससे मैं गिर गया। गोली मारने के बाद हमलावर फरार हो गए। मुझे मेरे दोस्त कृष्ण ने उठाया। उसके बाद परिजन उसे वाहन में अस्पताल में ले गए।

समझौता न करने पर दूसरी बार मारी थी गोली

विजय ने पुलिस को बताया था कि रंजिश यह है कि साल 2014 में काली ने मेरे सिर में गोली मारी थी। वह मुकदमा अब विचाराधीन है। उस मुकमदे में तीन दिन बाद गवाही होनी है। काली समझौता करने के लिए दबाव बना रहा था और मैंने समझौता करने से इनकार कर दिया था। सिटी थाना पुलिस ने इस संबंध में हत्या प्रयास का केस दर्ज किया था।

लोगों ने हत्या के खिलाफ 3 दिन क्लॉथ मार्केट मोड़ रखा था जाम

इंदिरा नगर में 16 अप्रैल 2016 को बाइक सवार दो-तीन लड़कों ने बाबूलाल गुर्जर के डिस केबल के ऑफिस के दरवाजे पर गोली मारी थी। गोली शीशे से आर-पार हो गई थी। उसके बाद बाइक सवार युवकों ने पास में ही बाबूलाल के घर में गोलियां चलाई थी। जिससे बाबूलाल के घर काम करने वाली महिला की 17 वर्षीय बेटी स्वीटी घायल हो गई थी। सिविल अस्पताल में ले जाने पर स्वीटी को मृत घोषित कर दिया गया था। सिटी थाना पुलिस ने इस संबंध में सुमित काली और अन्य पर केस दर्ज किया था। वारदात से आक्रोशित लोगों ने हत्या के विरोध में तीन दिन क्लॉथ मार्केट मोड़ जाम रखा था। पुलिस ने तीसरे दिन आंदोलनकारी युवकों को क्लॉथ मार्केट में घुसने पर खदेड़ दिया था। लोगों ने बाद में शव उठाकर संस्कार किया था। अदालत ने उस मुकदमे में हत्या के आरोप से काली को बरी कर दिया था। अदालत ने उसे शस्त्र अधिनियम में दो साल की सजा सुनाई थी।

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