हिसार में बने बटनों की अमेरिका, चीन तक है डिमांड, हर रोज 7.2 करोड़ बटनों की हो रही प्रोडक्शन
हर रोज 7.2 करोड़ बटनों को कई इंस्ट्रीज प्रोडक्शन करती हैं। जिसमें समय-सयम पर कई प्रयोग होते रहे हैं। अब ईको फ्रेंडली बटनों का निर्माण किया जा रहा है ताकि पर्यावरण की सुरक्षा की जा सके।ईको फ्रेंडली बटनों को बनाने केलिए काेकोनट लकड़ी नैचुरल मैटल का प्रयोग किया जाता है।
हिसार, जेएनएन। स्टील सिटी के नाम से पहचाना जाने वाला हिसार बटन बनाने में भी किसी से कम नहीं है। यहां हर रोज 7.2 करोड़ बटनों को कई इंस्ट्रीज प्रोडक्शन करती हैं। जिसमें समय-सयम पर कई प्रयोग होते रहे हैं। अब ईको फ्रेंडली बटनों का निर्माण किया जा रहा है ताकि पर्यावरण की सुरक्षा की जा सके।ईको फ्रेंडली बटनों को बनाने केलिए काेकोनट, लकड़ी, नैचुरल मैटल का प्रयोग किया जाता है। इन बटनों को पर्यावरण प्रदुषण को रोकने के लिए किया जाता है। आप यह जानकर हैरान रह जाएंगे कि हिसार में बटन प्रोडक्शन के क्षेत्र में 100 करोड़ रुपये से अधिक का टर्नओवर कंपनियो का है और यहां से कई देशों में बटन सप्लाई किया जाता रहा है। जैकेट हो या ब्लेजर, पैंट हो या शर्ट कई देशों में कई बड़े ब्रांड हिसार की कंपनियों से यह आर्डर देकर प्रोडक्ट तैयार कराते हैं।
अमेरिका में बटन की डिमांड
कुछ समय पहले हिसार में बनाए गए बटनों की सप्लाई अमेरिका, चीन, दुबई, बांग्लादेश सहित कई देशों में होती है। शहर में मुख्य रूप से इस कार्य को जिंदल पॉली बटन कंपनी तैयार करती है। कोरोना के बाद कुछ परिवर्तन जरूर हुए हैं मगर यह काम तेजी से किया जा रहा है और इसमें परिवर्तन ीाी भी हो रहे हैं। यहां पॉलिस्टर बटन, मैटेलिक बटन, फ्लोरल वूमन बटन, डबल शेड बटन, शर्ट बटन आदि किस्मों के बटन तैयार किए जाते हैं। खास बात है कि यह सभी बटन एक्सपोर्ट किए जाते हैं।
5 से 6 दिन में बनता है बटन -
बटन सामान्य तौर पर 5 से 7 दिन में बनाए जाते है। साथ ही प्रतिदिन 7 करोड़ 2 लाख बटन का निर्माण किया जाता है। इसके साथ-साथ देश-विदेश में करीब 90 कंपनियां है जो हिसार में बने बटनों के खरीदार है।
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