सिरसा बना टॉपर, पानीपत फिसल कर फिसड्डी हुआ

प्रदेश में ¨लगानुपात के मामले में दो साल से यथास्थिति बरकरार है। 201

By JagranEdited By: Publish:Tue, 15 Jan 2019 06:01 PM (IST) Updated:Tue, 15 Jan 2019 06:01 PM (IST)
सिरसा बना टॉपर, पानीपत फिसल कर फिसड्डी हुआ
सिरसा बना टॉपर, पानीपत फिसल कर फिसड्डी हुआ

अनिल भारद्वाज, गुरुग्राम

प्रदेश में ¨लगानुपात के मामले में दो साल से यथास्थिति बरकरार है। 2018 में एक हजार लड़कों पर लड़कियों की संख्या 914 दर्ज हुई है। 2017 में भी यह संख्या इतनी ही थी। इसके पहले वर्ष 2016 में ¨लगानुपात 900 रहा था। खास बात यह रही कि 2017 में लिंगानुपात के मामले में पहले पायदान पर रहा पानीपत जिला इस बार सबसे फिसड्डी जिलों में शुमार हो गया है।

वर्ष 2018 में सिरसा जिला टॉप पर रहा। वहां प्रति एक हजार लड़कों पर 935 लड़कियों की संख्या दर्ज की गई। प्रदेश में सबसे खराब लिंगानुपात झज्जर जिले का रहा। वहां एक हजार लड़कों पर मात्र 875 लड़कियों ने जन्म लिया। वर्ष 2017 में 945 ¨लगानुपात के साथ पानीपत जिला प्रथम स्थान पर रहा था। लेकिन 2018 में यहां बड़ी गिरावट दर्ज की गई। यहां का ¨लगानुपात 900 रहा है। वर्ष 2017 में महेंद्रगढ़ जिला 881 ¨लगानुपात के साथ सबसे पीछे रहा था, अब वहां थोड़े सुधार के साथ 898 ¨लगानुपात दर्ज किया गया है। गुरुग्राम को वर्ष 2017 में 16वां स्थान मिला था और वर्ष 2018 में भी 16वें स्थान पर रहा। जिला लिंगानुपात

सिरसा - 935

करनाल - 934

जींद - 927

सोनीपत - 925

यमुनानगर - 925

कुरुक्षेत्र - 924

पंचकूला - 922

भिवानी - 918

नूंह - 918

फरीदाबाद - 917

अंबाला - 916

कैथल -916

हिसार - 913

पलवल - 912

रेवाड़ी -912

गुरुग्राम - 901

पानीपत - 900

महेंद्रगढ़ - 898

रोहतक - 895

फतेहाबाद - 892

झज्जर - 875

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