काव्योत्सव में वरिष्ठ व नवोदित कवियों ने जमाया रंग

शहर के वरिष्ठ व नवोदित कवियों से सजी महिफल में एक से बढ़कर एक काव्य प्रस्तुतियों ने लोगों को मंत्रमुग्ध किया। मौका था सेक्टर-7 एक्सटेंशन स्थित आर्य समाज मंदिर में आयोजित कवि सम्मेलन का जहां डॉ. अशोक शर्मा, मदन साहनी, कुष्ण गोपाल विद्यार्थी, सुनील शर्मा और हास्य कवि सुंदर कटारिया ने अपनी कविता से श्रोताओं के मन को झंकृत किया। वहीं, नवोदित कवयित्री महिमा पाठक और रजनी अन्वी के काव्यपाठ पर भी खूब तालियां बजी। शहर और गांव के बीच के अंतर को दर्शाती मदन साहनी की कविता 'मेरा मन ऊब गया है इस शहर से, भाग जाना चाहता हूं दूर अपने छोटे से गांव में', डॉ. अशोक शर्मा की मर्यादा पुरुषोत्तम राम के व्यक्तित्व और विश्वास पर लिखी 'राम आज बनवास गए हैं, और लौटकर फिर आने की मुझको देकर आस गए हैं', महिलाओं के हक की बात उठाती महिमा की कविता 'आओ मिलकर बात करें हम नारी के उत्थान की' पर सभागार में बड़ी देर तक तालियां गूंजती रही।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 07 Oct 2018 06:31 PM (IST) Updated:Sun, 07 Oct 2018 06:31 PM (IST)
काव्योत्सव में वरिष्ठ व नवोदित कवियों ने जमाया रंग
काव्योत्सव में वरिष्ठ व नवोदित कवियों ने जमाया रंग

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: शहर के वरिष्ठ व नवोदित कवियों से सजी महिफल में एक से बढ़कर एक काव्य प्रस्तुतियों ने लोगों को मंत्रमुग्ध किया। सेक्टर-7 एक्सटेंशन स्थित आर्य समाज मंदिर में आयोजित कवि सम्मेलन में डॉ. अशोक शर्मा, मदन साहनी, कृष्ण गोपाल विद्यार्थी, सुनील शर्मा और हास्य कवि सुंदर कटारिया ने जहां अपनी कविताओं से लोगों को गुदगुदाया। वहीं, नवोदित कवयित्री महिमा पाठक और रजनी अन्वी के काव्यपाठ पर भी खूब तालियां बजी।

शहर और गांव के बीच के अंतर को दर्शाती मदन साहनी की कविता 'मेरा मन ऊब गया है इस शहर से, भाग जाना चाहता हूं दूर अपने छोटे से गांव में', डॉ. अशोक शर्मा की मर्यादा पुरुषोत्तम राम के व्यक्तित्व और विश्वास पर लिखी 'राम आज बनवास गए हैं, और लौटकर फिर आने की मुझको देकर आस गए हैं', महिलाओं के हक की बात उठाती महिमा की कविता 'आओ मिलकर बात करें हम नारी के उत्थान की' पर सभागार में बड़ी देर तक तालियां गूंजती रही। कवि सम्मेलन में बतौर विशिष्ट अतिथि मेयर मधु आजाद और कारोबारी नंद गाबा उपस्थित रहे और सरस्वती के साधकों का उत्साह बढ़ाया।

कार्यक्रम के अंत में कवि और कवयित्रियों के साथ-साथ सामाजिक और धार्मिक क्षेत्र में विशिष्ट योगदान देने वाले शहर के चयनित हस्तियों को भी सम्मानित किया गया। इस दौरान बलदेव गुगलानी, सतपाल मोहन, कन्हैया लाल आर्य, प्रभुदयाल चुटानी और ओम प्रकाश चुटानी समेत बड़ी संख्या में साहित्य प्रेमी मौजूद रहे।

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