रसोईघर का बिगड़ा हिसाब, खाद्य तेलों से लेकर दाल तक पर महंगाई की मार

कोविड-19 महामारी के चलते आर्थिक रूप से त्रस्त लोगों पर महंगाई की मार से मुश्किल खड़ी हो गई है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 02 Mar 2021 04:13 PM (IST) Updated:Tue, 02 Mar 2021 04:13 PM (IST)
रसोईघर का बिगड़ा हिसाब, खाद्य तेलों 
से लेकर दाल तक पर महंगाई की मार
रसोईघर का बिगड़ा हिसाब, खाद्य तेलों से लेकर दाल तक पर महंगाई की मार

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: कोविड-19 महामारी के चलते आर्थिक रूप से त्रस्त लोगों पर महंगाई की मार से मुश्किल खड़ी हो गई है। लोगों का कहना है कि डीजल, पेट्रोल और रसोई गैस की बढ़ी कीमत तो पसीने छुड़ा रही थीं इसी बीच खाद्य तेलों और दालों की कीमत में जो उछाल आया है उसने रसोई का बजट बिगाड़ दिया है। महंगाई से परेशान साइबर सिटी के लोगों का कहना है कि इस पर सरकार को तुरंत नियंत्रण करने के लिए जल्द से जल्द ठोस कदम उठाने चाहिए। ऐसा नहीं हुआ तो लोगों की जेब पर बोझ बढ़ जाएगा।

खाद्य तेलों और दालों की कीमत में जिस प्रकार से वृद्धि हो रही है उससे गृहिणियां काफी परेशान हैं। उनका कहना है कि पूरी सर्दी प्याज, लहसुन और टमाटर के भाव अधिक रहे। कई बार आलू ने भी परेशान किया। अब खाद्य तेलों और दाल के भाव चढ़े हैं। समझ में नहीं आ रहा है कि यह महंगाई कहां जाकर थमेगी। गृहिणी वंदना शर्मा का कहना है कि पहले रसोई गैस की कीमत कम थी। इस पर सब्सिडी मिल रही थी अब वह भी नहीं मिल रही है। ऊपर से इसके दाम लगातार बढ़ते जा रहे हैं। ऐसी स्थिति में खाद्यानों की कीमत अधिक होने से समझ में नहीं आ रहा है कि क्या किया जाए।

व्यापारियों का कहना है कि दालों से लेकर खाद्य तेल तक का थोक भाव बढ़ा हुआ है। इस कारण इनकी खुदरा कीमत अधिक हो गई है। कारोबारी दीपक का कहना है कि महंगाई का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि टाटा टी का एक किलोग्राम का जो पैकेट लगभग ढाई माह पहले 300 रुपये में था, अब उसकी कीमत बढ़कर 500 रुपये हो गई है। वस्तुएं- पहले भाव- अब भाव

रिफाइंड तेल 100- 150

सरसों का तेल-115-150

चना दाल-70-78

मूंग की दाल-120-125

अरहर दाल-110-120

(रुपये प्रति लीटर/प्रति किलो)

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