टिड्डियों की खासियत जानकर रह जाएंगे हैरान, संवाद कर बनाती प्‍लानिंग, एक जैसी दिनचर्या

इतने बड़े झुंड में एक साथ टिड्डियों के आने का राज सामने आया है। टिड्डियां सेरोटोनिन हार्मोन के निकलने पर आपस मे संवाद करती हैं। कंपाउंड आंखें होने से दूर का भी देख सकती हैं।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Thu, 30 Jul 2020 09:49 AM (IST) Updated:Thu, 30 Jul 2020 09:49 AM (IST)
टिड्डियों की खासियत जानकर रह जाएंगे हैरान, संवाद कर बनाती प्‍लानिंग, एक जैसी दिनचर्या
टिड्डियों की खासियत जानकर रह जाएंगे हैरान, संवाद कर बनाती प्‍लानिंग, एक जैसी दिनचर्या

हिसार, जेएनएन। सुबह उडऩे से लेकर रात्रि को बैठने और फसल को चट करने तक टिड्डियों की दिनचर्या एक सी होती है। यह देखकर सबसे पहला सवाल उठता है कि एक जैसा टिड्डियां व्यवहार कैसे करती हैं। आपको यह जानकार हैरानी होगी कि एक जैसी व्यवहार करने के पीछे टिड्डियों का एक विशेष हार्मोन जिम्मेदार है। दरअसल दल में शामिल होने के बाद व्यस्क टिड्डियां सेरोटोनिन हार्मोन छोड़ती हैं।

नर्वस सिस्टम से यह हार्मोन रिलीज होता है, इस हार्मोन का स्तर धीमे-धीमे बढ़ जाता है तो यह झुंड का आकार ले लेते हैं। इस हार्मोंन की वजय से वह एक दूसरे का अनुसरण करती हैं। टिड्डियां कहीं बैठेंगी तो सभी एक स्थान पर बैठेंगी, अगर सुबह उड़ेंगी तो सभी एक साथ उड़ेंगी। टिड्डियों के व्यवहार को लेकर चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कीट विज्ञान विभाग के प्रमुख डा. योगश कुमार बताते हैं कि यह विशेष प्रकार का हार्मोन टिड्डियों को हजारों मील का सफर तय करने तक की हिम्मत देता है। यहां तक कि झुंड बनाने का निर्णय भी इसी हार्मोन के कारण टिड्डियां लेती हैं। 

हर जगह न बैठकर चयनित स्थान पर करती हैं भोजन 

डा. योगेश बताते हैं कि टिड्डियां इसी हार्मोन की मदद से तय करती हैं कि यहां अधिक हरियाली है तो इस स्थान पर उन्हें भोजन मिल सकता है। यह काम अपने एंटीना से निर्णय लेकर करती हैं। किसी भी फसल पर मंडराने के बाद खाने का निर्णय टिड्डियां लेती हैं। इसके साथ ही रंगों की पहचान कर भोजना का पता करती हैं। इसके साथ ही यह आगे बढ़ती हैं तो सिर्फ हरियाली को खोजते हुए। हवा के साय टिड्डी दल आगे बढ़ते हैं। इसके साथ ही यह हार्मोन यह भी निर्णय कराने का क्षमता टिड्डियों के भीतर विकसित करा देता है कि वह प्रजनन किस स्थान पर करें और अंडे कहां दें। जहां भोजना के लिए फसलों का टिड्डियां चयन करती हैं तो अंडे देने के लिए वह रेतीली भूमि का प्रयोग करती हैं। इसके साथ ही उस स्थान पर तापमान भी बहुत महत्वपूर्ण योगदान अदा करता है। क्योंकि जब तक सही तापमान नहीं होगा अंडों का विकास ठीक से नहीं हो सकेगा। 

कंपाउंड विजन के कारण दूर तक देखती हैं टिड्डियां

टिड्डियों की देखने की क्षमता काफी अधिक है। इसका कारण है कि इनमें कंपाउंड आंखें होती हैं। अधिकांश कीटों में कंपाउंड आंखे होती हैं, जो गोलाकार होती हैं। इन आंखों की मदद से यह दूर तक साफ-साफ देख सकते हैं।  

हिसार में लोकेस्टा माइग्रेटोरिया प्रजाति हुई है दाखिल 

हिसार में राजस्थान की तरफ से जो झुंड आया है उसा जूलॉजिकल नाम लोकेस्टा माइग्रेरोटिया है। जिसे आम भाषा में रेगिस्तानी टिड्डी भी कहते हैं। इन टिड्डियों का बच्चा 9 सप्ताह में उडऩे के लिए तैयार हो जाता है। एक बार में टिड्डी दल 150 किलोमीटर तक का सफर हवा के साथ कर सकती हैं। वैसे टिड्डियां टुकड़ों में हजारों किलोमीटर तक की यात्रा तय करने में सक्षम हैं।

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