साइबर सिक्योरिटी को लेकर आइटी-आइटीईएस सेक्टर गंभीर

टेक्नोलॉजी के दौर में चीजें तेजी से डिजिटल और ऑनलाइन होती जा रही हैं। इससे जीवन से संबंधित सुविधाओं का तेजी से विकास एवं विस्तार होता जा रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 25 Nov 2019 08:29 PM (IST) Updated:Mon, 25 Nov 2019 08:29 PM (IST)
साइबर सिक्योरिटी को लेकर आइटी-आइटीईएस सेक्टर गंभीर
साइबर सिक्योरिटी को लेकर आइटी-आइटीईएस सेक्टर गंभीर

यशलोक सिंह, गुरुग्राम

टेक्नोलॉजी के दौर में चीजें तेजी से डिजिटल और ऑनलाइन होती जा रही हैं। इससे जीवन से संबंधित सुविधाओं का तेजी से विकास एवं विस्तार होता जा रहा है। इन सुविधाओं के साथ-साथ चुनौतियों का भी तेजी से सृजन हो रहा है। जो हर व्यक्ति और क्षेत्र के लिए चिता का विषय है। ऑटोमेशन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, इंटेलिजेंस ऑटोमेशन, इंटरनेट ऑफ थिग्स और ब्लॉकचेन जैसी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल के कारण साइबर हमले बढ़ते जा रहे हैं, जिससे देश को हर साल अरबों रुपये का घाटा हो रहा है। यही कारण है कि इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी-इंफोर्मेशन टेक्नोलॉजी इनेबल्ड सर्विसेज (आइटी-आइटीईएस) कंपनियां साइबर सिक्योरिटी को बड़ी गंभीरता बरत रही हैं। इससे जुड़े पेशेवरों की मांग हर क्षेत्र की कंपनियों में बढ़ने लगी है।

आइटी सहित अन्य कंपनियां अपने साइबर स्पेस को हमले, क्षति, दुरुपयोग और जासूसी से सुरक्षित बनाना चाहती हैं। दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में गुरुग्राम, दिल्ली और नोएडा आइटी-बीपीओ, मल्टीनेशनल एवं कॉरपोरेट कंपनियों के बड़े हब हैं। जहां हर साल साइबर फ्रॉड के कारण सैकड़ों करोड़ों रुपये की चपत कंपनियों को लगती है। साइबर फ्रॉड के कुछ ही मामले पुलिस तक जाते हैं। ऐसा इसलिए कि ठगी की शिकार कंपनियां अपनी बदनामी के डर से अपना नाम सार्वजनिक नहीं करना चाहती हैं। शहर स्थित आइटी कंपनी में अधिकारी विनीत मधवरे का कहना है कि उनकी कंपनी में हर माह साइबर सिक्योरिटी को लेकर विशेष सेशन होता है। नए-नए अपडेट से उन्हें अवगत कराया जाता है। ऐसा लगभग सभी कंपनियों में हो रहा है।

हाइटेक इंडिया के अध्यक्ष प्रदीप यादव का कहना है कि साइबर सिक्योरिटी के क्षेत्र में अमेरिका, चीन, ऑस्ट्रेलिया व जापान सहित कई देश ठोस काम कर रहे हैं। देश में इस दिशा में काम धीरे से हो रहा है। इसे लेकर साइबर सिक्योरिटी के क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञ चिता जता रहे हैं। साइबर सिक्योरिटी की चिता को देखते हुए नेशनल एसोसिएशन ऑफ सॉफ्टवेयर एंड सर्विसेज कंपनीज (नेस्कॉम) गुरुग्राम में तीन दिसंबर को एनुअल इंफॉर्मेशन सिक्योरिटी समिट का आयोजन किया जाएगा। जिसमें देश-विदेश के दिग्गज साइबर सिक्योरिटी पर मंथन करेंगे।

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इस वजह से महत्वपूर्ण है साइबर सिक्योरिटी

- नागरिकों, कंपनियों एवं सरकारी एजेंसियों को डिजिटल टेक्नोलॉजी के प्रति किया जा रहा प्रोत्साहन

- 2020 तक देश में स्टार्ट-अप क्षेत्र 225 बिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगा

- साइबर सुरक्षा उल्लंघन में भातर विश्व का पांचवां सबसे संवेदनशील देश

- 2017 में विश्व स्तर पर मैलवेयर, स्पैम और फिशिग अटैक का 5.09 फीसद भारत में हुआ

- देश में इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की बढ़ती संख्या इस मामले में अमेरिका और चीन के बाद भारत का स्थान

- 2020 तक देश के ग्रामीण क्षेत्रों में 75 फीसद नए उपयोगकर्ताओं सहित कुल इंटरनेट इस्तेमाल करने वालों की संख्या 730 मिलियन हो जाएगी

- देश में साइबर हमलों से हर साल अनुमानित हानि चार बिलियन डॉलर है, ध्यान नहीं दिया गया तो यह 10 साल में 20 बिलियन तक पहुंच सकता है

- बढ़ते ऑनलाइन कारोबार के कारण साइबर सिक्योरिटी की जरूरत अधिक

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