नजफगढ़ ड्रेन का दंश: बंध बनाने के लिए चाहिए केवल 72 एकड़ जमीन

जमीन अधिग्रहण होने तक का फसल के हिसाब से मुआवजा देने की मांग की थी। महापंचायत के बाद प्रदेश सरकार ने तीन सदस्यीय कमेटी बना दी थी। इसमें गुरुग्राम के जिला राजस्व अधिकारी, ¨सचाई विभाग के अधीक्षण अभियंता एवं कृषि विभाग के उपनिदेशक को शामिल किया गया था। कमेटी की रिपोर्ट के मुताबिक नजफगढ़ ड्रेन के साथ-साथ लगभग पांच किलोमीटर लंबा बंध बनाने की आवश्यकता है। बंध बनाने से पानी ओवरफ्लो होकर खेतों में नहीं भरेगा। बंध बनाने के साथ ही बादशाहपुर ड्रेन को भी सही तरीके से नजफगढ़ ड्रेन में जोड़ना होगा।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 30 Jan 2019 07:11 PM (IST) Updated:Wed, 30 Jan 2019 07:11 PM (IST)
नजफगढ़ ड्रेन का दंश: बंध बनाने के लिए चाहिए केवल 72 एकड़ जमीन
नजफगढ़ ड्रेन का दंश: बंध बनाने के लिए चाहिए केवल 72 एकड़ जमीन

आदित्य राज, गुरुग्राम

नजफगढ़ ड्रेन का दंश झेल रहे सैकड़ों किसानों को केवल 72 एकड़ जमीन के अधिग्रहण से ही राहत मिल जाएगी। बंध के निर्माण पर भी अधिक नहीं केवल 12.50 करोड़ रुपये खर्च होंगे। सरकार अगर मार्केट रेट के हिसाब से किसानों को मुआवजा देने का फैसला लेती है तो 370 करोड़ रुपये और अगर सर्किल रेट के हिसाब से मुआवजा देने का फैसला लेती है तो 152 करोड़ देने होंगे। यह जानकारी प्रदेश सरकार द्वारा गठित तीन सदस्यीय कमेटी की रिपोर्ट में सामने आई है।

ड्रेन बनाने के लिए कितनी जमीन चाहिए, कितना खर्च होगा, इस बारे में जानकारी हासिल करने के लिए प्रदेश सरकार ने कुछ दिन पहले तीन सदस्यीय कमेटी बनाई थी। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सरकार को भेज दी। किसानों के मुताबिक दिल्ली इलाके की तरह गुरुग्राम इलाके में नजफगढ़ ड्रेन के साथ-साथ बंध नहीं बनाए जाने से माकड़ौला, बुढेड़ा, चंदू, धनकोट, खेड़की, दौलताबाद, मोहम्मद हेड़ी एवं धर्मपुर की लगभग 5600 एकड़ भूमि में पिछले 15 वर्षों से सही से खेती नहीं हो पा रही है। ड्रेन ओवरफ्लो होने से पानी खेतों में भरा हुआ है। इसे देखते हुए लंबे समय से किसान मांग कर रहे हैं कि गुरुग्राम इलाके में भी दिल्ली इलाके की तरह ड्रेन के साथ-साथ बंध का निर्माण किया जाए।

इस बारे में पिछले महीने गांव दौलताबाद निवासी व परिवर्तन संघ के अध्यक्ष राकेश दौलताबाद द्वारा गांव धनकोट में महापंचायत का आयोजन किया गया था। उसमें सैकड़ों किसानों शामिल हुए थे। सभी ने एक सुर से सर्किल रेट से चार गुणा मुआवजा देने व जबसे पानी भरा है तबसे लेकर बंध के लिए जमीन अधिग्रहण होने तक का फसल के हिसाब से मुआवजा देने की मांग की थी।

महापंचायत के बाद प्रदेश सरकार ने तीन सदस्यीय कमेटी बना दी थी। इसमें गुरुग्राम के जिला राजस्व अधिकारी, ¨सचाई विभाग के अधीक्षण अभियंता एवं कृषि विभाग के उपनिदेशक को शामिल किया गया था। कमेटी की रिपोर्ट के मुताबिक नजफगढ़ ड्रेन के साथ-साथ लगभग पांच किलोमीटर लंबा बंध बनाने की आवश्यकता है। बंध बनाने से पानी ओवरफ्लो होकर खेतों में नहीं भरेगा। बंध बनाने के साथ ही बादशाहपुर ड्रेन को भी सही तरीके से नजफगढ़ ड्रेन में जोड़ना होगा। नजफगढ़ ड्रेन के दंश से दिल्ली इलाके का भी एक गांव प्रभावित है। उस गांव के लोग भी महापंचायत में पहुंचे थे। उनके लिए भी जल्द ही दिल्ली के मुख्यमंत्री अर¨वद केजरीवाल से मुलाकात की जाएगी।

- राकेश दौलताबाद, अध्यक्ष, परिवर्तन संघ कमेटी की रिपोर्ट के ऊपर जल्द ही फैसला लिया जाएगा। प्रदेश सरकार चाहती है कि किसानों को जल्द से जल्द राहत मिले। इसी दिशा में कदम उठाते हुए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया था।

- केशनी आनंद अरोड़ा, अतिरिक्त मुख्य सचिव, राजस्व विभाग, हरियाणा

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