बहादुरगढ़ में आंदोलन में एक और मौत, तंबू में सो रहा जींद का किसान सुबह मिला मृत
जींद के गांव मोहनगढ़ छापरा का रहने वाला 53 वर्षीय रणधीर पुत्र देवीराम आंदोलन में कई दिन से आया हुआ था। वह बाइपास पर कसार चौक के नजदीक लगे तंबू में ठहरा हुआ था। शुक्रवार सुबह उसे जगाया तो वह मृत मिला।
बहादुरगढ़, जेएनएन। कृषि कानूनों को लेकर टीकरी बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन के बीच शुक्रवार सुबह एक और मौत हो गई। हरियाणा के जींद जिले का एक किसान मृत मिला। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। पुलिस जांच कर रही है। बताया गया है कि जींद के गांव मोहनगढ़ छापरा का रहने वाला 53 वर्षीय रणधीर पुत्र देवीराम आंदोलन में कई दिन से आया हुआ था। वह बाइपास पर कसार चौक के नजदीक लगे तंबू में ठहरा हुआ था। शुक्रवार सुबह उसे जगाया तो वह मृत मिला।
मौत कैसे हुई यह तो अभी स्पष्ट नहीं है, मगर प्रबल संभावना यही है कि हार्टअटैक से उसकी मौत हुई है। जैसे ही आसपास के किसानों को पता लगा तो वहां भीड़ जुट गई। बाद में पुलिस को सूचित किया गया। मृतक के स्वजनों के ब्यान पर आगामी कार्रवाई की जा रही है। बता दें कि एक तरफ 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस परेड के दौरान लाल किले पर हुई घटना के बाद से इस आंदोलन को फिर से तेज करने की जद्दोजहद चल रही है तो दूसरी तरफ किसानों की मौत का सिलसिला भी थम नहीं रहा है। अब बारिश के बाद ठंड फिर से बढ़ गई है।
12 दिनों के अंदर आठवीं मौत
25 जनवरी को एक ही दिन में तीन किसानों की मौत हो गई थी। उसमें दो किसान हरियाणा से और एक पंजाब से था। फिर 29 जनवरी को भी एक किसान की मौत हुई थी। 31 जनवरी को भी एक मौत हुई। 2 फरवरी को दो मौत हुई थी। इनमें एक हार्ट अटैक से थी, दूसरी दुर्घटना से। अब शुक्रवार को हुई मौत के बाद से अकेले टीकरी बॉर्डर पर ही किसानों की मौत का आंकड़ा 30 पर पहुंच गया।