सभी बसें चलने के बावजूद रोडवेज को रोजाना 12 लाख का नुकसान

अनुबंधित आधार पर लिए कर्मचारी की नई भर्ती के बावजूद भी रोडवेज को रोजाना 12 से 13 लाख रुपये का नुकसान हो रहा है

By Edited By: Publish:Thu, 01 Nov 2018 09:39 AM (IST) Updated:Thu, 01 Nov 2018 02:04 PM (IST)
सभी बसें चलने के बावजूद रोडवेज को रोजाना 12 लाख का नुकसान
सभी बसें चलने के बावजूद रोडवेज को रोजाना 12 लाख का नुकसान

जेएनएन, हिसार : रोडवेज हड़ताल को तोड़ने के लिए सरकार ने अनुबंधित आधार पर चालक व परिचालक की भर्ती की थी। मगर यह विकल्प सरकार को मुनाफा देने की बजाय घाटे में ले जा रहे हैं। अनुबंधित आधार पर लिए कर्मचारी की नई भर्ती के बावजूद भी रोडवेज को रोजाना 12 से 13 लाख रुपये का नुकसान हो रहा है, जबकि एक दिन की रोडवेज की आय 20 लाख रुपये है। कारण यह है कि जानकारी व रूटों की जानकारी न होने के कारण लंबे रूट की बस तीन से चार घंटे व लोकल रूट की बस दो से ढाई घंटे बस स्टैंड पर लेट पहुंच रही है, जिस कारण फेरी कम लगने से रोडवेज को एक-तिहाई नुकसान उठाना पड़ रहा है।

रोडवेज अधिकारियों की मानें तो बरवाला, नारनौंद, घिराय, उकलाना, हांसी, सिवानी सहित लोकल रूटों पर भी रोडवेज बसें निर्धारित समय से ढाई घंटे लेट पहुंच रही है, जिससे सरकार व आमजन की परेशानी कम होने की बजाय बढ़ी है। बॉक्स बुधवार को दौड़ी 165 बसें हड़ताल के बावजूद भी हिसार डिपो की कुल 165 बसें रूटों पर दौड़ी। चंडीगढ़, दिल्ली, पानीपत, यमुनानगर, सहित लंबे रूटों पर रोडवेज बसों को दौड़ाया जा रहा है। मगर बरवाला के कुछ इलाकों में अभी भी रोडवेज बसें नहीं दौड़ पा रही है। भैणी बादशाहपुर व दौलतपुर व आसपास सटे गांवों में अभी भी लोग रोडवेज सुविधा से वंचित है।

घाटे का किया जाएगा आकलन
एडीसी एएसमान ने कहा कि बुधवार को रोडवेज की कुल 165 बसें रूटों पर दौड़ी है। व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाया जा रहा है। गुरुवार को भी इसी तरह की व्‍यवस्‍था बनाई गई है। घाटा कितना हो रहा है इसका आकलन किया जा रहा है। जल्‍द ही सभ्‍ाी तरह की परेश‍ानियों को हल निकाल लिया जाएगा।

chat bot
आपका साथी