सिर्फ जेनरेटर के ही सहारे हैं कई सोसायटियां

एनवॉयरमेंट पॉलुशन (प्रीवेंशन एंड कंट्रोल) अथॉरिटी ने दिल्ली एनसीआर में डीजी सेट के प्रयोग पर जो प्रतिबंध लगाया है इसको लेकर गुरुग्राम की अधिसंख्य नई सोसायटियों की व्यवस्था में तैयारी नहीं है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 16 Oct 2019 06:39 PM (IST) Updated:Thu, 17 Oct 2019 06:16 AM (IST)
सिर्फ जेनरेटर के ही सहारे हैं कई सोसायटियां
सिर्फ जेनरेटर के ही सहारे हैं कई सोसायटियां

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: एन्वायरमेंट पल्यूशन (प्रीवेंशन एंड कंट्रोल) अथॉरिटी या ईपीसीए द्वारा दिल्ली एनसीआर में डीजल जेनरेटर (डीजी सेट) के प्रयोग पर लगाई पाबंदी का गुरुग्राम की अधिकांश नई सोसायटियों में पालन हो पाना मुमकिन ही नहीं है। कुछ नई सोसायटियों के पास तो बिजली का कनेक्शन तक नहीं है। अधिसंख्य के अपने फीडर नहीं हैं, उन्हें आस-पास के गांवों के फीडर से कनेक्शन मिला है। ऐसे में नई सोसायटियों में करीब चार से पांच घंटे बिजली नहीं रहना आम बात है। तेज गर्मी या सर्दी के मौसम में छह से आठ घंटे बिजली नहीं होती। दूसरी ओर 15 से 20 मंजिला इमारतों के लिए पावर बैकअप यानी डीजी सेट से सिर्फ लिफ्ट चलाई जाए, ऐसा इंफ्रास्ट्रक्चर ही नहीं है। लोगों का कहना है कि अगर भारी क्षमता वाले डीजल जेनरेटर को केवल लिफ्ट के लिए चलाएंगे तो भी प्रदूषण तो कम नहीं होगा।

लोगों का कहना है कि सरकार का यह आदेश अव्यावहारिक है। खासतौर पर गुरुग्राम के संदर्भ में तो हकीकत है कि यहां किसी भी इलाके में 24 घंटे बिजली नहीं रहती है। नए सेक्टरों में तो बिजली इंफ्रास्ट्रक्चर ही पूरा नहीं है। अधिसंख्य सोसायटियों के पास आंशिक कनेक्शन हैं। ज्यादा लोड होने के कारण अक्सर ट्रांसफार्मर फुंकते रहते हैं, जिसे बनने में समय लग जाता है। हाईराइज बिल्डिग में केवल लिफ्ट ही नहीं बल्कि पानी की जरूरत, मेडिकल उपकरणों को चलाने जैसे कई जीवन के लिए बहुत जरूरी काम बिजली के सहारे होते हैं। जेनरेटर पर प्रतिबंध बगैर सौर ऊर्जा या कोई वैकल्पिक इंतजाम किए संभव नहीं है।

तिगुनी दर होती है डीजी सेट के बिजली की

लोगों को डीजी बैकअप पर आम बिजली बिल की तुलना में लगभग तीन गुना दर से भुगतान करना होता है। बिजली निगम की बिजली के लिए 6.70 रुपये प्रति यूनिट बिल देते हैं, जबकि डीजी सेट पर करीब 20 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली बिल देना होता है। डीजी के प्रयोग की मजबूरी को सरकार खत्म कर सारे नियम लागू करे। केवल लिफ्ट के प्रयोग के लिए डीजी चलाएंगे तो भी अगर 1500 केवी क्षमता का डीजी है तो वह पूरा चलेगा और उससे प्रदूषण उतना ही होगा।

- प्रवीण मलिक, आरडब्ल्यूए अध्यक्ष सारे होम्स, सेक्टर 92 प्रवक्ता, न्यू गुरुग्राम यूनाइटेड एसोसिएशन हमारी सोसायटी में बिजली निगम की बिजली नहीं है। करीब तीन साल से लोग रह रहे हैं। अभी करीब 140 फ्लैटों में लोग रह रहे हैं। बिल्डर 125 लोगों को और पजेशन देने की तैयारी में है। यहां बिजली का कनेक्शन ही नहीं है, ऐसे में नियमों का पालन संभव नहीं है। हमारी हाईराइज बिल्डिग में अगर डीजी पर रोक लगा दी जाए तो हमारा काम तो बिल्कुल ही नहीं चलेगा, क्योंकि हम पूरी तरह डीजी पर निर्भर हैं।

- विपिन चौहान, आइएलडी ग्रींस, सेक्टर 37 सी सरकार पहले 24 घंटे बिजली उपलब्ध कराए तब जाकर ऐसे नियम लागू हो सकते हैं। काफी पैसे खर्च कर जो पावर बैकअप का सिस्टम बना है, उसे केवल लिफ्ट के लिए प्रयोग में लाया जाए, यह व्यावहारिक रूप से संभव नहीं है। हमारे यहां 52 सोसायटियां हैं जिनमें कई के पास बिजली का कनेक्शन भी नहीं है। सरकार वैकल्पिक व्यवस्था करे तभी यह नियम लागू हो सकेगा।

- याशीष यादव, द्वारका एक्सप्रेस-वे आरडब्ल्यूए एसोसिएशन।

chat bot
आपका साथी