नेपाल के मूल के निवासियों को ओली के बयान से नहीं सरोकार

असली अयोध्या नेपाल में है नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के इस बयान ने देश की जनता को ही नहीं नेपाल के मूल निवासियों को भी अचंभित कर दिया है। ओली के बयान से हर कोई गुस्से में है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 14 Jul 2020 07:26 PM (IST) Updated:Tue, 14 Jul 2020 09:15 PM (IST)
नेपाल के मूल के निवासियों को ओली के बयान से नहीं सरोकार
नेपाल के मूल के निवासियों को ओली के बयान से नहीं सरोकार

संवाद सहयोगी, नया गुरुग्राम: असली अयोध्या को नेपाल में बताने वाले नेपाली प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के बयान से भारत के लोग ही नहीं बल्कि नेपाल के मूल निवासी भी अचंभित हैं। ओली के बयान से हर कोई गुस्से में है। माना जा रहा कि भारतीय लोगों की आस्था को चुनौती दी गई है। यहां तक कि शहर में विभिन्न जगहों पर नौकरी करने वाले नेपाल के मूल निवासी भी नाराज हैं। उन्होंने अपने देश के प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए बयान को राजनीतिक महत्वाकांक्षा से जुड़ा बयान बताया। सभी ने कहा कि कई सालों तक चले विवाद के बाद अब तो भारत के सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुना दिया तो ऐसे में नेपाली प्रधानमंत्री को इस तरह का बयान देना ही नहीं चाहिए। नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली द्वारा दिया गया बयान केवल राजनीतिक बयान है। इस तरह के बयान से सच्चाई को झुठलाया नहीं जा सकता। हम वर्षो से भारत में रहकर अपनी रोजी-रोटी कमा रहे है और सच्चाई को भली-भांति समझते हैं। हमे पता है कि असली अयोध्या कहां है।

रामबहादुर, डीएलएफ (मूल निवासी नेपाल) भारत में अयोध्या का वजूद कब से है, इसके लिए किसी को प्रमाण देने की आवश्यकता है। नेपाल के प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए बयान से हम कोई सरोकार नहीं रखते। नेपाली समाज जो सदैव भारत को अपना सच्चा हितैषी माना है, आगे भी मानते रहेंगे।

हरीप्रसाद, चकरपुर (मूल निवासी नेपाल) केवल दावा करने से भगवान राम और अयोध्या नेपाल की नहीं बन जाएगी। ऐसा बयान देकर नेपाल के प्रधानमंत्री भारत में रहने वाले नेपाल मूल के निवासियों को परेशानी खड़ी करेंगे। उन्हें यह सोचना चाहिए कि हम जैसे लाखों नेपालियों की जीविका भारत से चल रही है।

जीनी बिटा, सिकंदरपुर (मूल निवासी नेपाल)

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