त्वरित प्रतिक्रिया का परिणाम नहीं है हत्याएं और आत्महत्या

वैज्ञानिक श्रीप्रकाश सिंह द्वारा रविवार को अपने घर में ही पत्नी सोनू सिंह बेटी अदिति व बेटे आदित्य की हत्या करने के बाद खुद आत्महत्या करने के मामले में पुलिस भले ही इस अभी तक किसी ठोस परिणाम पर नहीं पहुंची। अब तक की जांच में यह साफ हो गया है कि यह पूरी वारदात किसी घटना के त्वरित प्रतिक्रिया का परिणाम नहीं है। बल्कि इसे पूरी तरह से सोच समझकर और योजना बनाकर अंजाम दिया गया है। वैज्ञानिक डॉ. प्रकाश सिंह के सुसाइड नोट की विवेचना से भी साफ हो गया है कि वह चाहते तो खुद आत्महत्या कर अपनी झंझट से मुक्त हो सकते थे लेकिन उन्होंने बेटी बेटा और पत्नी की हत्या क्यों की? सुसाइड नोट में लिखावट भी उन्हीं की है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 04 Jul 2019 07:38 PM (IST) Updated:Thu, 04 Jul 2019 07:38 PM (IST)
त्वरित प्रतिक्रिया का परिणाम नहीं है हत्याएं और आत्महत्या
त्वरित प्रतिक्रिया का परिणाम नहीं है हत्याएं और आत्महत्या

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: वैज्ञानिक श्रीप्रकाश सिंह द्वारा रविवार को अपने घर में ही पत्नी सोनू सिंह, बेटी अदिति व बेटे आदित्य की हत्या करने के बाद खुद आत्महत्या करने के मामले में पुलिस अभी तक किसी ठोस परिणाम पर नहीं पहुंची है। अब तक की जांच में यह साफ हो गया है कि यह पूरी वारदात किसी घटना के त्वरित प्रतिक्रिया का परिणाम नहीं है, बल्कि इसे पूरी तरह से सोच समझकर और योजना बनाकर अंजाम दिया गया है।

वैज्ञानिक डॉ. प्रकाश सिंह के सुसाइड नोट की विवेचना से भी साफ हो गया है कि वह चाहते तो खुद आत्महत्या कर झंझट से मुक्त हो सकते थे, लेकिन उन्होंने बेटी, बेटा और पत्नी की हत्या क्यों की? सुसाइड नोट में लिखावट भी उन्हीं की है। लिखावट का वैज्ञानिक सत्यापन घर में मिली उनकी एक डायरी से किया गया। पुलिस अब यह जानने का प्रयास कर रही है कि किस वजह से इतनी बड़ी घटना को अंजाम दिया गया। एक साल पहले खरीदा था चाकू

डॉ. श्रीप्रकाश सिंह ने पत्नी और बेटा-बेटी की हत्या में जिस चाकू का इस्तेमाल किया था, उसे वह खुद बेटी के लिए एक साल पहले खरीदकर लाए थे। उस समय उनकी बेटी अदिति सिंह ने 'सोप डायनामिक्स' नाम से स्टार्टअप शुरू किया था। वह घर में ही साबुन एवं अन्य कॉस्मेटिक आइटम बना रही थी। विभिन्न आइटम के टुकड़े करने के लिए उसे एक बड़े चाकू (दाव) की आवश्यकता थी। उस समय डॉ. श्रीप्रकाश सिंह ने खुद बाजार से चाकू लाकर दिया था। बेटी के कहने पर खरीदी थी रस्सी

जिस नायलॉन की रस्सी से डॉ. प्रकाश सिंह ने फांसी लगाई थी वो भी उन्होंने बेटी के ही कहने पर कुछ दिन पूर्व खरीदी थी। पता नहीं ये दोनों सामान अदिति के रोजगार में सहायक बने कि नहीं, लेकिन इन्हीं दोनों से पूरे परिवार का खात्मा जरूर हो गया। सेक्टर 50 थाना पुलिस इस घटनाक्रम से जुड़े सभी पहलुओं की विवेचना कर रही है। इस दौरान सामने आया है कि वारदात में प्रयुक्त यह दोनों हथियार डॉ. प्रकाश सिंह ने बेटी की जिदगी संवारने के लिए खरीदे थे। वहीं जिस हथौड़े का उन्होंने इस्तेमाल किया था, वह काफी पुराना है। कंपनी प्रबंधन ने कहा नहीं था विवाद

उत्पल साउथएंड में रहने वाले श्रीप्रकाश सिंह एक फार्मा कंपनी में उच्च पद पर थे। वे दो माह पहले नौकरी छोड़ चुके थे। पुलिस इस पहलू से भी जांच कर रही है कि कहीं उनकी नौकरी तो नहीं चली गई थी, जिसके चलते वे तनाव में थे। लिहाजा कंपनी के प्रतिनिधियों से पुलिस ने पूछताछ की। इसमें सामने आया कि श्रीप्रकाश सिंह इस कंपनी में पूरी तरक्की हासिल कर चुके थे। उनका मौजूदा पद और पैकेज भी काफी ज्यादा था। उन्होंने स्वेच्छा से नौकरी छोड़ी थी। कंपनी प्रतिनिधियों ने अपने बयान में बताया है कि काम के दौरान डॉ. प्रकाश सिंह से कंपनी के किसी भी अधिकारी या कर्मचारी से कोई विवाद नहीं था। संपत्ति का विवाद भी शुरू

डॉ. श्रीप्रकाश सिंह की संपत्तियों को लेकर भी विवाद शुरू हो गया है। हालांकि अभी तक किसी भी पक्ष ने विधिवत दावा नहीं किया है, लेकिन डॉ. श्रीप्रकाश सिंह के परिजन और उनकी पत्नी सोनू सिंह के परिजन जुबानी जंग में शामिल हो गए हैं। दोनों पक्षों के लोग डॉ. प्रकाश सिंह की संपत्तियों के साथ ही उन पर कर्ज का ब्योरा भी जुटाने का प्रयास कर रहे हैं। पुलिस के सामने भी यह बात आई है। श्रीप्रकाश सिंह की सारी संपत्तियां उनकी पत्नी सोनू सिंह के नाम से हैं। इसलिए पुलिस भी इस मामले में कानूनी जानकारी जुटा रही है। सोनू सिंह द्वारा संचालित चार स्कूलों की जिम्मेदारी कौन संभालेगा, यह भी बड़ा सवाल है। स्कूल स्टाफ भी इस बात पर नजर रखे हुए है।

chat bot
आपका साथी