यहां आसान भाषा में जानिए- आखिर आम लोगों को क्यों करना चाहिए ट्रैफिक नियमों का पालन

New Motor vehicle Act 2019 यदि आप हेलमेट नहीं लगाते हैं तो इसमें आपकी ही असुरक्षा है। यदि आप सीट बेल्ट न लगाकर कार चलाते हैं तो इससे आपको ही नुकसान हो सकता है।

By JP YadavEdited By: Publish:Mon, 30 Sep 2019 10:06 AM (IST) Updated:Mon, 30 Sep 2019 10:41 AM (IST)
यहां आसान भाषा में जानिए- आखिर आम लोगों को क्यों करना चाहिए ट्रैफिक नियमों का पालन
यहां आसान भाषा में जानिए- आखिर आम लोगों को क्यों करना चाहिए ट्रैफिक नियमों का पालन

गुरुग्राम, जेएनएन। New Motor vehicle Act 2019: संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट लागू होने के बाद लोगों में ट्रैफिक नियमों के प्रति काफी जागरूकता पैदा हुई है। यही वजह है कि जिनके पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं है, वे बनवाने लगे हैं। कार चलाते वक्त अधिकतर लोग सीट बेल्ट लगाने लगे हैं। महिलाएं न के बराबर हेलमेट लगाती थीं, अब काफी महिलाएं हेलमेट लगाने लगी हैं। हालांकि अभी भी कई बार ऐसा लगता है कि सख्ती की वजह से काफी लोग ट्रैफिक नियमों का पालन करते हैं न कि जागरूकता की वजह से। जिस चौराहे पर पुलिस नहीं दिखाई देती है वहां पर लोग रेडलाइट जंप करके निकल जाते हैं। सड़क के ठेकेदारों द्वारा फाॅल्टी सड़क डिजाइन, निम्न स्तर का सड़क निर्माण एवं रखरखाव में लापरवाही करने पर एक लाख रुपये का जुर्माना करने का प्रावधान किया गया है लेकिन इसका असर कहीं भी नहीं दिख रहा है। आखिर किसी भी स्तर पर किसी भी इलाके में ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन न करें इसके लिए क्या प्रयास किए जा रहे हैं सहित कई सवालों को लेकर दैनिक जागरण के संवाददाता आदित्य राज ने गुरुग्राम के पुलिस उपायुक्त (ट्रैफिक) हिमांशु गर्ग से विस्तृत बातचीत की। प्रस्तुत है मुख्य अंश :

क्या ट्रैफिक पुलिस ने चालान करने के ऊपर ध्यान देना कम कर दिया है?

- ऐसा नहीं है। संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट के मुताबिक चालान किए जा रहे हैं। कुछ दिनों तक लोगों को जागरूक किया गया, अब जागरूकता पैदा करने के साथ ही सख्ती बरती जा रही है। नियमों का उल्लंघन दिखाई देते ही चालान किया जाता है। अब फर्क यह आया है कि चालान की वीडियोग्राफी अनिवार्य कर दी गई है। अब सीधे चालान नहीं किया जाता है। वीडियोग्राफी करने में समय लगता है। सीधे चालान करने पर कम से कम समय में अधिक से अधिक लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाती थी। अब चालान की राशि काफी अधिक हो गई है। ऐसी स्थिति में चालान करने वालों पर गलत करने का आरोप न लगे इसके लिए वीडियोग्राफी आवश्यक है। वीडियो में चालान करने वालों की एवं जिनके खिलाफ कार्रवाई की जाती है, दोनों की बातचीत रिकार्ड की जाती है। इससे यदि कोई अदालत में भी जाए तो ट्रैफिक पुलिस पुख्ता सबूत के साथ अपना पक्ष रख सके।

लोगों का कहना है कि सड़कों के रखरखाव पर ध्यान न देने वाली एजेंसियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हाे रही?

