डीएलएफ में अवैध गेस्ट हाउस सीलिग से राहत के लिए दायर याचिका खारिज

लाइसेंस कालोनियों के रिहायशी मकानों में अवैध रूप से चलाए जा रहे गेस्ट हाउस मामलों में अब अदालत से भी नगर योजनाकार विभाग के पक्ष में सकारात्मक फैसले आने शुरू हो गए है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 05 Sep 2019 07:20 PM (IST) Updated:Fri, 06 Sep 2019 06:55 AM (IST)
डीएलएफ में अवैध गेस्ट हाउस सीलिग से राहत के लिए दायर याचिका खारिज
डीएलएफ में अवैध गेस्ट हाउस सीलिग से राहत के लिए दायर याचिका खारिज

संवाद सहयोगी, नया गुरुग्राम: लाइसेंस कॉलोनियों के रिहायशी मकानों में अवैध रूप से चलाए जा रहे गेस्ट हाउस मामलों में अब अदालत से भी नगर योजनाकार विभाग के पक्ष में सकारात्मक फैसले आने शुरू हो गए हैं। बीते दिनों सिविल अदालत गुरुग्राम में विभाग के एडीए द्वारा मजबूत पैरवी के बाद गेस्ट हाउस सीलिग से राहत के लिए दायर याचिका खारिज कर दी गई। बता दें कि दो सौ से अधिक गेस्ट हाउस संचालकों को नोटिस जारी किया जा चुका है।

दरअसल जिला नगर योजनकार इंफोर्समेंट (डीटीपीई) द्वारा डीएलएफ इलाके के रिहायशी मकानों में चल रहे अवैध गेस्ट हाउस को लेकर नोटिस जारी किए थे जिसमें कुसुम मार्ग एवं जी ब्लॅाक स्थित 3 गेस्ट हाउस संचालकों ने सीलिग से राहत के लिए सिविल अदालत गुरुग्राम में याचिका दायर की थी। इस मामले की सुनवाई सिविल जज अंतरप्रीत सिंह की अदालत में हुई। याचिकाकर्ता ने उच्च न्यायालय के रजित कुच्चल मामले में फैसला का सहारा लेते हुए कहा कि योजनाकार विभाग को निगम के दायरे में कार्रवाई करने का कोई अधिकार नहीं है। विभाग की तरफ से एडीए ने पैरवी करते हुए योजनाकार विभाग का पक्ष मजबूती से रखा। उन्होंने अदालत को बताया कि लाइसेंस कालोनियों में हरियाणा अर्बन एरिया एक्ट 1975 के तहत बिल्डिग प्लान मंजूर करता है और मकानों के ऑक्यूपेशन सर्टिफिकेट भी जारी करता है और इंफोर्समेंट की पूरी जिम्मेवारी योजनाकार विभाग के पास ही है।

विभाग ने अभी कुछ लाइसेंस कालोनियों का केवल रख-रखाव निगम को सौंपा है जिसमें सड़क, सीवर, ड्रेनेज, पानी, बागवानी, स्ट्रीट लाइट शामिल है लेकिन एस्टेट प्रबंधन से सारा कार्य योजनाकार विभाग के अधीन ही है। दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद अदालत ने याचिका खारिज करते हुए याचिकाकर्ता को कोई भी राहत देने से साफ मना कर दिया। लाइसेंस रिहायशी कालोनियों में चल रहे अवैध गेस्ट हाउस के खिलाफ सिविल अदालत गुरुग्राम ने सकारात्मक फैसला दिया है। इससे लाइसेंस कालोनियों में अवैध व्यावसायिक गतिविधियों पर लगाम कसने में सफलता मिलेगी।

-अरविद शर्मा, सहायक जिला अटार्नी, योजनाकार विभाग

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