अब भाटला में अनुसूचित जाति के 300 लोगों ने अपनाया बौद्ध धर्म

जींद के बाद अब भाटला गांव में सामाजिक बहिष्कार का सामना कर रहे अनुसूचित जाति के करीब 300 लोगों ने बौद्ध धर्म की दीक्षा ली।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Mon, 20 Aug 2018 08:41 PM (IST) Updated:Tue, 21 Aug 2018 09:02 PM (IST)
अब भाटला में अनुसूचित जाति के 300 लोगों ने अपनाया बौद्ध धर्म
अब भाटला में अनुसूचित जाति के 300 लोगों ने अपनाया बौद्ध धर्म

जेएनएन, हांसी (हिसार)। जींद के बाद अब भाटला गांव में सामाजिक बहिष्कार का सामना कर रहे अनुसूचित जाति के करीब 300 लोगों ने बौद्ध धर्म की दीक्षा ली। इनके अलावा रविदास मंदिर में आयोजित दीक्षा समारोह में भिवानी जिले के रोहनात गांव के करीब 22 लोगों ने भी धर्म परिवर्तन किया। मामला संवेदनशील होने के कारण गांव में प्रशासन की ओर से सुरक्षा के भी कड़े इंतजाम किए गए थे। इस दौरान तहसीलदार बतौर ड्यूटी मजिस्ट्रेट तैनात रहे। उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड से आए बौद्ध भिक्षुओं की उपस्थिति में धर्मांतरण किया गया।

धर्मांतरण करने वाले अनुसूचित जाति के लोगों ने कहा कि उनके साथ जातीय तौर पर सामाजिक भेदभाव हो रहा था। उनकी जाति के कारण ही उनके मामलों में प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। दीक्षा समारोह के बाद सभी धर्म परिवर्तन करने वाले लोगों ने एलान किया कि वह अब हिंदू धर्म की मान्यताओं को नहीं मानेंगे और केवल बौद्ध धर्म के सिद्धांतों का पालन करेंगे। इस दौरान बौद्ध भिक्षु भंते धर्मसागर व आनंद सागर ने अनुसूचित जाति के लोगों को बौद्ध धर्म के सिद्धांतों के बारे में जानकारी देते हुए दीक्षा दी।

अंग्रेजों द्वारा छीनी गई जमीन वापस न मिलने पर किया धर्म परिवर्तन

भिवानी जिले के रोहनात गांव के 22 लोगों ने भी इस कार्यक्रम में भाग लेकर धर्म परिवर्तन किया। इन लोगों की अगुआई कर रहे वेद ङ्क्षसह ने कहा कि सरकार ने उनके साथ धोखा किया और उन्हें अंग्रेजों द्वारा छीनी गई जमीन को वापस नहीं दिलवाया जा रहा है। उन्होंने लंबा संघर्ष किया, लेकिन सामाजिक कारणों से उनकी मांगों पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। इसी कारण से उन्होंने धर्मांतरण कर बौद्ध धर्म अपनाया है।

एडवोकेट रजत कल्सन का कहना है कि समाज के वंचित तबके से साथ सदियों से जाति के आधार पर भेदभाव किया जाता रहा है। भाटला गांव के प्रकरण में भी साफ है कि अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों पर जाति के आधार पर समाज व प्रशासन द्वारा भेदभाव किया जा रहा है। भाटला के करीब 300 लोगों ने धर्मांतरण कर बौद्ध धर्म को अपनाया है।

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