हिसार जिले के गांवों में लगातार बढ़ रहा कोरोना केस और संक्रमितों की मौत का सिलसिला

ग्रामीण इलाकों की तरफ देखा जाए तो प्रत्येक घर में बुखार का मरीज देखने को मिलेगा और उनका जीवन रक्षक गांव में झोलाछाप डॉक्टर ही बने हुए हैं। गांव में टेस्टिंग भी बहुत कम है और इसी चलते कोरोना ग्रामीण क्षेत्रों में जिंदगियां लील रहा है।

By Manoj KumarEdited By: Publish:Thu, 13 May 2021 04:13 PM (IST) Updated:Thu, 13 May 2021 04:13 PM (IST)
हिसार जिले के गांवों में लगातार बढ़ रहा कोरोना केस और संक्रमितों की मौत का सिलसिला
कोरोना महामारी को लेकर स्वास्थ्य विभाग गांवों में टेस्टिंग बढ़ा रहा है

नारनौंद [सुनील मान] कोरोना महामारी से निपटने के लिए सरकार बड़े पैमाने पर काम कर रही है। लेकिन अगर ग्रामीण इलाकों की तरफ देखा जाए तो प्रत्येक घर में बुखार का मरीज देखने को मिलेगा और उनका जीवन रक्षक गांव में झोलाछाप डॉक्टर ही बने हुए हैं। गांव में टेस्टिंग भी बहुत कम है और इसी चलते कोरोना ग्रामीण क्षेत्रों में जिंदगियां लील रहा है। हालांकि काफी मौतों के बारे में अभी तक कुछ भी कहना मुनासिब नहीं होगा।

कोरोना महामारी को लेकर स्वास्थ्य विभाग टेस्टिंग बढ़ा रहा है और अब स्वास्थ्य विभाग ने ग्रामीण क्षेत्रों की तरफ भी अपना रुख किया है। आए दिन कोरोना के काफी केस मिल रहे हैं। पिछले 12 दिनों से अगर देखा जाए तो दर्जनों गांव में काफी लोगों की मौत हुई है। जिनमें से कुछ लोगों की मौतें कोरोना की वजह से हुई है। तो कुछ लोगों की मौत का कोई भी कारण सामने नहीं आया। अगर देखा जाए तो सबसे ज्यादा मौत गांव खांडा खेड़ी में 16 लोगों की हुई है। जिनमें से चार लोगों की मौत कोरोना की वजह से हुई है।

गांव थूराना में भी 16 लोगों की मौत हुई है। जिनमें से तीन लोगों की मौत कोरोना से हुई है। गांव गुराना में 10 लोगों की मौत हुई है। जिनमें से दो लोगों की मौत कोरोना से हुई है गांव राजथल में 9 लोगों की मौत हुई है। जिनमें से 3 लोगों की मौतें कोरोना से हुई है। पेटवाड़ में 7 लोगों की मौत हुई है। जिनमें से दो लोगों की मौत कोरोना से हुई है। नारनौंद में 8 लोगों की मौत हुई है। और यह सभी मौत कोरोना की वजह से हुई है। इन मौतों के बाद स्वास्थ्य विभाग जागा और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गांव-गांव में जाकर लोगों को जागरूक किया।

इस संबंध में एसएमओ डॉक्टर यशपाल ने बताया कि कुछ गांव में ज्यादा मौतें हो रही थी। उन गांव में स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने जाकर ग्रामीणों को टेस्टिंग के लिए जागरूक किया है और साथ ही वैक्सीन लगवाने के लिए भी लोगों को प्रेरित किया है। गांव में अलग-अलग शेड्यूल बना कर ग्रामीणों की टेस्टिंग की जा रही है।

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