आरआरटीएस परियोजना परवान चढ़ने से इंडस्ट्री, रियल एस्टेट को मिलेगा फायदा

नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (एनसीआरटीसी) की प्रस्तावित रिजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) परियोजना के अंतर्गत दिल्ली-गुरुग्राम-अलवर कॉरिडोर के पहले फेज की डीपीआर को मंजूरी के बाद दिल्ली-गुरुग्राम-एसएनबी (शाहजहांपुर-नीमराणा- बेहरोड़) के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। इस कॉरिडोर को लेकर जियो-टेक्निकल इंवेस्टिगेशन भी शुरू हो चुका है। इसके परवान के बाद गुरुग्राम के बुनियादी ढांचे में बड़ा बदलाव आएगा। जिसका फायदा आमजन के साथ-साथ इंडस्ट्री एवं रियल एस्टेट क्षेत्र को भी मिलेगा। गुरुग्राम देश का ऐसा इकलौता शहर भी बन जाएगा जहां पर भारतीय रेल, डीएमआरसी मेट्रो, रैपिड मेट्रो एवं रैपिड रेल की कनेक्टिविटी होगी।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 20 Feb 2019 07:21 PM (IST) Updated:Wed, 20 Feb 2019 07:21 PM (IST)
आरआरटीएस परियोजना परवान चढ़ने से इंडस्ट्री, रियल एस्टेट को मिलेगा फायदा
आरआरटीएस परियोजना परवान चढ़ने से इंडस्ट्री, रियल एस्टेट को मिलेगा फायदा

यशलोक ¨सह, गुरुग्राम

नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (एनसीआरटीसी) की प्रस्तावित रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) परियोजना के अंतर्गत दिल्ली-गुरुग्राम-अलवर कॉरिडोर के पहले फेज की डीपीआर को मंजूरी के बाद दिल्ली-गुरुग्राम-एसएनबी (शाहजहांपुर-नीमराणा- बेहरोड़) के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। इस कॉरिडोर को लेकर जियो-टेक्निकल इनवेस्टिगेशन भी शुरू हो चुका है। इसके परवान के बाद गुरुग्राम के बुनियादी ढांचे में बड़ा बदलाव आएगा। जिसका फायदा आमजन के साथ-साथ इंडस्ट्री एवं रियल एस्टेट क्षेत्र को भी मिलेगा। गुरुग्राम देश का ऐसा इकलौता शहर भी बन जाएगा जहां पर भारतीय रेल, डीएमआरसी मेट्रो, रैपिड मेट्रो एवं रैपिड रेल की कनेक्टिविटी होगी।

आरआरटीएस परियोजना के लिए कुल 6436 करोड़ रुपये की मंजूरी प्रदेश सरकार की कैबिनेट ने दे दी है। वित्त वर्ष 2019-20 के लिए कैबिनेट ने 500 करोड़ रुपये की प्रारंभिक पूंजी भी मंजूर कर ली गई है। एनसीआरआरटीसी बोर्ड इस परियोजना की कार्यान्वयन एजेंसी है उसने दिसंबर, 2018 में दिल्ली-गुरुग्राम-एसएनबी (शाहजहांपुर-नीमराना-बेहरोड़ अर्बन कांप्लेक्स) आरआरटीएस कॉरिडोर को (106 किमी) के डीपीआर को मंजूरी दी थी7 गुरुग्राम की ²ष्टि से देखा जाए तो आरआरटीएस स्टेशनों का निर्माण उद्योग विहार, सेक्टर-17, राजीव चौक, खेड़कीदौला, पंचगांव, बिलासपुर, धारूहेड़ा, बावल, एसएनबी में होना तय किया गया है। इनके बनने से इन क्षेत्रों की परिवहन व्यवस्था आधुनिक होने के साथ-साथ मजबूत भी होगी। इससे गुरुग्राम के विकास को बड़ा बल मिलेगा। रैपिड रेल के माध्यम से लोग गुरुग्राम से एनसीआर के शहरों (दिल्ली, गाजियाबाद, मेरठ, मानेसर, धारूहेड़ा, बावल, नीमराना, सोनीपत, पानीपत आदि) तक त्वरित गति से पहुंच सकते हैं।

गुरुग्राम रियल एस्टेट का बड़ा हब है। आरआरटीएस परियोजना के आने के बाद इस क्षेत्र की मंदी के दूर होने की भी पूरी संभावना है। इस क्षेत्र से जुड़े लोगों का कहना है कि इस परियोजना के फलीभूत होने के बाद विदेशी निवेश को बढ़ावा मिलेगा। इससे प्रॉपर्टी खरीदार भी आगे आएंगे। यह आरआरटीएस स्मार्ट लाइन प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्रों से गुजरेगी। इससे दिल्ली, गुरुग्राम, रेवाड़ी, मानेसर, धारूहेड़ा, बावल और आसपास के औद्योगिक क्षेत्र आपस में जुड़ जाएंगे। लाखों लोगों का आना-जाना आसान हो जाएगा।

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एक नजर में आरआरटीएस-

- आरआरटीएस ट्रेन की अधिकतम स्पीड 160 किलोमीटर प्रति घंटा होगी

- इस ट्रेन की औसत गति 100 किलोमीटर प्रति घंटा होगी

- आरआरटीएस के सभी कोच वातानुलूकित होंगे

- इसमें हवाई जहाज जैसी सीटें होंगी

- महिलाओं के लिए विशेष कोच की सुविधा

- बिजनेस क्लास के लिए अलग कोच

- एनसीआरटीसी में केंद्र सरकार 50, हरियाणा, एनसीटी दिल्ली, उत्तर प्रदेश एवं राजस्थान की सरकारें 12.5 फीसद राशि देंगी

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आरआरटीएस परियोजना के परवान चढ़ने से कई औद्योगिक क्षेत्र आपस में जुड़ जाएंगे। इससे औद्योगिक क्षेत्रों में काम करने वालों को बड़ी सुविधा हो जाएगी। सभी का आवागमन काफी आसान हो जाएगा।

जेएन मंगला, अध्यक्ष, गुड़गांव इंडस्ट्रियल एसोसिएशन

-- आरआरटीएस के आने से कनेक्टिविटी बढ़ेगी। इसके स्टेशन के आसपास के क्षेत्रों में रियल एस्टेट डेवलपर्स निवेश के लिए उत्साहित होंगे। इससे गुरुग्राम के रियल एस्टेट मार्केट को बूम मिलेगा।

आशीष सरीन, सीईओ, अल्फाकॉर्प

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