डीजल ऑटो की जगह ई-रिक्शा चलाने से कम होगा प्रदूषण

आइएमटी मानेसर के औद्योगिक क्षेत्र में ई-रिक्शा चलाने की मांग की है। उद्यमियों ने इसके लिए एचएसआइआइडीसी के स्थानीय अधिकारियों को पत्र लिखा गया है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 12 Mar 2020 04:03 PM (IST) Updated:Thu, 12 Mar 2020 04:03 PM (IST)
डीजल ऑटो की जगह ई-रिक्शा चलाने से कम होगा प्रदूषण
डीजल ऑटो की जगह ई-रिक्शा चलाने से कम होगा प्रदूषण

जागरण संवाददाता, मानेसर: उद्यमियों ने आइएमटी मानेसर के औद्योगिक क्षेत्र में ई-रिक्शा चलाने की मांग की है। इसके लिए एचएसआइआइडीसी के स्थानीय अधिकारियों को पत्र लिखा गया है। उद्यमियों का कहना है कि यहां डीजल ऑटो की संख्या बढ़ने से प्रदूषण भी बढ़ रहा है। इसके साथ ही ऑटो चालक का रवैया भी खराब ही रहता है।

उद्यमियों का कहना है कि डीजल ऑटो को केवल आइएमटी चौक से गुरुग्राम तक ही मंजूरी दी जाए। औद्योगिक क्षेत्र के सभी सेक्टरों में ई-रिक्शा चलाए जाएं। इससे प्रदूषण स्तर भी ठीक होगा और लोगों को काफी सुविधा होगी। करीब 4 हजार एकड़ में फैले औद्योगिक क्षेत्र में सैकड़ों डीजल ऑटो चल रहे हैं। ये ऑटो चालक कई बार सवारियों के साथ भी गलत भाषा का प्रयोग करते हैं। इसके साथ ही लापरवाही से ड्राइविग भी करते हैं। इस बारे में कई बार महिलाओं ने पुलिस को भी शिकायत दी है।

उद्यमी प्रवीण शर्मा का कहना है कि कुछ कंपनियों में तो बसों की सुविधा है। कुछ में महिला कर्मचारियों द्वारा ऑटो लगाया गया है। इसमें कंपनी में कार्यरत महिलाएं ही जाती है। इस ऑटो में बाहर से सवारी नहीं बैठा सकते। कुछ कंपनियों में ऐसी सुविधा नहीं है। इनमें कर्मचारियों को अपने वाहन या डीजल ऑटो का प्रयोग करना पड़ता है।

मनोज यादव का कहना हैं अगर आइएमटी चौक से ई-रिक्शा शुरू की जाती है तो कर्मचारी इनको किराए पर बुक कर भी प्रयोग कर सकते हैं। इसके अलावा चार-पांच कर्मचारी अलग-अलग भी प्रयोग कर सकते हैं। एक बार पहले भी औद्योगिक क्षेत्र में ई-रिक्शा चलाने की योजना बनी थी लेकिन सिरे नहीं चढ़ सकी। उस समय एचएसआइआइडीसी द्वारा ही सेक्टर में चार्जिंग प्वाइंट भी बनाए जाने की योजना तैयार की गई थी। उद्यमी किशोर बहल ने बताया कि ई-रिक्शा से प्रदूषण भी कम हो जाएगा और डीजल ऑटो से मुक्ति भी मिल जाएगी। अभी कई प्रकार की परेशानी उद्यमियों को हो रही है।

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