उद्योग जगत से चर्चा के बाद लाया गया निजी क्षेत्र में आरक्षण का कानून: दुष्यंत

उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि निजी क्षेत्र की नौकरियों में 75 प्रतिशत आरक्षण वाले कानून को लाने से पहले उद्योग जगत के लोगों से आठ चरणों में चर्चा की गई थी।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 02 Apr 2021 05:51 PM (IST) Updated:Fri, 02 Apr 2021 05:51 PM (IST)
उद्योग जगत से चर्चा के बाद लाया गया
निजी क्षेत्र में आरक्षण का कानून: दुष्यंत
उद्योग जगत से चर्चा के बाद लाया गया निजी क्षेत्र में आरक्षण का कानून: दुष्यंत

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि निजी क्षेत्र की नौकरियों में 75 प्रतिशत आरक्षण वाले कानून को लाने से पहले उद्योग जगत के लोगों से आठ चरणों में चर्चा की गई थी। उनसे लिखित सुझाव भी मांगे गए थे। पिछले हफ्ते बृहस्पतिवार को चंडीगढ़ में विभिन्न औद्योगिक संगठनों के लोगों और बड़े उद्यमियों के साथ बातचीत की गई थी। दुष्यंत ने यह भी कहा कि कोई भी कानून बनता है तो पहले ही दिन परफेक्ट नहीं होता है। कई लोगों के सुझाव आए हैं उन पर मंथन चल रहा है।

उपमुख्यमंत्री ने यह बातें शुक्रवार को गुरुग्राम-फरीदाबाद रोड स्थित नवनिर्मित फ्लाईओवर के उद्घाटन के दौरान मीडिया से बातचीत में साझा कीं। उन्होंने कहा कि उन्हें यह बताते हुए खुशी हो रही है कि फरीदाबाद स्थित बड़ी आटोमोटिव मैन्यूफैक्चरिग कंपनी एस्कार्ट के चेयरमैन निखिल नंदा ने भरी मीटिग यह कहा था कि प्रदेश में इस बात की लंबे समय से मांग थी कि इस प्रकार का कानून आए।

दुष्यंत ने कहा कि कई लोगों के सुझाव आए हैं कि औद्योगिक इकाइयों में कई टेक्निकल पोस्ट वाली नौकरियां होती हैं जिसमें विशेष कौशल जरूरी होता है। इस बात का ध्यान कानून में ही रखा गया है। विशेष कौशल वाली नौकरियों में छूट दी गई है। इस मामले में किसी प्रकार का भ्रम नहीं होना चाहिए। चौकीदार और चपरासी की नौकरियों में किसी खास कौशल की जरूरत नहीं है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि एक मई से यह कानून प्रदेश भर में लागू होने जा रहा है। अब यदि मौजूदा और नए स्थापित होने वाले उद्योग में रोजगार का कोई नया अवसर पैदा होता है तो वहां हर चार नौकरी में से तीन प्रदेश के युवाओं को मिलनी चाहिए।

''चौकीदार और चपरासी की नौकरियों में किसी खास कौशल की जरूरत नहीं है। एक मई से निजी नौकरी में आरक्षण का कानून प्रदेश भर में लागू होने जा रहा है। अब यदि मौजूदा और नए स्थापित होने वाले उद्योग में रोजगार का कोई नया अवसर पैदा होता है तो वहां हर चार नौकरी में से तीन प्रदेश के युवाओं को मिलनी चाहिए।''

दुष्यंत चौटाला, उपमुख्यमंत्री

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