Kisan Andolan: आंसू बहाकर नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन को धार देने वाले राकेश टिकैत का जादू उतार पर

टिकैत झज्जर-दिल्ली सीमा पर स्थित ढांसा बॉर्डर पर कृषि कानून विरोधी आंदोलनकारियों को संबोधित कर रहे थे। तभी मंच पर वह बच्ची पहुंच गई। उसने अपनी बात कहने की इजाजत मांगी और सीधे टिकैत से किया सवाल आंदोलन का हमारे समाज और आपसी मेल-मिलाप पर क्या असर पड़ रहा?

By Sanjay PokhriyalEdited By: Publish:Wed, 10 Mar 2021 09:41 AM (IST) Updated:Wed, 10 Mar 2021 04:08 PM (IST)
Kisan Andolan: आंसू बहाकर नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन को धार देने वाले राकेश टिकैत का जादू उतार पर
टिकैत झज्जर-दिल्ली सीमा पर स्थित ढांसा बॉर्डर पर कृषि कानून विरोधी आंदोलनकारियों को संबोधित कर रहे थे।

हिसार, जगदीश त्रिपाठी। Kisan Andolan भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत के आंसुओं ने कृषि सुधार विरोधी आंदोलन को संजीवनी दे दी थी, लेकिन अब उनका जादू उतार पर है। और यह काम किया है एक छात्र ने। टिकैत झज्जर-दिल्ली सीमा पर स्थित ढांसा बॉर्डर पर कृषि कानून विरोधी आंदोलनकारियों को संबोधित कर रहे थे। तभी मंच पर वह बच्ची पहुंच गई। उसने अपनी बात कहने की इजाजत मांगी और सीधे टिकैत से सवाल पूछ लिया कि आंदोलन का हमारे समाज और आपसी मेल-मिलाप पर क्या असर पड़ रहा है, यह देखा जाना चाहिए?

यदि इस आंदोलन का समाधान न निकला तो क्या होगा? टिकैत के पास उसके प्रश्नों का उत्तर नहीं था। उन्होंने उस बेटी के हाथ से माइक ले लिया तो उसने कहा कि देश का युवा सवाल तो पूछेगा ही। आपका इस तरह से मेरे हाथ से माइक लेना उचित नहीं है। हरियाणा के लोग उस बेटी के अपमान से क्षुब्ध हैं। इस प्रकरण से प्रदेश का वह समुदाय भी राकेश टिकैत से नाराज हो गया है, जो अब तक उनका दीवाना हुआ करता था।

राकेश टिकैत (केसरिया पगड़ी) की मौजूदगी में छात्र के हाथ से माइक छीन लिया गया। जागरण

यद्यपि कृषि सुधार विरोधी आंदोलनकारियों के खिलाफ हरियाणा में आक्रोश पनपना इस घटना के महीनों पहले प्रारंभ हो चुका था। विशेष रूप से सब्जी उत्पादक किसानों में। यह बात अलग है कि वे विरोध का साहस नहीं जुटा पा रहे थे, लेकिन मार्च का पहला सप्ताह बीतते-बीतते उनका धैर्य टूट गया। बहादुरगढ़ से लगे हुए गांव झाड़ौदा कलां के किसानों ने आंदोलन की वजह से बंद किए गए बॉर्डर खुलवाने के लिए नजफगढ़-बहादुरगढ़ रोड पर यातायात बाधित कर दिया। इससे वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। क्षुब्ध किसान तब जाकर माने जब दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि वे तीन दिन में बॉर्डर खोल देंगे। और ऐसा हुआ भी।

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झाड़ौदा में करीब 16 हजार एकड़ जमीन पर सब्जियों की खेती की जाती है। पहले झाड़ौदा के किसानों का आक्रोश प्रदर्शन, फिर छात्र का सवाल पूछना और उसके हाथ से माइक छीना जाना एक तकह से राकेश टिकैत के आंसुओं से लगभग डेढ़ महीने पहले खुश होने वाले आंदोलनकारियों के चेहर पर चिंता की लकीरें खींच रहे हैं। धरनास्थल के पंडाल खाली हो चुके हैं। हालांकि नए-नए तरीके से उन्हें भरने का प्रयास किया जा रहा है, जैसे महिला दिवस पर महिलाओं को आगे लाना। एक बात और, पंजाब का संगठन भारतीय किसान यूनियन एकता (उगराहां) फिर से पुरानी मांग दोहराने लगा है। महिला दिवस पर इस संगठन के मंच पर दिल्ली दंगे एवं भीमा कोरेगांव के आरोपितों सुधा भारद्वाज, शोमा सेन, नताशा नरवाल, देवांगना कालीता, सफूरा जरगर एवं गुलफिशा फातिमा आदि को रिहा करने के लिए पोस्टर लगाए गए।

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इंटरनेट मीडिया का सार्थक उपयोग : हरियाणा के किसानों का एक वर्ग इंटरनेट मीडिया के माध्यम से खेती-किसानी में बदलाव का प्रयास कर रहा है। हालांकि ऐसे किसानों की संख्या अभी अधिक तो नहीं है, लेकिन संतोषजनक है। संतोषजनक इसलिए कि भले अभी उनकी संख्या कम हो, लेकिन वे परिवर्तन की दिशा में आगे बढ़ने के लिए अन्य किसानों को प्रेरित कर रहे हैं। इंटरनेट मीडिया का उपयोग करने वाले ये किसान अब ट्विटर जैसे प्लेटफॉर्म के माध्यम से अपनी समस्याएं सुलझा रहे हैं। भिवानी के गांव गारनपुरा के रहने वाले सत्यवान सिंह हों या गुरुग्राम के इंछापुरी के रहने वाले मनीष यादव हों या फिर हिसार के गांव धाना खुर्द के निवासी पवन यादव, ये ऐसे किसान हैं, जिन्होंने मुख्यमंत्री के ट्विटर हैंडल पर मेरी फसल-मेरा ब्योरा पोर्टल पर पंजीकरण में आ रही समस्याओं को उठाया। उनके ट्वीट करने के तीन दिन के भीतर ही उनकी समस्याओं का निदान कर दिया गया।

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हरियाणा फ्रीडम ऑफ रिलीजन एक्ट : हरियाणा लव जिहाद पर अंकुश लगाने के लिए हरियाणा फ्रीडम ऑफ रिलीजन एक्ट नाम से कानून बनाने जा रहा है। कई बार कुछ मुस्लिम युवक स्वयं को हिंदू बता शादी कर लेते हैं। जब उनके कपट का पता चलता है तो युवती के सामने दो ही मार्ग होते हैं या तो वह स्थिति से समझौता कर ले और उसके साथ बीवी बनकर रहे या विद्रोह कर दे। यदि वह विद्रोह करती है तो कई बार शौहर उनकी हत्या कर देते हैं। एकाध युगल अपवाद भले हो सकते हैं, लेकिन मतांतरण कर निकाह करने वाली अधिकतम युवतियों की दारुण गाथा ऐसी ही होती है।

[प्रभारी, हरियाणा राज्य डेस्क]

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