वीडियो कालिग से चांद का दीदार कर खोला व्रत

करवा चौथ पर घरों से लेकर बाजारों तक में उत्सव का माहौल रहा। व्रत के दिन कामकाजी महिलाएं मेहंदी व अन्य खरीदारी के लिए बाजारों में पहुंची।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 24 Oct 2021 06:27 PM (IST) Updated:Sun, 24 Oct 2021 09:34 PM (IST)
वीडियो कालिग से चांद का दीदार कर खोला व्रत
वीडियो कालिग से चांद का दीदार कर खोला व्रत

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: आसमान में बादल छाए रहने की वजह से साइबर सिटी में निर्धारित समय पर चांद का दीदार नहीं हुआ। इस पर महिलाओं ने वीडियो कालिग कर या फिर मोबाइल पर चांद देखकर अपना व्रत खोला। सेक्टर-15 पार्ट-दो की हीवो सोसायटी निवासी रेखा तिवारी ने उत्तर प्रदेश के झांसी में अपने जानकार को वीडियो कालिग कर चांद का दीदार किया। इसी सोसायटी में रह रहीं पूजा एवं नुपूर कक्कड़ ने लखनऊ में अपने जानकार को वीडियो कालिग करके व्रत खोला। इसी तरह अधिकतर महिलाओं ने काफी इंतजार के बाद व्रत खोला।

रविवार को करवा चौथ पर घरों से लेकर बाजारों तक में उत्सव का माहौल रहा। व्रत के दिन कामकाजी महिलाएं मेहंदी व अन्य खरीदारी के लिए बाजारों में पहुंचीं। पिछले वर्ष कोरोना महामारी के चलते सामूहिक रूप से करवा चौथ पूजा नहीं हो पाई थी लेकिन इस बार विभिन्न सोसायटियों में दोपहर की पूजा सामूहिक रूप से की गई।

करवा चौथ व्रत की शुरुआत परंपरागत तरीके से तड़के सरगी के साथ की गई। सरगी में मेवे व दूध, फीनियां व मठरी रहती हैं। इसे खाने के बाद महिलाएं चांद दिखने तक कुछ न तो खा सकती हैं न ही पानी पी सकती हैं। इसके बाद महिलाओं ने दोपहर की पूजा के दौरान व्रत की कहानी सुनी और परंपरागत तरीके से पूजा की गई। महिलाओं में सेल्फी को लेकर क्रेज दिखा। शहर में हिवो अपार्टमेंट, गीता भवन, श्याम वाटिका न्यू कालोनी, कृष्ण मंदिर, चार-आठ मरला, सामुदायिक भवन सेक्टर-चार, श्रीराम मंदिर, श्रीकृष्ण मंदिर, डीएलएफ फेज-वन और टू, साउथ सिटी सहित अन्य जगहों पर पूजा की गई। दिखी विभिन्न प्रदेशों की संस्कृति की झलक

विभिन्न सोसायटियों में करवा चौथ व्रत की दोपहर की पूजा के दौरान विभिन्न प्रदेशों की संस्कृति की झलक दिखी। सोसायटियों में रहने वाली अलग-अलग प्रदेशों की महिलाएं अपने पारंपरिक परिधानों में नजर आईं। पहनावे में कहीं राजस्थानी संस्कृति के रंग बिखरे, कहीं पंजाबी तो कहीं हरियाणवी वेशभूषा के। एक ही जगह पर विभिन्न संस्कृति की छटा एक साथ बिखरी तो, उत्सव में चार चांद लग गए।

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