- इस बारे में भी संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट में कार्रवाई का प्रावधान किया गया है। इस बारे में अभी प्रदेश सरकार से निर्देश आने का इंतजार है। यदि कहीं भी सड़क में कमी की वजह से दुर्घटना होती है तो लोग सड़क निर्माण करने वाली एजेंसी के खिलाफ मामला दर्ज करा सकते हैं। मामला दर्ज होने पर जांच हाेगी। आवश्यकता है कि लोगों को अपने अधिकार के बारे में जागरूक होने की। मैं सभी सड़क निर्माण एजेंसियों से आग्रह करूंगा कि जहां भी गड्ढे हैं उन्हें भर दें। जहां पर सड़क किसी कारण काटी गई है, उसे ठीक कराएं। इन वजहों से भी सड़क दुर्घटनाएं अधिक होती हैं। यही नहीं ट्रैफिक जाम के पीछे भी एक कारण यह है। गड्ढों की वजह से वाहन काफी-काफी धीरे-धीरे चलते हैं। पीक आवर के दौरान धीरे-धीरे चल रहे वाहनों की वजह से ट्रैफिक का दबाव बढ़ जाता है।

शहर को ट्रैफिक जाम की समस्या से निजात दिलाने के लिए किस स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं?

- इस दिशा में कई स्तर पर प्रयास शुरू किए गए हैं। ट्रैफिक कंट्रोल रूम बनाया गया है। इसके माध्यम से पूरे इलाके के ऊपर नजर रखी जाती है। जैसे ही पता चलता है कि अमूक इलाके में ट्रैफिक का दबाव बढ़ रहा है, वहां पर सक्रियता बढ़ा दी जाती है। ट्रैफिक दबाव वाले इलाकों के ऊपर 24 घंटे नजर रखने का प्रयास किया जाता है। यही वजह है कि पहले की अपेक्षा अधिकतर सड़कों पर ट्रैफिक जाम की समस्या कम हुई है। जहां तक दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस-वे का सवाल है तो इसके ऊपर ट्रैफिक का दबाव काफी अधिक है। पीक आवर के दौरान दबाव काफी बढ़ जाता है। खासकर शंकर चौक से लेकर सिरहौल बॉर्डर के नजदीक दबाव बढ़ता है। सोहना रोड पर दबाव बढ़ जाता है। दोनों सड़कों पर फ्लाईओवर से लेकर अंडरपास का निर्माण चल रहा है। निर्माण पूरा होते ही समस्या दूर हो जाएगी। फिलहाल दोनों सड़कों पर ट्रैफिक पुलिस की सक्रियता काफी बढ़ा दी गई है ताकि कहीं पर भी वाहन खराब होते ही जल्द से जल्द हटाया जा सके। ट्रैफिक जाम पीक आवर के दौरान वाहन के खराब होने पर ही लगता है।

जीएमडीए के एडिशनल सीईओ मोबिलिटी के नाते क्या प्रयास कर रहे हैं?

- गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण (जीएमडीए) के अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी (एडिशनल सीईओ) मोबिलिटी के नाते मैं शहर में कहां पर फ्लाईओवर बनाने की आवश्यकता है, कहां पर सड़क बनाने की आवश्यकता है, कहां पर सड़कों की मरम्मत न होने की वजह से ट्रैफिक व्यवस्था प्रभावित हो रही है सहित कई विषयों के ऊपर ध्यान दे रहा हूं। कई विषयों के ऊपर काम शुरू कर दिया गया है। आनेवाले समय में शहर की तस्वीर बदली हुई दिखाई देगी।

ट्रैफिक नियमों की पालना को लेकर आप लोगों को संदेश देना चाहेंगे?

- मैं लोगों से यही कहना चाहूंगा कि चालान करने का उद्देश्य जिंदगी बचाना है। आपकी सुरक्षा को लेकर ट्रैफिक पुलिस कार्रवाई करती है। यदि आप हेलमेट नहीं लगाते हैं तो इसमें आपकी ही असुरक्षा है। यदि आप सीट बेल्ट न लगाकर कार चलाते हैं तो इससे आपको ही नुकसान हो सकता है। यदि आपके बच्चे दुर्घटना का शिकार होते हैं तो सबसे अधिक दुख आपको ही होता है। जीवन की रक्षा के लिए ट्रैफिक नियमों का पालन करें।

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