बीरेंद्र सिंह बोले- मुख्यमंत्री जी सत्ता में आने के बाद कुछ दिखता नहीं, मनोहर बोले- मेरी आंखें छोटी मगर सब देख रहीं

संवाद सहयोगी, उकलाना (हिसार): भाजपा का हलका स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन को एक निजी गार्डन में

By JagranEdited By: Publish:Sat, 07 Jul 2018 07:23 AM (IST) Updated:Sat, 07 Jul 2018 07:23 AM (IST)
बीरेंद्र सिंह बोले- मुख्यमंत्री जी सत्ता में आने के बाद कुछ दिखता नहीं, मनोहर बोले- मेरी आंखें छोटी मगर सब देख रहीं
बीरेंद्र सिंह बोले- मुख्यमंत्री जी सत्ता में आने के बाद कुछ दिखता नहीं, मनोहर बोले- मेरी आंखें छोटी मगर सब देख रहीं

संवाद सहयोगी, उकलाना (हिसार): भाजपा का हलका स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन को एक निजी गार्डन में आयोजित हुआ। इसमें प्रदेश के दो दिग्गज नेता मुख्यमंत्री मनोहर लाल व केंद्रीय इस्पात मंत्री बीरेंद्र ¨सह एक मंच पर कार्यकर्ताओं को संबोधित करने पहुंचे। दोनों नेताओं ने मंच से एक दूसरे पर तंज कसे तो मौजूद कार्यकर्ताओं ने जमकर ठहाके लगाए। बीरेंद्र ¨सह ने कहा कि मुख्यमंत्री जी कार्यकर्ता भी कुछ चाहते हैं उनकी भी कुछ फिक्र करो। सत्ता में आने के बाद आंखों से कुछ दिखाई नहीं देता इसलिए आप भी इस बात पर गौर करो। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरी आंख छोटी जरूर हैं, लेकिन तीखी बहुत हैं। जो सबकुछ देख रही हैं। आंखें तो आपकी भी तीखी हैं। बीरेंद्र ¨सह यहीं नहीं रुके उन्होंने बीजेपी के बड़े नेताओं पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि यहां उनको हिसार जिले के प्रभारी बनाए जाने को बढ़ा चढ़ाकर पेश किया जा रहा है, जबकि वे तो कई-कई राज्यों के प्रभारी रहे हैं और कई नेताओं को मुख्यमंत्री बनाया है। डीसी वत्स आप चुनाव लड़कर देख लो वहम निकल जाएगा

राज्यसभा सदस्य डीपी वत्स के हिसार जिले को संभालने की बात पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अगर आप हिसार से जीत सकते हो तो राज्यसभा पद से इस्तीफा दे दो और फिर लोकसभा चुनाव लड़कर देख लो। फिर पता लग जाएगा हमारी जरूरत है या नहीं। ये सेना की लड़ाई नहीं बल्कि राजनीति की लड़ाई है जो अलग तरीके से लड़ी जाती है। उन्होंने इनेलो पर निशाना साधते हुए कहा कि 50 साल में जिनका 5 बार राज आया वो अब एसवाईएल की बात कर रहे हैं। उनके पेट में दोबारा से लूट की भूख है, उसे वो मिटाना चाहते हैं। इसलिए लोगों को गुमराह कर रहे हैं। कांग्रेस पर तंज कसा कि यात्रा की बात करने वाले आज किसानों की लड़ाई की बात कर रहे है, लेकिन उन्होंने किसानों की जमीन उद्योगपतियों को बेची।

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