सरकारी बैंक कर्मचारियों की हड़ताल के कारण फतेहाबाद में 80 फीसद एटीएम रहे बंद

बैंकों की हड़ताल मंगलवार को दूसरे दिन भी जारी रही। बता दें कि वित्त मंत्री द्वारा हाल ही में पेश किए गए बजट में 2 बैंकों और एक सरकारी इंश्योरेंस कंपनी के निजीकरण का प्रस्ताव आने के बाद बैंक कर्मचारी सरकार के विरोध में यह हड़ताल की है।

By Manoj KumarEdited By: Publish:Tue, 16 Mar 2021 05:43 PM (IST) Updated:Tue, 16 Mar 2021 05:43 PM (IST)
सरकारी बैंक कर्मचारियों की हड़ताल के कारण फतेहाबाद में 80 फीसद एटीएम रहे बंद
चार दिनों तक सरकारी बैंक बंद रहने के कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा है

फतेहाबाद, जेएनएन। केंद्र सरकार द्वारा बैंकों के निजीकरण के विरोध में यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के बैनर तले विभिन्न बैंकों की हड़ताल मंगलवार को दूसरे दिनन भी जारी रही। हड़ताल के साथ साथ बैंक कर्मचारियों ने एसबीआई मेन ब्रांच के बाहर धरना देते हुए सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। बता दें कि वित्त मंत्री द्वारा हाल ही में पेश किए गए बजट में 2 बैंकों और एक सरकारी इंश्योरेंस कंपनी के निजीकरण का प्रस्ताव आने के बाद बैंक कर्मचारी सरकार के विरोध में यह हड़ताल की है।

बैंक बंद होने के कारण उपभोक्ताओं को परेशानी का सामना करना पड़ा। जिले में आज भी 70 फीसद लोग इंटरनेट बैंकिंग का प्रयोग नहीं कर रहे है। ऐसे में ये लोग बैंक पर ही आधारित है। पिछले दो दिनों से बैंक बंद होने से 220 करोड़ रुपये का लेनदेन प्रभावित हुआ है। जिले में पिछले चार दिनों से बैंक बंद है। शनिवार व रविवार को सरकारी अवकाश था और सोमवार व मंगलवार को कर्मचारियों की हड़ताल थी। ऐसे में बैंक खुले नहीं। जिला अग्रणी बैंक अधिकारी भी खुद मान रहे है कि कारोबार पर असर पड़ा है। बुधवार यानि आज चार दिन बाद बैंक खुलेंगे। जिससे बैंकों में भीड़ रहेगी।

जिले में 80 फीसद एटीएम हुए बंद

पिछले चार दिनों से एटीएम में रुपये की अधिक निकासी हाेने के कारण रुपये भी खत्म हो गए है। सोमवार को जिले में 40 फीसद एटीएम काम कर रहे थे। मंगलवार को केवल 20 फीसद ही रहे। एटीएम खुले हुए थे लेकिन उसके अंदर रुपये न होने के कारण उपभोक्ताओं को निराशा भी लौटना पड़ा। पुलिस लाइन शहर से तीन किलोमीटर दूर है और वहां पर दो एटीएम है। शहरवासी वहां तक रुपये निकलवाने के लिए गए हुए थे। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि बैंक बंद होने से उपभोक्ताओं को कितनी परेशानी आई थी। बैंक अधिकारी दावा तो यहां तक कर रही थी कि एटीएम में रुपये डालने की जिम्मेदारी एजेंसी को दी गई है लेकिन एजेंसी ने भी सही से काम नहीं किया।

मुख्य ब्रांच के बाहर दिया धरना

भट्टूरोड पर स्थित एसबीआइ बैंक के बाहर कर्मचारियों ने धरना देकर सरकार के खिलाफ रोष जताया। बैंक कर्मचारी नेता कुलदीप ढ़ाका ने कहा कि सरकार की नीतियां पूंजपतियों के पक्ष में हैं, जो कि आम जनता के लिए हानिकारक है। उन्होंने कहा कि सरकार अपने चहेते कारपरेट घरानों को लाभ पहुंचाने के लिए जनता की गाढी कमाई से स्थापित सरकारी बैंकों व इंश्यारेंस कम्पनियों को बेचने पर आमदा है। कर्मचारी नेता मनीष बेनीवाल ने कहा कि पीएम मोदी कहते हैं कि सरकार बिजनेस करने के लिए नहीं हैं, अगर ऐसा है तो सरकार देश के बड़े बड़े बिजनेसमैन का साथ क्यों दे रही है, क्यों जनता के हितों के साथ सरकार खिलवाड़ कर रही है।

उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था को चलाने वाले बैंको का निजीकरण करना ना ही बैंक कर्मियों के हित में और ना ही आम जनता के हितों में। पूर्व कर्मचारी नेता पूनम चंद रत्ति ने सरकार पर हमला करते हुए कहा कि वित्त मंत्री का कहना है कि डीजल-पैट्रोल की कीमतों पर सरकार को कोई नियंत्रण नहीं है, यदि ऐसा है तो देश की जनता को सरकार की जरूरत क्या है, यदि ऐसा है तो रेलवे, बैंक, इंश्योरेंस, ऐयरपोर्ट व अन्य बड़े विभागों का निजीकरण किस अधिकार से कर रही है। जगदीश मोंगा व नरेंद्र लांबा ने कहा कि सरकारी बैंक सर्वदा जनता के हितों में काम करते हैं। आज के माहौल में निजी बैंक केवल लाभ कमाने में लगे हुए हैं। वहीं सरकारी बैंक बिना लाभ हानि की परवाह करे छोटी से छोटी सेवाएं जनता तक पहुंचाते हैं। निजीकरण से वित्तीय समावेश के जरिए बैंकिंग सैक्टर से जुड़े लोगों का बहुत नुकसान होगा।

इस मौके पर एसबीआई से अनिल खलेरी, जगदीप सिंह, विक्रम सिंह, संजय यादव, राजीव रतिया, उमेद सांगा, बीबी भाटिया, प्रभात सिंह, धंनजय, विनोद रत्ति, ललित, भारती ऐलाबादी, पीएनबी से सुनम सोनी, मांगेराम, दीप कुमार, सुरेश गर्ग, पूनम, रवि गुप्ता, कंवर ग्रेवाल, मनीराम, भारत भूषण सचदेवा, कमलेश शास्त्री, भारत भूषण सिंगला, यूनियन बैंक से दीपक, विक्रम, कुलदीप, साहिल, नवदीप सैनी, बैंक ऑफ इंडिया से सचिन, संदीप बराला, इण्डियन बैंक से अमित, सूबे सिंह सहित सैंकड़ों बैंक अधिकारियों व कर्मचारियों ने हड़ताल व धरना प्रदर्शन में बढ़चढ़ कर भाग लिया।

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बुधवार को जिले में सभी बैंक खुलेंगे। ऐसे में उपभोक्ताओं को जो परेशानी आई थी वो भी दूर हो जाएगी। इसके अलावा सभी बैंकों को आदेश दिए गए है कि एटीएम में रुपये खत्म है तो एजेंसी को बोलकर रुपये डलवाए। यूनियन की हड़ताल थी इसमें वो कुछ नहीं कर सकते।

उमाकांत चौधरी, जिला अग्रणी बैंक अधिकारी फतेहाबाद।

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